अपवाह अथवा अनुगमन वेग किसे कहते हैं, परिभाषा एवं सूत्र || Drift Velocity Definition in Hindi Class 12th

डिअर स्टूडेंट्स, यदि आप अपवाह वेग किसे कहते है या फिर अनुगमन वेग किसे कहते है इसके बारे में अच्छे …

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आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं कृतियाँ || Acharya Hazari Prasad Dwivedi Ji Ka Jeevan Parichay, Sahityik Parichay Aur Rachna

प्यारे स्टूडेंट्स, आज हम सभी लोग आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं उनकी कृतियाँ के बारे में अच्छे से जानेंगे. हम इसके अंतर्गत आचार्य हजारी प्रसाद जी का जन्म कब हुआ था और कहा हुआ था इसके साथ – साथ इनकी मृत्यु कब हुई थी इसके बारे में अच्छे से जानेंगे.

 
मैं आपको आज एक दम सरल शब्दों में इनका जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय को बताने वाला हु. इसलिए आप इसे अंत तक जरुर पढियेगा. यह आपके बोर्ड एग्जाम में कम से कम पांच अंक में आना तय है.
पको acharya hazari prasad dwivedi ka jeevan parichay लिखने का तीन अंक मिलते है. यह तीन अंक सिर्फ जीवन परिचय लिखने से नहीं मिलते है आपको इसके साथ ही साथ acharya hazari prasad dwivedi ka sahityik parichay भी लिखना पड़ेगा. यह दोनों मिलाकर के आपको तीन अंक मिलेंगे.

इसके आलावा आपको आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की कृतियाँ यानी की रचना लिखने के दो अंक मिलेंगे. इसप्रकार आपके कुल पांच अंक पूरा होंगे. आपको मैं एक बात और बताना चाहता हु की यह सभी चीज आपको 80 शब्द में लिखने होते है तब जाकर आपको कुल पांच अंक दिए जायेंगे.

 

जानिए ‘आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं कृतियाँ’ सरल शब्दों में

यदि आप आसानी से आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जीवन परिचय याद करना चाहते है तो आपको निचे मिल जाएगी. यह जीवन परिचय आपको सबसे शोर्ट में दी गयी है जिसे आप जल्दी से कंठस्थ कर सकते है.
 
अब यहाँ पर बहुत सारे स्टूडेंट्स के मन में एक सवाल उठ रहा होगा की क्या इतना ही लिखने से पूरा नंबर मिल जायेगा ? तो मैं उन स्टूडेंट्स से कहना चाहूँगा की आपको बोर्ड एग्जाम में जीवन परिचय नहीं लिखने को कहा जाता है आपसे केवल आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का साहित्यिक परिचय लिखने को बोला जाता है लेकिन हम अपनी ओर से जीवन परिचय लिखते है ताकि आपका 80 शब्द जल्दी पूरा हो सके.
 
 
जीवन परिचय : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी का जन्म सन् 1907 ई० में बलिया जिले के दुबे का छपरा नामक ग्राम में हुआ था. आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी था. काशी जाकर इन्होने संस्कृत – साहित्य और ज्योतिष का उच्च स्तरीय ज्ञान प्राप्त किया. हालांकि इन्होने अपने पिता से ही शुरुवाती दौर में ज्योतिष का ज्ञान अर्जित किया था. इन्होने कई विश्वविद्यालयो में अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया है. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी जी की मृत्यु सन् 1979 ई० में हो गयी.

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प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं कृतियाँ || Pro Ji Sundar Reddy Ka Jivan Parichay, Sahityik Parichay

डिअर स्टूडेंट्स, आज हम प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं उनकी कृतियाँ यानी की रचनाए के …

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बोर्ड एग्जाम में किस पेन से लिखे || बोर्ड परीक्षा में किस पेन से लिखना चाहिए

बोर्ड एग्जाम में किस पेन से लिखे

आज हम जानेंगे की बोर्ड एग्जाम में किस पेन से लिखे ताकि एग्जामिनर के उपर आपके प्रति एक अच्छा प्रभाव पड़े. …

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