[PDF] कबीर दास का जीवन परिचय – Kabir Das Ka Jivan Parichay Class 9th, 10th, 11th, 12th

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क्या आप ‘Kabir Das Ka Jivan Parichay’ को खोज रहे है? तो यह लेख आपके लिए है. इस लेख के में कबीर दास के जीवन परिचय PDF, साहित्यिक परिचय, कृतिया आदि को जानेंगे.

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यदि आप Kabir Das Ji ka Jivan Parichay को अंत तक पढ़ते है तो मैं आपको भरोसा दिलाता हु की इसके बाद आपको कही और भटकने की जरूरत नही है क्योंकि यह आर्टिकल पुरे इन्टरनेट की बेस्ट लेख है. मैंने बहुत रिसर्च करके कबीर दास का जीवन परिचय और उनकी रचनाएँ को लिखा है. प्रिय छात्रो कबीर दास का जीवन परिचय इन हिंदी Class 9 में भी पूछी जाती है.

आप लोग लेख को पूरा अंत तक पढियेगा क्योंकि मैंने आगे आपको kabir das ka jivan parichay pdf को डाउनलोड करने के बारे में भी बताया है जिसे आप लोग डाउनलोड करके kabir das project file in hindi pdf भी बना सकते है.

संक्षिप्त में जानिए kabir das ka jivan parichay hindi mein

प्रिय छात्रो चलिए पहले हम लोग kabir das ka jivan parichay hindi mein जान लेते है और वह भी एक टेबल के माध्यम से. अगर आप लोग इस टेबल के माध्यम से कबीर दस का जीवन परिचय को समझ लेते है तो आप बहुत ही आसानी से लिख सकते है एग्जाम में.

पूरा नामसंत कबीर दास
अन्य नामकबीरा, कबीर परमेश्वर, कबीर साहेब
जन्म वर्ष1398 ई०
जन्म स्थानउ०प्र० के काशी (वाराणसी) जिले के लहरतारा नामक स्थान पर हुआ
नागरिकभारतीय
पिता जी का नामनीरू
माता जी का नामनीमा
पत्नी का नामलोई
पुत्र का नामकमाल
पुत्री का नामकमाली
शिक्षाधार्मिक शिक्षा गुरु रामानन्द से ली थी.
गुरु का नामरामानन्द
भाषापंचमेल खिचड़ी, सधुक्कड़ी
शैलीखण्डनात्मक, उपदेशात्मक, अनुभूति, व्यंजक
लेखन विद्याकाव्य
प्रमुख रचनायेअनुराग सागर, सबद, रमैनी, बीजक, ग्रंथावली, रचनावली
साहित्य में स्थानकबीरदास समाज सुधारक भी थे तथा ये अद्भुत रचनाये करके भारतीय साहित्य में सदा के लिए अमर हो गये. इनके विचार बड़े महान थे और ये सत्य, अहिंसा, सदाचार गुणों वाली थी.
भक्तिकृष्ण भक्ति
मृत्यु वर्ष1518 ई०
मृत्यु स्थानमगहर में
अन्यइनका पालन पोषण जुलाहा दंपति नीरू और नीमा ने किया था.

प्रिय छात्रो आपको उपर एक टेबल के माध्यम से भी Kabir Das Ka Jivan Parichay के एक संक्षिप्त सरांस समझ में आ जाएगा. यदि आप केवल इस टेबल में बताये गये जानकारी को भी याद रख लेते है तो आप खुद कबीर दास जीवन परिचय को लिख देंगे.

आपको परीक्षा में प्रश्न पेपर में कबीर के जीवन एवं मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए लिखा हुआ मिलेगा तो भी आप जैसा की मैंने बताया है आपको ठीक वैसा ही Sant Kabir Das Ka Jivan Parichay In Hindi अच्छे से लिख देंगे.

चलिए अब हम लोग कबीर दास का जीवन परिचय 300 शब्दों में तथा कबीर दास का जीवन परिचय 500 शब्दों में भी जानेंगे और आपको इसका एक पीडीऍफ़ फाइल भी मिलेगा जिसके मदद से आ आराम से ऑफलाइन भी पढ़ सकते है.

संत कबीर दास का जीवन परिचय 300 शब्दों में – Sant ‘Kabir Das Ka Jivan Parichay’ Class 9th

कबीर दास का जीवन परिचय: संत कबीर दास का जन्म सन् 1398 ई० में उ०प्र० के काशी (वाराणसी) जिले के लहरतारा नामक स्थान पर हुआ था. इनका पालन पोषण एक दंपति द्वारा किया गया जिनका नाम नीरू और नीमा था. इन्हें ही इनके माता पिता का दर्जा दिया गया और इनके पिता का नाम नीरू और माता का नाम नीमा बताया गया.

कबीर दास की विवाह लोई नमक स्त्री से हुआ जिससे इनके दो संतान हुए. कबीर दास के पुत्र का नाम कमाल तथा पुत्री का नाम कमाली था. कबीर दास ने अपना पूरा जीवन मानव मूल्यों की रक्षा और मानव की सेवा में लगा दिया था. संत कबीर दास जी एक महान कवि रहे है जिनके बारे में आज भी लोग रूचि से पढ़ते है.

कबीर दास जी भक्ति काल के कवि थे और ये कृष्ण भक्त थे. कबीर दास जी के गुरु का नाम रामानन्द थे. इन्होने अपनी धार्मिक शिक्षा गुरु रामानन्द से ली थी. कबीर दास जी की भाषा पंचमेल खिचड़ी, सधुक्कड़ी आदि तथा इनकी शैली खण्डनात्मक, उपदेशात्मक, अनुभूति, व्यंजक रही है.

इतिहासकारों के अनुसार कबीर दास गुरु रामानन्द से शिक्षा लेने के बाद संत बन गए. इसके बाद कबीर दास के नाम के आगे संत लगने लगे और तबसे इनको संत कबीर दास कहा जाता है. कबीर दास पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन वह ज्ञान अनुभव से परिपूर्ण थे.

कबीर दास सादा जीवन जीने में यकीं रखते थे. वे सत्य, अहिंसा, सदाचार गुणों की प्रसंसा करते थे. कबीर दास संत होने के साथ साथ समाज सुधारक भी थे. कबीर दास अद्भुत रचनाये करके भारतीय साहित्य में सदा के लिए अमर हो गये. इनके रचनाये दोहे आज भी काव्य प्रेमियों के मानस पटल पर राज करती है.

संत कबीर दास जी अपने अंतिम समय में काशी छोड़ कर मगहर चले गए और वही पे अपनी अंतिम साँसे ली थी. कबीर दास की मृत्यु सन् 1518 ई० में मगहर नामक स्थान पे हुई थी.

इसे भी पढ़े: Tulsidas Ka Jivan Parichay

प्रिय छात्रो आपको ‘Kabir Das Ka Jivan Parichay’ पढ़ के काफी अच्छा लगा होगा. मैंने बहुत ही सरल भाषा में कबीर दास के जीवन परिचय को बताया हु. मुझे उम्मीद है की आपको काफी अच्छे से समझ में आया होगा.

कबीर दास का जीवन परिचय 100 शब्दों में

संत कबीर दस जी का जन्म सन् 1398 ई० में लहरतारा में हुआ था और मृत्यु सन् 1518 ई० में मगहर में हुआ था. कबीर दास का पालन पोषण एक अन्य दंपति द्वारा हुआ जिसका नाम नीरू तथा नीमा था. कबीर दास जी के गुरु का नाम रामानन्द था जिनसे इन्होने अपनी धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर संत बन गए.

कबीर दास जी ने समाज सुधार के लिए भी संघर्स किये है. इन्होने अपना सारा जीवन समाज के प्रति सकारात्मक में ही व्यतीत किया. कबीर दास जी के दोहे बहुत प्रचलित हुए जिसे आज भी लोग मग्न होकर सुनते और गाते है.

कबीर दास का जीवन परिचय 200 शब्दों में

महान कवि कबीर दास का जन्म 1398 ई० में उत्तर प्रदेश के कशी जिले में हुआ था. इनका पूरा नाम संत कबीर दास था. गुरु रामानन्द से शिक्षा अर्जित करने के बाद ये संत कहलाने लगे थे. इनकी विवाह भी हो गयी थी और इनके पत्नी का नाम लोई था.

इनके पत्नी से इनके दो बच्चे हुए. कबीर दास के बेटे का नाम कमाल एवं बेटी का नाम कमाली था. इनके माता पिता के बारे में किसी को कुछ ज्ञात नही है. कहा जाता है की इनका पालन – पोषण एक परिवार के द्वारा किया गया था, जिनका नाम नीमा तथा नीरू था.

कबीर दास के रचनाये साहित्य में अद्भुत साबित हुए. इनके रचनाये बहुत प्रसिद्ध हुई और इनकी सबसे ज्यादा दोहे प्रसिद्ध हुए. कहा जाता है की संत कबीर दास जी पढ़े – लिखे नही होने के बाद भी अद्भुत रचनाये की जो बहुत ही प्रसिद्ध हुए. इन्होने अपनी ज्ञान अपने गुरु से सीखी.

कबीर दास अंत समय में मगहर में चले गए जहा पे इनकी मृत्यु सन् 1518 ई० में हुई थी. कबीर दास भले ही आज लोगो के बिच नही है लेकिन इनके रचनाये और दोहे आज भी कवि प्रेमियों के द्वारा खूब पढ़ी और सुनी जाती है.

कबीरदास का साहित्यिक परिचय – Kabir Das Ka Sahityik Parichay

कबीर दस का साहित्यिक परिचय: कबीर दस जी ईश्वर को निर्गुण और निराकार मानते है. संत कबीर दास जी के अनुसार ईश्वर संसार के कण – कण में विराजमान है. यही कारण है की वह अवतारवाद तथा मूर्ति पूजा का खंडन किया करते थे. उनका निम्न लाइन बहुत प्रसिद्ध है –

दशरथ सुत तिहु लोक बखाना | राम नाम का मरम है आना ||

कबीर दास जी कृष्ण भक्त कवि थे. इनका काव्य रचनाये कवि प्रेमियों ह्रदय पे हमेसा विराजमान है. कबीरदास समाज सुधारक भी थे तथा ये अद्भुत रचनाये करके भारतीय साहित्य में सदा के लिए अमर हो गये.

कबीर दास जी ने गुरु से शिक्षा ग्रहण कर संत बन गए और समाज सुधार में लग गए. इनके विचार बड़े महान थे और ये सत्य, अहिंसा, सदाचार गुणों की प्रसंसा करते रहते थे.

कबीर दास भाषा – शैली

संत कबीर दास जी एक जनसामान्य के कवि थे और उन्होंने सीधी – सरल भाषा को अपनाया. उनकी भाषा हिन्दी की सभी बोलियों की भाषा में सम्मिलित है. कबीर दास जी ने राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी ब्रजभाषा के अधिकतर शब्दों का प्रयोग किया है.

कबीर दास जी की भाषा को पंचमेल खिचड़ी अथवा सधुक्कड़ी भी कहा जाता है.

कबीर दास जी की प्रमुख रचनाएं ट्रिक से

कबीर दास जी की रचनाये निम्न दिए गए है. आप सभी को इनकी रचनाये रटने की जरूरत नही है, क्योंकि इनकी रचनाये को याद करने के लिए हम एक ट्रिक का पर्योग करेंगे.

ट्रिक - अनुराग सर ने बीज ग्रन्थ रची 
  • अनुराग सागर
  • सबद
  • रमैनी
  • बीजक
  • ग्रंथावली
  • रचनावली

प्रिय छात्रो आपको उपर कबीर दास जी की प्रमुख रचनाये मिल जाएँगी और ये ट्रिक के साथ आप आसानी से याद कर सकते है. आपको ये ट्रिक कैसा लगा हमें निचे कोमेंट के माध्यम से जरुर बताये.

कबीर दास जी का जीवन परिचय PDF

प्रिय छात्रो आपको मैं कबीर दास का जीवन परिचय PDF फाइल भी दूंगा वह भी बिलकुल फ्री में. आपको Kabir Das Ka Jivan Parichay PDF में ‘Kabir Das Ka Jivan Parichay’ तथा साहित्यिक परिच के साथ – साथ उनकी रचनाये भी मिल जाएँगी.

आध्यात्मिक विभूतियों के विशाल क्षेत्र में, कबीर दास ज्ञान और एकता के प्रतीक के रूप में खड़े हैं। वाराणसी शहर में जन्मे, उनकी जीवन यात्रा मानवीय अनुभवों और दिव्य अनुभूति की जटिल शृंखला से होकर गुजरी। पीडीएफ प्रारूप में कैद कबीर दास की जीवनी अंतर्दृष्टि का खजाना है जो दुनिया भर के दिलों और दिमागों को लुभाती रहती है।

PDF Nameकबीर दास का जीवन परिचय PDF
jivan parichay Icon PDF Size436 KB
Pages02
CategoryEducation
TypeDownloadable
QualityHigh
LanguageHindi
PriceFree

Download Jivani PDF for Degree College

आप लोग Kabir Das Ka Jivan Parichay PDF के सहायता से भी पढ़ सकते है. इसपीडीऍफ़ को आप अपने मोबाइल में भी सेव करके रख सकते है. इससे आप नोट्स भी बना सकते है.

आप इसके मदद से Kabir Das Project File In Hindi PDF को भी बना सकते है. आपके प्रोजेक्ट में कबीर दास के बारे में ही लिखना होता है. क्लास 9th और क्लास 11th में प्रोजक्ट के तौर पे कबीर दास की जीवनी ही लिखवाई जाती है.

निष्कर्ष

प्रिय छात्रो आज हम लोगो ने Kabir Das Ka Jivan Parichay काफी सरला समझ लिया है. इसके आलावा हम लोगो ने कबीर दास के साहित्यिक परिचय को भी पढ़ा है. आज हम लोगो ने कबीर दास की पूरी जीवन परिचय के बारे में अच्छे से जाना है.

इसके आलावा हम लोगो ने कबीर दास जी की रचनाये के बारे में भी ट्रिक से याद किया है. इसके अलावा हमने कबीर दास जी के पीडीऍफ़ फाइल को भी पढ़ा है और इस पीडीऍफ़ फाइल को हम कभी भी पढ़ सकते है.

FAQ(Kabir Das Ka Jivan Parichay)

प्रिय छात्रो FAQ का अर्थ होता है Frequently Asked Question मतलब अब हम लोग आप लोगो के द्वारा ज्यादातर पूछे जाने वाला कुछ सवाल और उसके जवाब के बारे में जानेंगे. हम लोग Kabir Das Ka Jivan Parichay से सम्बंधित सभी तरह के सवालो के जवाब जानेंगे.

यदि आपके मन में भी कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है. फ़िलहाल चलिए हम “Kabir Das Ka Jivan Parichay” से जुड़े सवालो के उत्तर जानना शुरू करते है.

कबीर दास जी का पूरा नाम क्या था?

कबीर दास जी का पूरा नाम संत कबीर दास था.

कबीर दास जी का जन्म कब और कहा हुआ था?

कबीर दास जी का जन्म सन् 1398 ई० में उ०प्र० के काशी जिले के लहरतारा नामक स्थान पर हुआ था.

कबीर दास का जीवन परिचय कक्षा 10?

संत कबीर दस का जन्म सन् 1398 ई० में लहरतारा में हुआ था एवं मृत्यु सन् 1518 ई० में मगहर नामक स्थान में हुआ था. कबीर दास जी का पालन पोषण एक दंपति द्वारा हुआ जिसका नाम नीरू तथा नीमा था. कबीर दास जी के गुरु का नाम रामानन्द था जिनसे इन्होने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी..

कबीर दास का जीवन परिचय कक्षा 11?

हिन्दी साहित्य के महान कवि कबीर दास का जन्म 1398 ई० में उत्तर प्रदेश के कशी जिले में हुआ था. गुरु रामानन्द से शिक्षा अर्जित करने के बाद ये संत कहलाने लगे थे. इनके पत्नी का नाम लोई था. कबीर दास अंत समय में मगहर में चले गए जहा पे इनकी मृत्यु सन् 1518 ई० में हुई थी.

कबीर दास जी का जीवन परिचय PDF?

कबीर दास जी का जीवन परिचय PDF फाइल आपको इस लेख के अन्दर दे दिया गया है. आप इस लेख को ओपेन करके पूरा पढ़ सकते है. पीडीऍफ़ फाइल में आपको कबीर दास की पूरी जीवनी पढने को मिलती है.

कबीर कौन थे आप उनके बारे में क्या जानते हैं?

कबीर दास एक महान कवि थे. इनके बारे में अगर बात करे तो ये महान कवि काशी में जन्मे थे और लहरतारा में अपनी अंतिम सांस ली. इनके दो बच्चे थे और ये पढ़े लिखे नही थे. इन्होने अपनी शिक्षा गुरु रामानन्द से अर्जित की थी.

कबीर दास जी की प्रमुख रचना है?

कबीर दास जी की प्रमुख रचना अनुराग सागर, सबद, रमैनी, बीजक, ग्रंथावली, रचनावली आदि है.

कबीर दास की रचना कौन कौन सी है?

कबीर दास की रचना रमैनी, बीजक, सुखनिधन, ग्रंथावली, रचनावली, शब्द, वसंत, साखी और रक्त आदि है.

कबीर ने किसकी पूजा की?

कबीर दस जी ईश्वर को निर्गुण और निराकार मानते थे, यही कारण है की वह अवतारवाद तथा मूर्ति पूजा का खंडन किया करते थे.

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