डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय, कृतियाँ रचनाये

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दोस्तों आज हम आपको डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय के साथ – साथ कृतियाँ यानी रचनाये भी बताएँगे. हमने एक सिरीज शुरू किया है जिसमे आपको सबसे सरल शब्दों में जीवन परिचय एवं कृतिया देखने को मिलेगी. 

यदि आप सबसे आसान में Vasudev Sharan Agrawal Ka Jivan Parichay Sahitya Parichay Hindi Mein चाहते है तो आप इसे अंत तक पढ़िए. मैं आपको इतने अच्छे से बताऊंगा की आपको रट्टा मारने की जरुरत नहीं पड़ेगी. 

आप लोगो को तो पता ही होगा की वासुदेव शरण अग्रवाल का जीवन परिचय कक्षा 12 में सामान्य हिंदी में पूछा जाता है. इसके अलावा भी बहुत सारे एग्जाम में वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय को पूछ दिया जाता है.

सरल शब्दों में ‘डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय: डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल का जन्म सन् 1904 ई० में लखनऊ के मेरठ जिले के खेड़ा नामक ग्राम में हुआ था. इनके माता – पिता लखनऊ में रहते थे. इसलिए इनकी बाल्यावस्था लखनऊ में ही व्यतीत हुई.

लखनऊ विश्वविद्धालय से इन्होने एम० ए० की परीक्षा उत्तीर्ण की. यही से इन्होने पीएचडी व डी० लिट्० की उपाधि प्राप्त की. इन्होने पाली, संस्कृत, अंग्रेजी आदि भाषाओ तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति और पुरातत्व का गहन अध्ययन किया.

उसके बाद ये भारतीय पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष भी रहे. ये बहुत से संस्थाओ के सभापति भी रहे. ये उच्च कोटि के विद्वान माने जाते है. हिंदी जगत के जाने माने लेखक वसुदेवशरण अग्रवाल जी सन् 1967 ई० को इस संसार को छोड़ कर चले गए.

दोस्तों यह तो Vasudev Sharan Agrawal Ka Jivan Parichay Class 12th वाला अभी पूरा हुआ है. अभी तो इनका साहित्यिक परिचय बाकी है. चलिए अब हम वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्यिक परिचय के बारे में जान लेते है.

साहित्यिक परिचय: डॉ० वासुदेव शरण अग्रवाल जी ने अपना पूरा जीवन साहित्यिक रचनाओ को संस्कृत और हिंदी में लिखने में व्यतीत किया. इनकी भाषा खड़ी बोली थी. हिंदी में रचनाएँ लिखने के बाद उन्हें संस्कृत में निबंध, ग्रन्थ, अध्याय और अनुवाद लिखने का शौक था.

इन्होने अपना जीवन साहित्य के क्षेत्र में व्यतीत किया. इनके हृदय में साहित्य सेवा के प्रति अनमोल विचार थे. इन्होने अपनी कई प्रचलित कविताओ को संस्कृत में अनुवाद किया.

आप बिलकुल भी यह मत सोचियेगा की आप अगर वासुदेव शरण अग्रवाल का यह साहित्यिक परिचय लिखेंगे तो आपका नंबर कटेगा. ऐसा कुछ भी नहीं है बस आपका 80 शब्द पुरे होने चाहिए जो की इससे अधिक ही है.

अब हम लोग Vasudev Sharan Agrawal Ki Rachnaye अर्थात Vasudev Sharan Agrawal Ki Kritiyan को जानेंगे. यदि आप कृतिया को नहीं लिखेंगे को आपके 2 अंक काट लिए जायेंगे. इस लिए रचनाये जरुर लिखे.

वासुदेव शरण अग्रवाल जी का कृतियाँ (रचनाये): डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल जी की रचनाये निम्नलिखित है – पृथ्वीपुत्र, कल्पलता, कल्पवृक्ष, भारत की एकता, राष्ट्र का स्वरूप आदि इनकी रचनाये है.

                                अथवा 

वासुदेव शरण अग्रवाल की कृतियाँ निम्नलिखित है –

निबन्ध संग्रह: पृथ्वीपुत्र, कल्पलता, कला और संस्कृति, कल्पवृक्ष, भारत की एकता, माता भूमि, वाग्धारा इत्यादि.

शोध: पाणिनीकालीन भारत.

सम्पादन: जायसी कृत, पद्मावत की संजीवनी व्याख्या बाणभट्ट के हर्षचरित्र का संस्कृतिक अध्ययन.

यदि आपके पास समय बहुत कम है तो आप बेझिझक अथवा के उपर वाला ही रचनाये तैयार कर लीजिये आपको पुरे अंक मिलेंगे.

लेकिन यदि आपके पास समय है तो आप अथवा वाले रचनाये को ही तैयार करे. ऐसा क्यों? तो ऐसा इसलिए की यदि आप अथवा के निचे वाले याद करते है तो आपको न बल्कि यह यहाँ काम आएगा बल्कि आपका बहुविकल्पीय प्रश्न भी तैयार हो जायेंगे.

आप अक्सर देखे होंगे की बहुविकल्पीय प्रश्न में कुछ इस प्रकार से भी प्रश्न पूछे जाते है जैसे – पृथ्वीपुत्र एक रचना है? अब आप्शन में चार विकल्प दिए होंगे जिसमे से एक होगा निबन्ध संग्रह और आपको वही लिखना होगा.

उम्मीद है आपको समझ में आ रही होगी की मैं क्या कहना चाहता था. यदि आप अथवा वाले रचनाये याद करते है तभी आप इस तरह के प्रश्न को हल कर पाएंगे. मेरा ऐसा लिखने का मोटिव बस यही था.

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कुछ सवाल जवाब डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं  कृतियाँ से समन्धित 

दोस्तों हम लोगो ने Vasudev Sharan Agrawal Ji Ka Jeevan Parichay Sahityik Parichay Hindi Mein जान लिए है लोग अब हम लोग इनसे समन्धित कुछ प्रश्न है जिनको बार – बार आपके द्वारा पूछा गया है. इसलिए अब हम उन सवालों का जवाब जानेंगे. चलिए हम लोग अपने पहले सवाल से शुरू करते है.

वासुदेव शरण अग्रवाल के माता पिता का क्या नाम था?

मेरे प्यारे छात्रो आप सभी को बताना चाहूँगा की वासुदेव शरण अग्रवाल के माता पिता के नाम के बारे में इतिहास में कही जिक्र नहीं हुआ है. इसलिए आप लोग इनके माता – पिता के नाम नहीं लिखेंगे तो भी कार्य चल जायेगा.

आपको कही भी वासुदेव शरण अग्रवाल के माता पिता का नाम नहीं मिलेगा. यदि कही मिलता है तो वह पूरी तरह से फर्जी है, आप लोग उस पर यकीन न करे. मुझे उम्मीद है की आप सभी को वासुदेव शरण अग्रवाल के माता पिता का क्या नाम था इसका जवाब मिल गया होगा.

वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्य में स्थान?

वासुदेव शरण अग्रवाल का साहित्य में स्थान उच्च कोटि में था. यह साहित्य जगत के महान लेखको में से एक थे. यह एक उच्च कोटि के पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष माने जाते थे. इन्हें संस्कृत में बहुत ज्ञान था इसलिए इन्हें उच्च कोटि के विद्वान् भी कहा गया है.

डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल की भाषा शैली बताइए?

चलिए मित्रो अब हम लोग वासुदेव शरण अग्रवाल की भाषा शैली के बारे में जान लेते है. मैंने आपको साहित्यिक परिचय में ही बताया था की वासुदेव शरण अग्रवाल जी का भाषा शैली शुद्ध खड़ी बोली है.

उम्मीद है की आपको इस प्रश्न का भी जवाब मिल गया होगा. चलिए अब हम अपने अगले प्रश्न की तरफ चलते है. आपके मन में भी कोई प्रश्न है तो आप निचे कमेंट में छोड़ सकते है.

डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल का निबंध संग्रह है?

वासुदेव शरण अग्रवाल का निबन्ध संग्रह पृथ्वीपुत्र, कल्पलता, कला और संस्कृति, कल्पवृक्ष, भारत की एकता, माता भूमि, वाग्धारा इत्यादि है. इस प्रश्न का जवाब मैंने पहले ही रचनाये में डे दिया था लेकिन मैंने एक बार फिर से आपको बता दिया है.

निष्कर्ष

यदि आप अच्छे से डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय को तैयार कर लेते है तो आपके आधा से अधिक प्रश्नों का जवाब तो उसी में मिल जायेगा.

दोस्तों अब हम लोग इस लेख को यही समाप्त करते है. आपको जिस लेखक के भी जीवन परिचय या साहित्यिक परिचय चाहिए आप हमारे इस ब्लॉग के मुख्य पेज पर जाकर कैटेगरी से पढ़ सकते है.

मैंने लगभग सभी लेखको का ऐसे ही आसान भाषा में लिख रखा है. आप हमारे चैनल पर जाकर भी बोर्ड की बेहतरीन तैयारी कर सकते है. यदि आपको “डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय, कृतियाँ रचनाये” पसंद आये है तो अपने सभी मित्रो के पास शेयर जरुर कीजिये

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