PDF तुलसीदास का जीवन परिचय – Tulsidas Ka Jivan Parichay aur Sahityik Parichay Class 10

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यदि आप लोग Tulsidas Ka Jivan Parichay के बारे में जानना चाहते है तो यह लेख आपके लिए ही है, क्योंकि मैं आपको इस लेख में गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय और रचनाये तथा साहित्यिक परिचय के साथ – साथ उनकी कृतिया अर्थात वही रचनाये के बारे में भी विस्तार से जानेंगे.

यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ते है तो आपको tulsidas ji ka jivan parichay एक दम अच्छे से समझ में आने वाला है क्योंकि यह इतना बेहतरीन तरीके से समझाया गया है जिसे कोई भी बहुत ही आसानी से समझ सकता है. आप लोगो के बोर्ड एग्जाम में goswami tulsidas ka jivan parichay in Hindi जरुर पूछा जाता है इसलिए आप लोग इसे अच्छे से तैयार करके जरुर जाये.

हम लोग कुछ बुलेट पॉइंट को जान लेते है पहले tab जाकर Tulsidas Ka Jivan Parichay को विस्तार से जानेंगे. तुलसीदास का जीवन परिचय कुछ पॉइंट के रूप में –

  • तुलसीदास का पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास है.
  • तुलसीदास के बचपन का नाम रामबोला है.
  • इनका जन्म 13 अगस्त सन् 1532 ई ० को हुयी थी.
  • तुलसीदास का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर गाँव है.
  • इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी था.
  • ये रामभक्त कवि थे जिन्होंने श्रीरामचरितमानस महाकाव्य की रचना की थी.
  • तुलसीदास जी का पत्नी का नाम रत्नावली था.
  • तुलसीदास की मृत्यु 31 जुलाई सन् 1623 ई० में हो गयी थी.
  • इनकी मृत्यु स्थान काशी के अस्सी घाट है जो आज वाराणसी के नाम से जाना जाता है.

हम लोग पहले तुलसीदास का जीवन परिचय इन हिंदी इन शार्ट में एक टेबल के माध्यम से पहले जानेंगे फिर उसी से एक पूरा तुलसीदास का जीवन परिचय लिखेंगे. चलिए पहले हम संक्षिप्त में Goswami Tulsidas Ka Jivan Parichay जानते है.

पूरा नाम गोस्वामी तुलसीदास
बचपन का नाम रामबोला
जन्म सन्13 अगस्त सन् 1532 ई ०
जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर गाँव में
पत्नी का नाम रत्नावनी
माता का नामहुलसी
पिता का नामआत्माराम दुबे
शिक्षा सन्त बाबा नरहरिदास ने इनको भक्ति शिक्षा वेद – वेदांग,
दर्शन, इतिहास, पुराण आदि की शिक्षा दी
जातीब्राहमण
भक्ति राम भक्ति
प्रसिद्ध महाकाव्य रामचरितमानस
उपलब्धि लोकमानस कवि
साहित्य में स्थान हिन्दी साहित्य में कविता की सर्वतोन्मुखी उन्नति
मृत्यु सन्31 जुलाई सन् 1623
मृत्यु स्थान काशी के अस्सी घाट
तुलसीदास का जीवन परिचय

प्यारे स्टूडेंट्स हम लोग Tulsidas Ka Jivan Parichay के साथ तुलसीदास जी का साहित्य में स्थान भी जानेंगे ताकि आप लोगो को तुलसीदास के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो. उपर एक टेबल के मध्यम से आप तुलसीदास के बारे में संक्षिप्त जानकरी ले सकते है और आगे मैं आप सभी को Tulsidas Ka Jivan Parichay के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाला हु.

जानिए तुलसीदास का जीवन परिचय इन हिंदी इन शार्ट – Goswami Tulsidas Ka Jivan Parichay शोर्ट में

प्यारे स्टूडेंट्स चलिए अब हम लोग Tulsidas Ka Jivan Parichay को सबसे सरल और आसान भाषा में जान लेते है. आप लोगो को मैं बताना चाहूँगा की आप लोग तुलसीदास का जीवन परिचय Class 10 के बोर्ड में भी लिख सकते है और गोस्तुवामी तुलसीदास का जीवन परिचय Class 12 में भी लिख सकते है.

गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय

गोस्वामी तुलसीदास का जन्म 15 अगस्त सन् 1532 ई० में उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में राजापुर गाँव में हुआ था. गोस्वामी तुलसीदास का बचपन का नाम रामबेला दुबे था. तुलसीदास जी के पिता का नाम आत्माराम दुबे था तथा इनके माता का नाम हुलसी था. कुछ लोग इनका जन्म स्थान एटा जिले के सोरो नामक स्थान को मानते है.

तुलसीदास सरयूपारीण ब्राह्मण थे और इनका जन्म अभुक्त मूल नक्षत्र में हुआ था. कहा जाता है, की इनके जन्म से ही बत्तीसो दांत मौजूद थे. यही कारण रहे होंगे की इनके माता पिता ने जन्म के समय ही इनका त्याग कर दिया था.

गोस्वामी तुलसीदास के गुरु स्वामी नरहरिदास ने इनका पालन – पोषण किया था. इनका विवाह रत्नावली के साथ हुआ था. ये अपनी पत्नी के प्रेम में बहुत अनुरक्त रहते थे लेकिन पत्नी की फटकार के कारण इनके मन में वैराग्य उत्पन्न हो गया और ये काशी चले गए.

तुलसीदास ने काशी के शेष सनातन नामक विद्वान् से वेद – पुराणों आदि का इन्होने गहन ज्ञान प्राप्त किया. गोस्वामी तुलसीदास का जीवन काशी, अयोध्या और चित्रकूट में अधिक बिता. तुलसीदास की मृत्यु 31 जुलाई सन् 1623 ई० में काशी के अस्सी घाट में हो गयी.

दोस्तों आप लोग उपर पढ़ सकते है की मैंने आप सभी को Tulsidas Ka Jivan Parichay सबसे आसान भाषा में समझा दिया है जिसे आप केवल पढ़ के ही याद कर सकते है. मैंने अपने ब्लॉग पर जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय भी बताया है जिसे आप पढ़ सकते है.

गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय – Tulsidas Ka Sahityik Parichay

चलिए अब हम लोग गोस्वामी तुलसीदास जी का साहित्यिक परिचय जान लेते है उसके बाद हम तुलसीदास जी का रचनाये के बारे में जानेंगे जोकि कक्षा 10 के बोर्ड एग्जाम के लिए बहुत जरुरी है.

दोस्तों अब हम गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय के बारे में जानेंगे जोकि कक्षा 11 में काफी पूछा जता है. हमने इसके पहले तुलसीदास जी का जीवन परिचय को अच्छे से जाना है और अब हम tulsidas ka sahityik parichay को जानेंगे.

गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय

महानकवि गोस्वामी तुलसीदास जी महान लोकनायक और समाज के दिशा – निर्देशक कवि थे. इनके द्वारा रचित महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ में भाषा, भाव, उदेश्य, कथावस्तु चरित्र – चित्रण हिन्दी साहित्य का एक अद्भुत ग्रन्थ है. श्रीरामचरितमानस में तुलसीदास ने व्यक्ति, परिवार समाज, राज्य, राजा, प्रशासन मित्रता का जो आदर्श प्रस्तुत किया है वह सम्पूर्ण विश्व के मानव समाज का पथ – प्रदर्शन करता रहा है.

गोस्वामी तुलसीदास जी श्री राम जी के महान भक्त थे और ये एक महान लोकनायक थे. तुलसीदास जी द्वारा रचित महाकाव्य रामचरितमानस साहित्य के अद्भुत ग्रंथो में से एक है.तुलसीदास जी ने मानव जीवन के सभी उच्च आदर्शो का समावेश करके श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया. हिन्दी साहित्य में इनकी उपलब्धि लोकमानस कवि के रूप में रही है.

प्रिय स्टूडेंट्स आप लोगो को मैंने गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय in Hindi भी बता दिया जिसे आप अपने एग्जाम में लिख सकते है. यह साहित्यिक परिचय हर तरह के बोर्ड एग्जाम में पूछा जाता है इसलिए आप लोग इसे अच्छे से तैयार करके ए और चलिए अब हम तुलसीदास जी का रचनाये के बारे में जान लेते है.

गोस्वामी तुलसीदास की रचनाएँ इन हिंदी – Tulsidas Ki rachnaye in Hindi

प्यारे स्टूडेंट्स अब हम लोग तुलसीदास की रचना के बारे में जानेंगे जोकि कक्षा 10 में भी पूछी जाती है. तुलसीदास की रचनाये अक्सर 2 अंक में पूछ ली जाती है. इसके अलवा हर तरह के एग्जाम में भी tulsidas ki rachna पूछी जाती है.

तुलसीदास की रचनाएँ

तुलसीदास की रचनाओ में ज्ञान, भक्ति और कर्म, धर्म और संस्कृती, सगुण और निर्गुण आदि का सुंदर समन्वय दिखाई देता है. तुलसीदास जी की रचनाये निम्नवत है –

  • श्रीरामचरितमानस – तुलसीदास की ये प्रमुख रचना है. इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन का वर्णन किया गया है.
  • जानकी मंगल – तुलसीदास जी ने श्रीराम और जानकी के मंगलमय विवाह उत्सव का मधुर वर्णन किया है.
  • पार्वती मंगल – तुलसीदास ने इसमें ‘शिव – पार्वती’ के मंगलमय विवाह उत्सव का मधुर वर्णन किया है.
  • रामलला नहछू – इनकी ये प्रारम्भिक रचना है जो लोकगीत की ‘सोहर’ शैली में इस ग्रन्थ की रचना की गयी थी.
  • रामाज्ञा प्रश्न – इसमें रामकथा के साथ – साथ शुभ – अशुभ शकुनो का वर्णन किया गया है जो सात सर्गो में विभक्त है.
  • बरवै रामायण – तुलसीदास जी द्वारा इसमें रामकथा का संक्षेप वर्णन किया गया है.
  • वैराग्य संदीपनी – इसमें तीन भाग है, ‘मंगलाचरण’, ‘सन्त महिमा वर्णन’ और तीसरा ‘शान्ति भाव वर्णन’ है.
  • कृष्ण गीतावली – इसमें तुलसीदास ने बृजभाषा में श्रीकृष्ण के मनोहारी रूप का वर्णन किया है.
  • गीतवाली – तुलसीदास ने इसमें श्री राम के चरित्र का वर्णन किये है जो कथानक के आधार पर सात काण्डो में विभाजित है.
  • दोहावली – तुलसीदास ने इसमें राम महिमा का वर्णन किये है.
  • कवितावली – यह वृजभाषा में रचित श्रेष्ठ मुक्तक काव्य है जिसमे कृति में कवित्त और सवैया शैली में रामकथा का वर्णन है.
  • विनयपत्रिका – विनयपत्रिका का विषय भगवन श्रीराम को कलियुग के विरुद्ध प्रार्थना देना है.

प्यारे स्टूडेंट्स आप लोग तुलसीदास की रचना को अब अच्छे से जान गए होंगे. मैंने गोस्वामी तुलसीदास की रचना में एक – एक लाइन भी बता दिया है जिसे आप लोग अपने बोर्ड एग्जाम में लिख सकते है जिससे आप अच्छे अंक ला पाएंगे अपने एग्जाम में.

गोस्वामी तुलसीदास का साहित्य में स्थान

गोस्वामी तुलसीदास जी का साहित्य में बहुत बड़ा स्थान रहा है. यह हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवि है जिन्होंने श्रीरामचरितमानस जैसे महाकाव्य की रचना कर मानव जीवन के सभी उच्च आदर्शो का समावेश करके श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा और इनके द्वारा हिन्दी कविता की सर्वतोन्मुखी उन्नति हुयी.

तुलसीदास जी भले ही आज हमारे बिच नही है पर इनकी काव्य, काव्य प्रेमियों के मानस पटल पर सैदव विराजमान रहेंगे. तुलसीदास जी हिन्दी साहित्य में सैदव अमर है क्योंकि इनके काव्य युगों – युगों तक हमारे बिच जीवित रहेंगे.

तुलसीदास रामभक्त कवि थे और रामचरितमानस इनकी अमर रचना है. तुलसीदास आदर्शवाही विचार धारा के कवि थे. इन्होने राम चरित्र के विराट स्वरूप का वर्णन किया है.

Tulsidas Ka Jivan Parichay के बाद गोस्वामी तुलसीदास की भाषा शैली

हम लोगो ने सबसे पहले Tulsidas Ka Jivan Parichay के बारे में अच्छे से जनकारी ली है परन्तु अब हम जानेंगे की तुलसीदास की भाषा शैली कैसी थी. चलिए अब हम जानते है की तुलसीदास की भाषा शैली जोकि बोर्ड एग्जाम में आप अच्छे से लिख सकते है.

तुलसीदास ने अपना अधिकांश काव्य ‘अवधि भाषा’ में लिखा है किन्तु ब्रजभाषा पर भी इन्हें पूर्ण अधिकार था. इन्होने अपने काव्य में अलंकारो का स्वाभाविक प्रयोग किया है. इन्होने रोला, चौपाई, छप्पय और सोरठा आदि छंदों का सुंदर प्रयोग किया है.

तुलसीदास की रामचरितमानस अवधि भाषा में है किन्तु कवितावली, गीतवाली एवं विनयपत्रिका ब्रजभाषा में है. इन्होने अवधि और ब्रजभाषा दोनों में ही काव्य रचना की. इन्होने सभी सभी शैलियों में काव्य लिखे.

प्रिय स्टूडेंट्स तुलसीदास जी का शैली भाषा यही पे ख़तम होता है. इसके साथ ही साथ Tulsidas Ka Jivan Parichay लेख भी यही पे समापन होता है. आप लोगो के लिए तुलसीदास जी का जीवन परिचय कक्षा 10 के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है इलिए इसे याद कर लीजिये.

यदि आपको “Tulsidas Ka Jivan Parichay” पसंद आया है तो आप लोग इसे अपने सभी मित्रो के पास शेयर जरूर करे ताकि वह भी इस बेहतरीन लेख का लाभ ले सके.

तुलसीदास का जीवन परिचय पीडीऍफ़ – Tulsidas ka Jivan Parichay PDF

दोस्तों आप लोग Tulsidas ka Jivan Parichay PDF के रूप में भी पढ़ सकते है निचे आपको गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय का पीडीऍफ़ दिख जायेगा जिससे आप पीडीऍफ़ के मदद से भी आसानी से तुलसीदास का जीवन परिचय class 10 को पढ़ सकते है.

आप लोगो को Tulsidas ka Jivan Parichay PDF दिखा रहा होगा अब आप लोग आसानी से डायरेक्ट पीडीऍफ़ से अपना नोट्स बना सकते है और आप लोग गोस्वामी तुलसीदास का जीवन परिचय को पढ़ सकते है.

FAQ (Tulsidas Ka Jivan Parichay से जुड़े कुछ सवाल और उसके जवाब )

दोस्तों अब हम तुलसीदास का जीवन परिचय in Hindi से जुड़े कुछ सवालो का जवाब जानेंगे जोकि अक्सर स्टूडेंट्स के मन में रहता है. मैं आपको अब Tulsidas Ka Jivan Parichay shortcut से जुड़े सभी सवालो का जवाब दूंगा और अगर आपके मन में कुछ और सवाल रह जाता है तो आप निचे कमेन्ट के माध्यम से हमें बता सकते है.

तुलसीदास जी का जन्म कब हुआ था?

गोस्वामी तुलसीदास का जन्म 13 अगस्त सन् 1532 ई ० को हुआ था.

गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म कहाँ हुआ था?

गोस्वामी तुलसीदास का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के राजापुर गाँव में हुआ था.

गोस्वामी तुलसी जी की मृत्यु कब हुई थी?

गोस्वामी तुलसीदास की मृत्यु 31 जुलाई सन् 1623 ई० में काशी के अस्सी घाट में हो गयी थी.

तुलसीदास का जीवन परिचय कैसे लिखें?

तुलसीदास का जीवन परिचय लिखने के लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना पड़ेगा जैसे –
सही से हेडिंग लिखे.
1. जन्म तारीख और स्थान जैसे अक्षर को अंडरलाइन करे.
2. काले और नीले पेन का प्रयोग करे.
3. कट – पिट ज्यादा न करे.
4. साफ़ – सुथरा लिखने का प्रयास करे.

तुलसीदास का जीवन परिचय कक्षा 10 PDF

तुलसीदास का जीवन परिचय कक्षा 10 पीडीऍफ़ के रूप में आपको इस पोस्ट में मिल जायेगा जिसे आप अपने पढाई को और बेहतर बना सकते है.

अंत में निष्कर्ष –

प्रिय स्टूडेंट्स मुझे पूरा उम्मीद है की आपको तुलसीदास का जीवन परिचय पढने में बहुत आनंद आया होगा. तुलसीदास जी एक महान कवि रहे है. तुलसीदास एक प्रसिद्ध कवि, संत और दार्शनिक थे जो 16वीं शताब्दी के दौरान भारत में रहते थे. उनका जन्म 13 अगस्त सन् 1532 ई ० में भारत के उत्तर प्रदेश के राजापुर शहर में हुआ था. उनका जन्म का नाम रामबोला था और उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. तुलसीदास को उनके साहित्यिक कार्यों, विशेष रूप से महाकाव्य कविता, रामचरितमानस के लिए जाना जाता है.

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है. आप लोगो को इस ब्लॉग पर कक्षा 12th के सभी विषयों की नोट्स मिलेंगी. आपको इस ब्लॉग पर सभी तरह के महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उसका उत्तर पीडीऍफ़ के साथ भी मिल जाएँगी. इसके अतिरिक्त आप हमारे YouTube चैनल पर विडियो लेक्चर भी देख सकते हा.

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