प्रिय स्टूडेंट्स यदि आप जानना चाहते है की Bhasha Kise Kahate Hain? तो यह लेख आपके लिए ही है क्योंकि मैं आज आपको बताने वाला हु की भाषा किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार अथवा भेद उदाहरण सहित वह भी हर क्लास के लिए तथा इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे की भाषा किसे कहते हैं इसके कितने रूप होते हैं.
भाषा का अर्थ होता है आवाज , बोलना इसी की सहायता से हम एक दुसरे को समझते है. अगर भाषा नही होगी तो हम यह नही समझ पाएंगे की लोग हमसे क्या कह रहे है या हम लोगो से क्या कैसे कहे अगला क्या लिख रहा है क्या पढ़ रहा है. भाषा एक ऐसी चीज है जिसके मदद से हम सब कुछ पढ़ते है लिखते है बोलते है और समझते है.
भाषा | वह साधन जिसके द्वारा हम विचारो को समझते या समझाते है |
भाषा के भेद | मौखिक, लिखित एवं सांकेतिक भाषा |
भाषा के उदाहरण | टेलीफोन, चलचित्र, वार्तालाप इत्यादि |
भाषा के अंग | वर्ण, शब्द, लिपि, ध्वनि, वाक्य |
भाषा का उपयोग | विचारो का आदान – प्रदान हेतु |
भाषा का महत्व | भाषा हमारे समाज के निर्माण, बोलने – पढने लिखने और समझने – समझाने के लिए अत्यन्त महत्व रखता है |
इस लेख को अंत तक पढ़िए और समझिये की Bhasha Kise Kahate Hain Hindi mein वह भी सबसे सरल तरीके से जिसे पढ़ के आपको अच्छे से समझ में आ जायेगा. यहाँ पर हम हर तरह के भाषा के बारे में जानेंगे इसका परिभाषा और उदहारण भी हम अच्छे से देखेंगे.
जानिए भाषा किसे कहते है? – Bhasha Kise Kahate Hain
चलिए अब हम जानते है की Bhasha Kise Kahate Hain वह भी सबसे सरल शब्दों में. यदि आप एक बार इसे अच्छे से पढ़ लेते है तो आपको हमेसा के लिए याद हो जाएगी की भाषा किसे कहते है आपको निचे भाषा की परिभाषा दिख रही होगी.
भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचार या भाव को किसी दुसरे को समझाते है, और दुसरो की भाव या विचार को खुद समझते है, भाषा कहलाती है.
जिस साधन से हम अपने मन के भाव या विचार प्रकट करते है तथा दुसरे के विचारो को समझ सकते है, उसे भाषा कहते है.
उदहारण: बोलना, लिखना, पढना, किसी से कुछ कहना सुनना आदि भाषा का एक उचित उदाहरण है.
- भाषा के सहयता से हम एक दुसरे को समझते एवं समझाते है.
- भाषा हमें अपने विचार एवं भावनाओ को साझा करने में सहयता करती है.
- विश्व में अनेको भाषाए बोली जाती है जैसे – हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, फ़्रांसिसी, जर्मन इत्यादि.
- भाषा एक माध्यम होता है जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अथवा पक्षी या जानवर अपनी विचार या भावना एक दुसरे को बताते है.
भाषा की सहयता से हम यह समझते है की अगला क्या बोल रहा है और क्या लिख – पढ़ रहा है. हम भाषा की सहयता से ही कोई भी चीज बोलते लिखते सुनते और समझते है. भाषा की सहयता से इन्सान एक दुसरे को समझता है यह जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व है.
आवाज अर्थात भाषा हर इन्सान की जानवर की अलग अलग होती है जैसे – चिड़िया ची – ची और कौआ कॉव – कॉव और इन्सान हम और आप जैसे बोलते है यह सब भाषा ही है. भाषा सबकी अलग अलग हो सकती है लेकिन भाषा का शाब्दिक अर्थ एक दुसरे को समझाना या कहना सुनना ही होता है.
जानवर या पक्षी अपनी भाषा से वह एक दुसरे को समझाते है और इन्सान अपनी भाषा से एक दुसरे को समझाते है जैसे मैं आपको Bhasha Kise Kahate Hain यह मैं अपनी भाषा में आपको समझा रहा हु.
भाषा ही वह माध्यम है जो हमें एक दुसरे इन्सान को समझने और समझाने की पूरी शक्ति रखता है. अब एक दुसरे को समझने और समझाने के भी अलग – अलग तरीके हो सकते है इसके लिए अब हम पढेंगे भाषा की भेद या भाषा की प्रकार जोकि इसी तरह से मैं आप लोगो को आसानी से समझाने वाला हु.
भाषा कितने प्रकार की होते है?
चलिए अब हम लोग समझते है की भाषा कितने प्रकार अथवा भेद होते है. वैसे तो भाषा अनेको प्रकार के है परन्तु हम यहाँ पर जिस भाषा की बात कर रहे है वह तीन ही होते है जिसके बारे में हम जानने वाले है. भाषा मुख्य रूप से तीन होती है जोकि निचे दिया गया है –
- मौखिक भाषा
- लिखित भाषा
- सांकेतिक भाषा
भाषा तीन प्रकार की होती है पहला है ‘मौखिक भाषा’ और दूसरा है ‘लिखित भाषा’ और अंत में तीसरा है ‘सांकेतिक भाषा’ इन सभी भाषाओ के बारे में चलिए अब हम अच्छे से जानते है एक सरल परिभाषा के साथ जिसको मात्र पढने से ही आपके मस्तिष्क में कंठस्थ हो जाने वाला है.
मौखिक भाषा किसे कहते है? परिभाषा एवं उदाहरण
प्रिय स्टूडेंट्स चलिए अब हम लोग जानते है की Maukhik Bhasha Kise Kahate Hain अथवा मौखिक भाषा क्या होती है हम लोग इसका परिभाषा को भी अच्छे से समझेंगे. मौखिक भाषा की परिभाषा निम्न है –
जब हम बोलकर अपनी बात दुसरो तक पहुचाते है और दुसरे उसे सुनकर समझते है, तो वह मौखिक भाषा कहलाता है.
मुख से बोले जाने वाले वाले और कानो से सुनी जाने वाली भाषा को मौखिक भाषा कहते है.
उदाहरण: बातचीत करना, समाचार पढना, भाषण देना व सुनना, कहानी सुनाना, कक्षा में अध्यापक की बाते सुनना इत्यादि मौखिक भाषा का उदाहरण है.
- मौखिक भाषा मुख से बोले जाने वाली भाषा है.
- मौखिक भाषा को हम अपने कानो से सुन सकते है.
- मौखिक भाषा को अंग्रेजी में ओरल लैंग्वेज कहते है.
- मौखिक भाषा का उदाहरण टीवी पर समाचर सुनना, किसी से बाते करना इत्यादि है.
दोस्तों आप लोग उपर मौखिक भाषा की परिभाषा और उदाहरण को अच्छे से समझ चुके है. मौखिक भाषा वही होती है जो हम लोग बोलते है. मौखिक भाषा हमारे मुख से बोले जाने वाले भाषा को कहते है. हम टीवी पे जो कुछ भी सुनते है वह सब मौखिक भाषा का एक उदाहरण है.
लिखित भाषा किसे कहते है? परीभाषा एवं उदाहरण
प्रिय स्टूडेंट्स हमने उपर दो भाषा का भेद जान चुके है अब हम लोग तीसरा भाषा ‘लिखित भाषा’ की परिभाषा एवं उसका उदहारण जानेंगे. हम likhit bhasha kise kahate hain को भी सबसे अच्छे तरीके से एवं सरल उदाहरण के द्वारा समझेंगे. लिखित भाषा का परिभाषा निम्न है –
जब हम लिखकर अपनी बात दुसरो तक पहुचाते है और दुसरे उसे पढ़कर समझते है, तो वह लिखित भाषा कहालती है.
भाषा का लिखित रूप ही लिखित भाषा कहालती है.
उदहारण: पत्र लिखना, समाचार पत्र लिखना, ई -मेल, परीक्षा में कॉपी लिखना, नोट्स बनाना इत्यादि लिखित भाषा का उदाहरण है.
- लिखित भाषा लिखित रूप में होती है जिसे हम पढ़ सकते है.
- लिखित भाषा के माध्यम से ही हम अपनी नोट्स बनाते है और अन्य जानकारी को लिखते है.
- लिखित भाषा के सहयता से हम अपनी विचारो को लिखकर दुसरे के समझ प्रकट करते है.
- लिखित भाषा का उदाहरण ग्रन्थ, समाचार पत्र, लेखन इत्यादि है.
आप लोग उपर लिखत भाषा की परिभाषा और उदाहरण को अच्छे से समझ चुके है. लिखित भाषा वही होती है जो अभी मैं अपने इस ब्लॉग पे लिखा हु. आप जो अभी पढ़ रहे है यह एक लिखित भाषा ही है. मैं आपको लिखित भाषा में ही समझा रहा हु की Bhasha Kise Kahate Hain और लिखित भाषा किसे कहते है वह भी उदाहरण के साथ अब मुझे उम्मीद है की आपको यह बहुत अच्छे तरीके से समझ में आ गया होगा.
सांकेतिक भाषा किसे कहते है? परीभाषा एवं उदाहरण
प्रिय स्टूडेंट्स अब तक आपने जाना की मौखिक भाषा क्या होती है ,अब हम जानेंगे की सांकेतिक भाषा किसे कहते है या सांकेतिक भाषा क्या होती है । हम यहा इसके परिभाषा को भी बेहतरीन तरीके से समझेंगे, सांकेतिक भाषा की परिभाषा निम्न है –
जब हम अपनी बात को इशारों या संकेतों द्वारा किसी व्यक्ति को बताते या समझते है , तो वह भाषा सांकेतिक भाषा कहलाती है .
संकेतों या इशारों द्वारा अपनी बात को दूसरों तक पहुचाना और समझना , सांकेतिक भाषा कहलाता है.
उदाहरण : हाथ जोड़ के नमस्ते करना , बिना बोले हाँ या ना मे जवाब देना , सिग्नल लाइट इत्यादि सांकेतिक भाषा के उदाहरण है.
- सांकेतिक भाषा संकेतों द्वारा समझी और समझाई जाने वाली भाषा है .
- सांकेतिक भाषा को हम अपने कानों से सुन नहीं सकते इसे सिर्फ देख कर समझा जा सकता है .
- सांकेतिक भाषा को समझने के लिए कुछ संकेतों का प्रयोग किया जाता है जिससे हम आसानी से किसी व्यक्ति तक अपने विचार प्रकट कर सके .
- सांकेतिक भाषा का सबसे आसान उदाहरण सिग्नल लाइट, व कई प्रकार के संकेत जो हुमए बिना बोले अपने विचारों को समझते है.
दोस्तों आपने उपर मौखिक , लिखित और सांकेतिक तीनों ही भाषाओ को परिभाषा और बेहतर उदाहरण के माध्यम से अछे से सिख लिया है. उम्मीद है की यह ब्लॉग आप सभी के लिए एक बेहतर ब्लॉग साबित होगा और आपके परीक्षा के लिए मददगार होगा .
साथ ही हम कुछ ऐसे भाषा के प्रकार को जानेंगे जो आपको आने वाले समय और अन्य परीक्षा में आपको लाभप्रद साबित होंगे-
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राष्ट्र भाषा किसे कहते है – Rashtra Bhasha Kise Kahate hain
प्रिय स्टूडेंट यदि आप जानना चाहते हैं की Rashtra Bhasha Kise Kahate hain? किस राष्ट्र की क्या भाषा है ? किस राष्ट मे किस भाषा का उपयोग किया जाता है , तो आप बिल्कुल सही जगह आए है , हम इस लेख मे राष्ट्र भाषा से जुड़ी सभी प्रश्नों का उत्तर जानेंगे. हमने उपर जाना है की Bhasha Kise Kahate Hain अब हम जानेंगे राष्ट्र भाषा के बारे में.
राष्ट्र भाषा का शाब्दिक अर्थ है ‘किसी राष्ट्र की भाषा ‘ अर्थात किसी भी राष्ट की वह भाषा जिसका उपयोग उस राष्ट्र की अधिकतम जनता या अधिकतम लोग करते हो. राष्ट्र भाषा उस राष्ट्र के लिए प्रयोग की जाने वाली आपसी बातचीत मे सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली भाषा होती है जो वहाँ की आम जनता द्वारा उपयोग मे लाई जाती है .
किसी भी राष्ट्र की अधिकांश या अधिक से अधिक लोगों , जनता या आबादी द्वारा आपसी बातचीत के लिए प्रयोग किया जाने वाला भाषा उस राष्ट्र का ‘राष्ट्र भाषा ‘ कहलाता है . यह भाषा उस राष्ट की आम जनता द्वारा प्रयोग की जाने वाली भाषा होती है. इस भाषा का ज्ञान उस राष्ट्र के लगभग सभी छेत्रों मे होता है .
किसी भी राष्ट्र की सबसे ज्यादा प्रयोग मे लाई जाने वाली भाषा उस राष्ट्र की राष्ट्र भाषा कहलाती हैं किसी राष्ट्र की राष्ट्र भाषा उस राष्ट्र के आम जनता के बतचीत हेतु प्रयोग मे ली गई भाषा कहलाती है.
किसी राष्ट्र की राष्ट भाषा उस राष्ट्र के लगभग सभी छेत्रों मे फैली हुई होती है।
ऊपर के कुछ हिस्सों मे हमने ये जाना की राष्ट्र भाषा क्या होती है ? यह कहाँ प्रयोग की जाती है ? यह किसके द्वारा प्रयोग की जाती है ? इत्यादि अब हम कुछ राष्ट्र और उनके राष्ट्र भाषाओ को उदाहरण की सहायता से समझेंगे-
- चीन – चीनी
- पाकिस्तान – उर्दू
- संयुक्त राज्य अमेरिका – अंग्रेजी
अब हम आपको एक गजब की जानकारी देंगे , विभिन्न राष्ट्र के राष्ट्र भाषा को जानने के बाद आपसभी को ये जानने की चेष्टा होगी की हमारे देश भारत की राष्ट्र भाषा क्या है , यदि आपको लगता है इसका सही जवाब ‘ हिन्दी ‘ है तो अब तक आपको गलत जानकारी मिली है. हमारे इस लेख मे हम आपको बताएंगे की यदि भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी नहीं है तो क्या है ? यदि आप जानना चाहते है की भारत की राष्ट्र भाषा क्या है ? तो हमारे लेख को पूरा पढे ।
दोस्तों आजतक हम सब को यही लगता था की भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी है परंतु ये जवाब सही नहीं है क्युकी हमारे देश जहाँ हर धर्म , हर वेशभूषा , हर संस्कृति को समान रूप से आदर दिया जाता है वहाँ राष्ट्र भाषा के रूप मे किसी एक भाषा को महत्व देना सही नहीं है . जैसा की हम जानते है राष्ट्र भाषा का अर्थ है की उस राष्ट्र की अत्यधिक जनता द्वारा किसी भाषा विशेष को अपने आपसी बातचीत हेतु प्रयोग मे लाना परंतु हमारे देश मे विभिन्न राज्यों द्वारा विभिन्न प्रकार के भाषाओ का प्रयोग किया जाता है .
अतः हम ये कह सकते है की भारत की कोई अपनी राष्ट्र भाषा नहीं है यहाँ हर भाषा को एक बराबर सम्मान दिया जाता है यहाँ हर राज्य की अपनी राज्य भाषा हो सकती है जैसे गुजरात की राजभाषा गुजराती है , कर्नाटक की राजभाषा कन्नड है , महाराष्ट्र की राजभाषा मराठी है इत्यादि इस प्रकार हम समझ सकते है की भारत मे हर राज्य के लिए राजभाषा तो है परंतु भारत की कोई राष्ट्र भाषा नहीं है .
मुझे उम्मीद है की अब आप लोग Rashtra Bhasha Kise Kahate hain यह भी बहुत ही सरल भाषा में उदहारण सहित जान गए होंगे. यदि आपको लेख अच्छा लगे तो अपने सभी मित्रो के पास भी साझा करे ताकि वह भी ये जान सके की Bhasha Kise Kahate hain एक दम गजब तरीके से जो पढ़ते ही याद हो जायेगा.
FAQ (Bhasha Kise Kahate Hain से जुड़े)
प्रिय स्टूडेंट्स अब हम लोग Bhasha Kise Kahate Hain से जुड़े कुछ FAQ जान लेते है. हम अब कुछ ऐसे सवालो का जवाब जानेंगे जो अक्सर आपकी मन में रह जाती है. चलिए अब हम लोग जानते है भाषा किसे कहते है सी जुड़े कुछ सवाल और उसके जवाब जो की निचे है.
भाषा किसे कहते हैं भाषा कितने भेद होते हैं?
भाषा वह साधन है जिसके सहायता से हम अपनी विचार या भावना को किसी दुसरे को समझाते है. भाषा के तीन भेद है –
1. लिखित भाषा
2. मौखिक भाषा
3. सांकेतिक भाषा
भाषा के कितने अंग होते हैं?
भाषा के पांच अंग है – वर्ण, शब्द, लिपि, ध्वनि, वाक्य यह सभी भाषा के पाँच अंग है.
भाषा का उदाहरण क्या है?
भाषा का उदाहरण वह सभी माध्यम है जिसके सहायता से हम अपने दैनिक जीवन में एक दुसरे से अपनी विचार या भावना को प्रकट करते है. जैसे – टेलीफोन, नोटस, मैसेज, बोलना, लिखना इत्यादि सभी भाषा का उदहारण है.
भाषा के 3 प्रकार कौन से हैं?
भाषा के 3 प्रकार – लिखित भाषा, मौखिक भाषा और तीसरा सांकेतिक भाषा है.
अंत में हमने क्या सिखा
प्रिय स्टूडेंट्स हम लोगो ने आज Bhasha Kise Kahate Hain यह अच्छे से जाना है इसके साथ ही साथ हमें भाषा के भेद और प्रकार को भी अच्छे से जाना है वह भी सबसे आसन शब्दों में. यदि आपको यह पसंद आये तो आप अपने सभी मित्रो के पास जरुर साझा करियेगा.
मुझे पूरा विश्वास है की यह लेख सबसे अच्छी लेख है क्योंकि मैं भाषा किसे कहते है से जुड़े सभी प्रकार के टॉपिक को इस लेख में कवर किया है. मैंने इसमें जो भी बताया है वह सब अपने ज्ञान और अनुभव के सहायता से बताया है.
Nice Article
Physics in Hindi