वह न्यूनतम ऊर्जा जो किसी धातु की सतह से प्रकाश इलेक्ट्रान उत्सर्जित कराने के लिए आवश्यक होती हैं, उसे प्रकाश विद्युत कार्य फलन अथवा देहली उर्जा कहते हैं।
इसको हम इस तरह से भी समझ सकते है की मान लीजिये कोई धातु है और आप जानते है की धातु के पास इलेक्ट्रान रहती है।
यदि इस धातु पे प्रकाश फोटान को अपतित किया जाए तो इससे इलेक्ट्रान उत्सर्जित होंगे।
परन्तु धातु पे प्रकाश फोटान अपतित होने का वह सबसे कम मानक दर, जिसपे धातु की सतह से इलेक्ट्रानो का उत्सर्जन होना प्रारम्भ हो जाये वही देहली उर्जा अथवा प्रकाश विद्युत कार्य फलन कहलाता है।
देहली ऊर्जा को प्रकाश विद्युत कार्य फलन भी कहते हैं। देहली ऊर्जा का SI मात्रक ‘जूल’ है और इसको W से पदर्शित करते है जिसका सूत्र निम्न है –
देहली उर्जा (W) = h𝜈० जूल