गति किसे कहते हैं? गति की परिभाषा, उदाहरण और गति के प्रकार

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क्या आप लोग भी जानना चाहते हैं की गति किसे कहते हैं Class 9th गति की परिभाषा क्या है? गति के उदाहरण एवं गति के प्रकार के बारे में, तो आप लोग इस आर्टिकल को पूरे अंत तक जरूर पढ़ें।

आज की इस लेख में हम लोग सबसे आसान भाषा में गति के बारे में सारी जानकारी को जानेंगे। चाहे आप किसी भी क्लास में पढ़ने वाले विद्यार्थी हो आपको आज गति के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल जाएगी।

गति किसे कहते हैं उदाहरण सहित (What is Motion in Hindi)

गति वह अवस्था है जिसमें हम अपने स्थान बदलने का अनुभव कर सकते हैं। जब कोई वस्तु अथवा पिण्ड समय के साथ अपना स्थान अथवा जगह को बदलता है तब हम कह सकते हैं की वस्तु अथवा पिण्ड ने गति की है।

यदि कोई भी वस्तु समय के साथ अपने स्थान को नही बदलता है तो उसका वस्तु को विरामावस्था में माना जाता है और यदि वस्तु समय के साथ अपने स्थान को बदल लेता है तो वस्तु को गतिशील अवस्था में माना जाएगा।

गति की परिभाषा (Definition of Motion)

जब किसी वस्तु में समय के साथ उसके स्थिति में परिवर्तन होता है तब कहा जाता है कि वस्तु में गती हुई है। समय के साथ वस्तु में परिवर्तन ही गति कहलाती है।

जैसे – उड़ता हुआ हवाई जहाज, दौड़ता हुआ धावक,गतिमान वाहन, चलती हुई स्कूल बस आदि।

गति के उदाहरण (Example of Motion)

गति के उदाहरण वह हर वस्तु हो सकता है जो समय के साथ अपने स्थान अथवा जगह को बदल लेता है जैसे चलती हुई बस, चलती हुई साइकिल, चलते हुए व्यक्ति, नदी में तैरती हुई नाव आदि गति का सटीक उदाहरण है।

सामान्यत: गति की दो अवस्था होती है पहली अवस्था को हम गति अवस्था कहते हैं। जिसमें वस्तु अपना समय के साथ स्थान को बदलता है और दूसरी अवस्था विरामावस्था को कहते हैं। जिसमें वस्तु समय के साथ अपना स्थान को नहीं बदलता है।

इसको हम और बेहतर तरीके से समझते हैं मान लीजिए आप अपने घर से क्लास में पढ़ने के लिए निकलते हैं और इस वक्त आप साइकिल अथवा पैदल यात्रा करने का निर्णय लेते हैं।

अब आप घर से निकल चुके है अब जब तक आपकी पैर अथवा साइकिल चलेगी तब तक आप गतिमान अवस्था में रहेंगे और जब आप एक जगह स्थिर अर्थात रुक जाएंगे तब वह अवस्था विरामावस्था कहलाती है।

गति के प्रकार उदाहरण सहित (Types of Motion)

जब कोई वस्तु गति करती है तब हर वस्तु की गति अलग-अलग होती है। विभिन्न वस्तुओं के अलग प्रकार से गति करने के आधार पर गति कई प्रकार से हो सकती है।

  • सरल रेखीय गति
  • वृत्तीय गति
  • घूर्णन गति
  • आवर्त गति
  • दोलन अथवा कम्पन गति
  • प्रक्षेप्य गति
  • विराम गति
  • एक समान गति

हम लोग अपने आस – पास देख सकते हैं की एक गाड़ी सीधे गति करती है तो वही पंखा अपने अक्ष पर घूर्णन करती है। यह सभी गति का ही प्रकार है जिसके गति के आधार पर अलग – अलग नामो से जाना जाता है।

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सरल रेखीय गति किसे कहते हैं (Linear Motion in Hindi)

यदि कोई वस्तु सरल रेखा अर्थात एक सीधी रेखा में समय के साथ गति करती है तब यह सरल रेखीय गति कहलाती है। इसमें कोई वस्तु एक सीधी रेखा में गतिमान रहती है।

आप लोग इसके उदाहरण को इस प्रकार से भी समझ सकते हैं जैसे मान लीजिए आप रोड पर एक सीधे लाइन में चले या फिर अपने वाहन को एक सीधी रेखा में चलाएंगे तो यह सभी सरल रेखीय गति कहलाएगी।

एक दौड़ता हुआ धावक, सड़क पर सीधी रेखा में चलती हुई वाहन, चलती हुई ट्रेन आदि सरल रेखीय गति का एक बेहतर उदाहरण है।

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वृत्तीय गति किसे कहते हैं उदाहरण सहित (Circular Motion)

जब समय के साथ कोई वस्तु एक निश्चित बिंदु के चारों ओर वृताकार कक्षा में गति करती है तब यह एक वृत्तीय गति कहलाती है।

इसके उदाहरण को आप इस प्रकार से भी समझ सकते हैं कि यदि आप एक रस्सी में कोई वस्तु बांधकर अपने हाथ में लेकर वृत्तीय पथ पर घुमाएंगे तो यह वृत्तीय गति कहलाएगी।

पृथ्वी के चारों ओर मौजूद उपग्रह जो कि पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं यह सभी वृत्तीय गति का उदाहरण है इसके अलावा घड़ी का सुई भी इसी का उदाहरण है।

घूर्णन गति किसे कहते हैं उदहारण सहित (Rotational Motion)

यदि कोई वस्तु समय के साथ अपने अक्ष पर चारों ओर गति करें तो इसे घूर्णन गति कहते हैं। इस गति में वस्तु अपने अक्ष के परित: ही घूमता है।

घूर्णन गति का उदाहरण घूमता हुआ पंखा है जो कि अपने अक्ष के चारो ओर ही घूमती है। लट्टू भी इसी का उदाहरण है जो कि अपने निश्चित अक्ष के चारों तरफ गति करती है।

आवर्त गति किसे कहते हैं उदाहरण सहित (Harmonic Motion)

जब कोई पिंड अथवा वस्तु एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपने गति पाठ को वापस से दोहराती है तो इस प्रकार के गति को आवर्त गति करते हैं

यदि घड़ी की सुई एक निश्चित समय अंतराल बाद वापस से अपने पथ को दोहराती है तो यह आवर्त गति का उदाहरण होगा।

इसी प्रकार सूर्य भी पृथ्वी के चारों ओर गति करता है परंतु एक निश्चित समय के बाद सूर्य वापस से उस स्थान से अपने गति पथ को दोहराना शुरू कर देता है।

इसको हम इस प्रकार से भी समझ सकते हैं कि मान लीजिए आप एक पेड़ को अपना निश्चित बिंदु मान करके उसके चारों तरफ घूम करके वापस से अपने प्रारम्भिक स्थान पर आते और उसके बाद पुनः यह प्रक्रिया को दोहराते है तो यह बार – बार दोहराने की प्रक्रिया आवर्त गति के का उदाहरण होगा।

कम्पन अथवा दोलन गति किसे कहते हैं उदाहरण सहित (Oscillatory Motion)

कंपन अथवा दोलन गति में वस्तु या पिंड अपने मध्य स्थित के दोनों तरफ गति करता है। इसका उदाहरण घड़ी में लटकते पेंडुलम है जो कि अपने मध्य स्थित के दोनों तरफ एक निश्चित दूरी में गति करता है।

यदि आप एक लटकते झूला में बैठकर झूलते हैं तो इसमें भी आप अपने मध्य स्थित के दोनों तरफ गति करते हैं और यह दोलन गति का सटीक उदाहरण है।

प्रक्षेप्य गति किसे कहते हैं (Projectile Motion)

प्रक्षेप्य गति को परवालायिक गति भी कहते हैं, क्योंकि यह परवलयकार में होती है। जब किसी पिंड अथवा वस्तु को कुछ प्रारंभिक वेग देकर फेंका जाता है तो वह गुरुत्वीय बल के प्रभाव के कारण एक परवलयकार पथ पर गति करने लगती है और इस गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं।

प्रक्षेप्य गति का सटीक उदाहरण किसी खिलाड़ी द्वारा फेंका गया गेंद एवं किक किया हुआ फुटबॉल है क्योंकि इसमें गेंद अथवा फुटबाल की गति परवलयकार में होती है।

विराम गति किसे कहते हैं (Rest Motion)

यदि कोई वस्तु समय के साथ गति नहीं करता है और वह एक जगह स्थिर रहता है तो इसे विराम गति कहते हैं।

इसमें वस्तु विरामावस्था में होता है। जैसे एक जगह रखा हुआ कोई सामान, ऑफिस मेज पर रखा हुआ पुस्तक, एक जगह खड़ी वाहन आदि।

एक समान गति किसे कहते हैं (Uniform Motion)

यदि कोई वस्तु समय के साथ एक समान चाल में गति करती है तो इसे एक समान गति कहते हैं। जैसे घड़ी की सुइयां हर समय अंतराल में उतनी ही दूरी तय करती है और चंद्रमा भी पृथ्वी के चारों तरफ समान समय अंतराल में समान दूरी तय करता है यह सभी एक समान गति का उदाहरण है।

गति किसे कहते हैं एवं प्रकार को विडियो के जरिये समझिये

FAQs:

हम लोगों ने गति किसे कहते हैं एवं गति के प्रकार के बारे में बहुत ही अच्छे से जाना है। चलिए अब गति से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले कुछ सवालो के उत्तर जानते है।

गति के कितने नियम होते हैं?

मुख्य रूप से गति के तीन नियम होते हैं जिसमें पहला नियम जड़त्व का नियम है और दूसरा संवेग का एवं तीसरा क्रिया प्रतिक्रिया का नियम है। आप इसको याद करने के लिए “जड़ से क्रिया” शब्द को याद करके समझ सकते हैं जिसमें ‘जड़’ का अर्थ जड़त्व एवं ‘से’ का अर्थ संवेग तथा ‘क्रिया’ से क्रिया – प्रतिक्रिया याद कर सकते है।

गति में परिवर्तन को क्या कहते हैं?

गति में समय के परिवर्तन को त्वरण कहते हैं। यदि गति के साथ समय में परिवर्तन होती है तो हम इसको त्वरण कहते हैं जिसका मात्रक मीटर/सेकेण्ड^2 होता है।

गति का मात्रक क्या होता है?

क्योंकि समय के साथ वस्तु में परिवर्तन को गति कहते हैं तब इसके अनुसार हम समझ सकते हैं की गति का एसआई मात्रक ‘मीटर प्रति सेकंड‘ है। इसके मात्रक से हम देख सकते हैं की समय के सापेक्ष दूरी तय होती है।

गति और चाल में क्या अंतर है?

गति एक अदिश राशि है क्योंकि इसमें दिशा नहीं दी हुई होती है जबकि चाल एक सदिश राशि है क्योंकि इसमें दिशा होती है। इसके अलावा चाल एक निश्चित समय में तय की हुई दूरी को कहते हैं जबकि गति में निश्चित समय नही होता है।

निष्कर्ष

प्रिय छात्रों आज के इस लेख में आप लोगो ने गति किसे कहते हैं Class 11 बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझ लिया है। अब आप लोगों को गति के प्रकार परिभाषा एवं उदाहरण यह सभी चीज बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझ में आ गई है।

आप लोग इसे अच्छे से याद करें क्योंकि यह आपके बोर्ड एग्जाम एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इसके अलावा आपको हमारे इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो हमसे निचे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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