प्रिय स्टूडेंट इस लेख में आपको Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay पढने वाले है जो आपके सभी तरह के एग्जाम के लिए अति महत्वपूर्ण टॉपिक है. इस लेख में डॉ राजेन्द्र प्रसाद का जीवन परिचय सबसे आसान सरल भाषा में पढने वाले है जो आपके होने वाली कक्षा 10th व अन्य एग्जाम के लिए यह निम्नलिखित प्रश्न इम्पोर्टेंट है. तो चलिए अब इस लेख को एक-एक कर के पूरा अंत तक पढ़ते है.
- डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय
- डॉ राजेंद्र प्रसाद का कृतिया
- डॉ राजेंद्र प्रसाद का साहित्यिक व शिक्षा संस्कृति
- डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में
- अंत में क्या पढ़ा (निष्कर्ष)
नाम | डॉ० राजेन्द्र प्रसाद |
पूरा नाम | राजेन्द्र प्रसाद बाबु |
जन्म | 3 दिसम्बर 1884 ई० को |
जन्म स्थान | जीरादेई छपरा (बिहार) |
पिता का नाम | महादेव सहायक |
माता जी का नाम | श्रीमती कमलेश्वरी देवी |
भारत के प्रथम राष्ट्रपति | राजेन्द्र बाबु |
देहान्त | 1963 ई० को |
डॉ राजेंद्र बाबु का जीवन परिचय – Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay Short Me
डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय:- देशरत्न डॉ० राजेन्द्र प्रसाद का जन्म सन 1884 ई. में बिहार राज्य के छपरा के छोटे से एक गांव में जीरादेई नामक स्थान में हुआ था. इनके राजेन्द्र बाबु के पिता व माता जी का नाम है श्री महादेव सहाय व श्रीमती कमलेश्वरी देवी इनमे माता पिता जी का नाम था. Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay शोर्ट में है.
इनकी माता एक धार्मिक महिला थीं और इन्हें रामायण की कहानियां सुनाया करती थीं. इनका जो परिवार है व गांव के सम्पन्न और प्रतिष्ठित कृषक परिवार है और बाबु बचपन में किसानी का काम किया था. इनकी प्रारम्भिक शिक्षा इनके गांव के एक जीरादेई में हुई थी. इनकी उच्चन शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय में हुई और यहां इन्होंने एम. ए. और L.L.B. की परीक्षा उत्तीर्ण भी की थी.
मुज्जफ्फरपुर कॉलेज में अध्यापन यानि की पढाई का कार्य करने के पश्चात पटना और कलकत्ता हाइकोर्ट में वकील भी रहे थे. राजेन्द्र प्रसाद जी का झुकाव शुरु से ही राष्ट्रसेवा की जो इनका राजेन्द्र बाबु का प्रारम्भ से झुकाव था. गांधी जी के आदर्शो एवं सिद्धांतों से ये बहुत ज्यादा प्रभावित हुये और चम्पारन के आन्दोलन यानि की विद्रोह में सक्रिय रूप से वह भाग लिया था.
इन्होंने बहुत से स्वतंत्रता-आंदोलनों में भाग लिया और वकालत छोड़ दिया. अनेक बार जेल की यातनायें भी भोगी और इनकी ईमानदारी, निष्पक्षता को देखकर अखिल भारतीय कांग्रेस और भारत के संविधान का निर्माण करने वाली सभा के सभापति पद पर नियुक्त किया गया था.
सादा जीवन उच्च विचार इनके पूरा जीवन का पूर्ण आदर्श बन चूका था. इनकी ‘निष्पक्षता, कर्त्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और प्रतिभा के कारण इन्हें भारत गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया. इनकी महानताओ के सम्मान स्वरूप देश की सर्वोच्च उपाधि भारत-रत्न से अलंकृत किया गया. इनकी देहान्त सन्’ 1963 ई० को हो गई. (यह रही Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay जो अति महत्वपूर्ण है.)
नोट:- अब हम लोग Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay पूरा शोर्ट में विस्तार से पढ़ चुके है जो आने वाले एग्जाम के लिए अति इम्पोर्टेंट टॉपिक है. इस प्रश्न का उत्तर जीवन परिचय को पूरा लिख कर आप एग्जाम में पूरा 100% अंक पा सकते है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद का कृतिया-
कृतियाँ:- इनमे से Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay के अंतर्गत आने वाले प्रश्न यह है. नागरी प्रचारिणी सभा एवं ‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा के माध्यम से हिन्दी को समृद्ध बनाने मेँ महत्वपूर्ण योगदान दिया था. राजेन्द्र प्रसाद जी का प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित निचे है.
- भारतीय शिक्षा
- गाँधी जी की देन
- शिक्षा और संस्कृति
- मेरी आत्मकथा
- बापू जी के कदमों में
- मेरी यूरोप यात्रा
- संस्कृति का अध्ययन
- खादी का अर्थशास्त्र
डॉ राजेंद्र प्रसाद का साहित्यिक व शिक्षा संस्कृति
- भाषा-शैली
- हिन्दी-साहित्य में स्थान
- साहित्यिक परिचय
भाषा-शैली
भाषा-शैली:- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay) सदैव सरल और सुबोध यानि की सिम्पल व इजी जो समझ में आ जाए वह ऐसी भाषा नहीं यूज करते थे व पक्षपाती भी रहे थे. इनकी भाषा व्यावहारिक है इसलिए इसमें संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी आदि भाषाओं के शब्दों के समुचित प्रयोग हुए हैं.
इन्होंने आवश्यकतानुसार ग्रामीण शब्दों और कहावतों के भी प्रयोग किये हैं. इनकी भाषा में कहीं भी बनावटीपन की गन्ध नहीं आती व भाषा की भाँति ही इनकी शैली में भी कोई आडम्बर नहीं है. जिसमें इन्होंने आवश्यकतानुसार छोटे और बड़े वाक्यों का प्रयोग किया है. मुख्य रूप से इनकी शैली के साहित्यिक, भाषण, विवेचनात्मक, भावात्मक आदि रूप प्राप्त होते हैं.
(यह रही इनकी Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay के अंतर्गत आने वाले अति महत्वपूर्ण प्रश्न भाषा शैली जो एग्जाम के लिए इम्पोर्टेंट है.)
हिन्दी-साहित्य में स्थान
हिन्दी-साहित्य में स्थान:- राजेन्द्र Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay जी ने हिन्दी-साहित्य का अपनी अनुभवी लेखनी से अपूर्व शृंगार किया है. इनके निबन्धों के विषय बड़े गम्भीर तथा व्यापक हैं और उनमें वास्तविकता का पुट विद्यमान है. इनकी रचनाओं में विचार क्रमबद्ध, स्पष्ट और गहन हैं. देशभक्ति का भाव इनकी रचनाओं में प्रमुख रूप से मुखरित हुआ है. वे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ के प्रतीक के रूप में सदैव स्मरण रहेंगे. राजेन्द्र प्रसाद जी ने जीवनपर्यन्त हिन्दी की अपूर्व सेवा की; अतः हिन्दी साहित्य में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान है.
साहित्यिक परिचय
साहित्यिक परिचय:- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद उच्च कोटि के साहित्यकार भी थे. इन्होने अपनी रचनाओ के द्वारा हिन्दी साहित्य की पर्याप्त बहुत ज्यादा सेवा की है. इन्होने राजनैतिक, सामाजिक और दार्शनिक विषयों के साथ-साथ सांस्कृतिक विषयो पर भी लेखन कार्य किया. इन्ही के प्रयासों के फलस्वरूप कलकत्ता मे ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ की स्थापना भी हुई थी. इन्होने ‘देश’नामक पत्रिका का सफल सम्पादन किया भी किए थे.
नोट:- इस लेख में Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay व साहित्यिक व शिक्षा संस्कृति को पूरा शोर्ट व सबसे आसान भाषा में पढ़ चुके है. जो यह प्रश्न आपके सभी बोर्ड व अन्य एग्जाम के लिए सबसे बेस्ट व अति महत्वपूर्ण टॉपिक है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में
प्रिय स्टूडेंट अब इस लेख में Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay के बाद अब उनके राष्ट्रपति बनने तक व क्या-क्या इनका कार्य था. इस लेख में डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में क्या-भूमिका थी सारे टॉपिक कप पढने वाले है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में:- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी भारत के पहले यानि की प्रथम भारत के महामहिम यानि की राष्ट्रपति भी रहे थे. वह डॉ० राजेन्द्र बाबु जी राष्ट्रपति के रूप में दो बार कार्य किया था.
संविधान सभा के वह डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी अध्यक्ष व भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के वह प्रमुख सबसे महान नेता भी थे. सन 1962 ई० में उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित भी किया गया. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति के रूप में इनका कार्यकाल जनवरी 1950 ई० से 13 मई 1962 ई० तक सिमित रहा है.
इन्हें भी पढ़े:- तुलसीदास का जीवन परिचय
FAQ (Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay से जुड़े कुछ सवाल और उसके जवाब )
प्रिय विधार्थियों अब इस लेख में आपको Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का उत्तर देखने वाले है. यह प्रश्न आपके द्वारा पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक प्रश्न है जो आपके एग्जाम के लिए इम्पोर्टेंट है. तो अब चलिए इस लेख को पूरा एक-एक कर के प्रश्नों का उत्तर देखते है वह भी सबसे आसान सरल भाषा में तो चलिए पढ़ते है.
राजेंद्र प्रसाद कैसे व्यक्ति थे?
देखिए डॉ० राजेन्द्र प्रसाद सबसे अच्छे लेखक भी थे और वह भारत के प्रथम राष्ट्रपति भी थे. वह सबसे अच्छे लेखक व नेता भी थे. डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को भारत रत्न से भी सम्मानित भी किया गया है.
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय कैसे लिखें?
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी का जीवन परिचय सबसे आसान भाषा में हमने बताया है जो आपको कैसे लिखना है. इस लेख में इनका पूरा जीवन व साहित्य परिचय को भी short में बताया है जल्दी जाकर पढ़ ले.
अंत में क्या पढ़ा (निष्कर्ष)
निष्कर्ष:- डॉ० राजेन्द्र प्रसाद जी एक अच्छे व नेक ब्यक्ति थे. राजेन्द्र बाबु जी भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य किया था और वह महात्मा गाँधी के प्रिय थे वह स्वतंत्रता आन्दोलन में भी बहुत ज्यादा भाग भी लिया था. वह एक लेखक भी थे उनकी रचना गाँधी जी के देंन व इत्यादि है. यह रही Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay के बारे में क्या-क्या पढ़ा है.
4 thoughts on “डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय – Dr Rajendra Prasad Ka Jeevan Parichay Aur Sahityik Parichay (1884ई०)”