धातु और अधातु किसे कहते हैं? परिभाषा, उदाहरण, उपयोग एवं अंतर

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आज के इस आर्टिकल में धातु किसे कहते हैं Class 10 और अधातु किसे कहते हैं Class 10 के बारे में सबसे बेहतरीन जानकारी में आपको देने वाला हूं।

धातु ऐसे तत्व होते हैं जो की कठोर मजबूत एवं विद्युत के सुचालक होते हैं और अधातु विद्युत के चलकता को नहीं दर्शाते हैं। धातु और अधातु के बारे में आगे हम और विस्तार से समझेंगे।

धातु किसे कहते हैं उदाहरण

वह तत्व अथवा पदार्थ जो कठोर, मजबूत, आघातवर्धक, तन्य, चमकीला के साथ – साथ विद्युत और ऊष्मा का बेहतर सुचालक होता है, धातु कहलाता है।

आघातवर्धक का मतलब यह होता है कि उसे कितना भी पीटा जाए तो वह टूटता नहीं है बल्कि वह फैलता है। इसी तरह तन्य का मतलब धातु को खींचकर तार जैसा लंबा किया जा सकता है।

धातु एक ऐसा तत्व भी है जो इलेक्ट्रॉन को त्यागने की क्षमता रखता है इसके पश्चात वह धनावेशित हो जाता है।

धातु का उदाहरण

धातु एक खनिज पदार्थ है जो कि हमें भूमि एवं अयस्कों से खनिज के रूप में मिलता है, उदाहरण के लिए तांबा (Cu), लोहा (Fe), मैग्नीशियम (Mg) सोना(Au), चांदी(Ag), एल्युमिनियम (Al) आदि धातु का उदाहरण हैं।

धातु के उपयोग

धातु का उपयोग निम्न चीजों में किया जाता है –

  • विद्युत तार बनाने में धातु का उपयोग किया जाता है।
  • गाड़ी अथवा वहां को बनाने में भी धातु का उपयोग किया जाता है।
  • इंजीनियरिंग क्षेत्र प्रयोगात्मक कार्य के लिए भी धातु का उपयोग किया जाता है।
  • भावन एवं कारखाने के निर्माण में भी धातु का उपयोग होता है।
  • साज – सज्जा के सामान जैसे ज्वेलरी में भी धातु का इस्तेमाल किया जाता है।

धातु के गुण

धातु के गुण निम्न होते हैं –

  • धातु सामान्य तापमान पर कठोर होते हैं एवं उच्च तापमान में नरम होते हैं।
  • धातु एक ठोस पदार्थ होता है जो कमरे के तापमान पर मजबूत होते हैं।
  • धातु उच्च तापमान पर फैलता है एवं निम्न तापमान पर सिकुड़ता है।
  • धातु को उच्च तापमान पर गर्म करने पर इसे मनचाहा आकार में डाला जा सकता है।
  • धातु कठोर होने के कारण आर – पार नहीं देखा जा सकता है अर्थात यह अपारदर्शी होते हैं।

अधातु किसे कहते हैं उदाहरण सहित

अधातु एक ऐसा तत्व है जो धातु के बिल्कुल विपरीत होता है। वह तत्व जो मुलायम, भंगुर, ऊष्मा, तथा विद्युत का कुचालक होता है, अधातु कहलाता है।

अधातु एक ऐसा तत्व है जिसमें विद्युत धारा को प्रवाहित नहीं किया जा सकता अर्थात यह विद्युत रोधी भी होते हैं। अधातु ऋणावेशित तत्व होते हैं इसीलिए यह इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करने की सामर्थ्य रखते हैं।

अधातु का उदाहरण

अधातु का उदाहरण हाइड्रोजन (H2), आयोडीन (I), कार्बन (C), सल्फर (S), क्लोरिन (Cl), ऑक्सीजन (O2), हिरा आदि है जिसमें विद्युत धारा प्रवाहित नहीं की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त आपके आस – पास मौजूद वस्तु भी अधातु में ही आती है जिसमे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं की जा सकती है, जैसे प्लास्टिक, कागज, सुखा लकड़ी, सुखी मिट्टी आदि।

अधातु के उपयोग

धातु की तरह अधातु का अभी उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है जो कि निम्न है –

  • कीटनाशक पदार्थ एवं दवाइयां में अधातु का उपयोग होता है।
  • हिरा जोकी एक अधातु है, उसका उपयोग आभूषण में किया जाता है।
  • सल्फर का उपयोग सल्फ्यूरिक अम्ल एवं क्लोरीन का उपयोग कीटनाशक में होता है।
  • प्रयोगशालाओं में भी अधातु का उपयोग होता है।
  • अधातु का उपयोग कृषि क्षेत्र में, भोजन पदार्थ में पोषक तत्व के रूप में एवं शरीर के लिए ऑक्सीजन के रूप में भी होता है।

अधातु के गुण

अधातु के गुण निम्नलिखित है –

  • अधातु ऋणावेशित तत्व है और इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की क्षमता रखता है।
  • अधातु में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है अर्थात विद्युत के कुचालक होते हैं।
  • अधातु तत्व है जैसे क्लोरीन, नाइट्रोजन का उपयोग जीवाणुरोधी होता है।
  • अधातु का कथानांक एवं गलनांक बहुत ही निम्न होता है।
  • यह अचुम्बकीय एवं कम घनत्व वाले होते हैं।

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उपधातु किसे कहते हैं उदाहरण सहित

कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो धातु के भी गुण को दर्शाते हैं और अधातु के गुण को भी दर्शाते हैं और ऐसे तत्व को उपधातु कहते हैं।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वह तत्व जिसमें धातु और अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं उन्हें उपधातु कहते हैं।

उपधातु के उदाहरण

उपधातु के उदाहरण सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, पोलेनियम, टेलिरियम, एन्टिमनी आदि सभी तत्व हैं जिनमें धातु एवं उपधातु दोनों के लक्षण विद्यमान है।

उपधातु के उपयोग

उपधातु के उपयोग निम्नलिखित है –

  • उपधातु का उपयोग मिश्र धातुओं के बनाने में किया जाता है।
  • उपधातु का उपयोग सेमीकंडक्टर बनाने में भी किया जाता है।
  • उपधातु का उपयोग उद्योग क्षेत्र में भी किया जाता है।
  • डायोड, ट्रांजिस्टर आदि को बनाने में भी उपधातु का प्रयोग किया जाता है।

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धातु और अधातु में अंतर क्या है?

हम लोगों ने धातु किसे कहते हैं और अधातु किसे कहते हैं के बारे में समझ लिया है। अब हम धातु और अधातु के बीच अंतर को समझने वाले हैं। धातु और अधातु के बीच अंतर निचे टेबल के माध्यम से आप समझ सकते हैं –

क्र० स० धातु अधातु
1.धातु में ऊष्मा एवं धारा का स्थानांतरण हो सकता है।अधातु में ऊष्मा एवं धारा का स्थानांतरण नहीं हो सकता है।
2.धातु का क्वथनांक एवं गलनांक काफी उच्च होता है।अधातु का क्वथनांक एवं गलनांक काफी कम होता है।
3.धातु का उदाहरण लोहा, सोना, चाँदी, एल्युमिनियम आदि है।अधातु का उदाहरण क्लोरीन, सल्फर, कार्बन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि है।
4.धातु में अणुओ के बीच की दूरी कम होती है।अधातु में अणुओ के बीच की दूरी ज्यादा होती है।
5.धातु इलेक्ट्रॉन त्याग कर धनायन बन जाता है।अधातु इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करता है और यह ऋणावेशित होता है।
6.सामान्य तापमान पर धातु ठोस होते हैं।सामान्य तापमान पर अधातु ठोस, द्रव, गैस तीनों अवस्थाओं में पाए जाते हैं।
7.धातु कठोर एवं आघातवर्धनीय होते हैं।अधातु कठोर एवं आघातवर्धनीय नही होते हैं।
8.धातु पर पॉलिश करके चमकीला बनाया जा सकता है।अधातु पर पॉलिश करके चमकीला नहीं बनाया जा सकता है।
9.धातु साधारण तौर पर अपारदर्शी होते हैं।अधातु साधारण तौर पर पारदर्शी होते हैं।
10.धातु में तन्यता का गुण पाया जाता है।अधातु में तन्यता का गुण नही पाया जाता है।

निष्कर्ष

आज हम लोगो ने धातु और अधातु किसे कहते हैं को बेहतरीन तरीके से समझा है। इसके साथ ही हम लोगो ने धातु किसे कहते हैं उदाहरण सहित पढ़ा है।

यदि आप लोगो को धातु और अधातु पर यह आर्टिकल पसंद आई है तो आप अपने मित्रो के साथ साझा जरुर करे।

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