[PDF] पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय कक्षा 10th

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आज हम लोग Padumlal Punnalal Bakshi Ka Jivan Parichay के बारे में जानेंगे. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जी का जन्म 27 में सन 1894 ईस्वी में छत्तीसगढ़ राज्य में हुई थी.

यदि आप लोग कक्षा 10 में पढ़ते हैं तो आपके हिंदी सिलेबस में पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय लिखने के लिए आता है. बोर्ड एग्जाम में पुन्नालाल बख्शी जी का जीवन परिचय पांच अंक में आता है.

मैं आज आपको इस लेख में पदुमलाल बख्शी जी का जीवन परिचय के बारे में बताने वाला हूं जो की सबसे सरल भाषा में होगा.

यदि आप लोग सबसे आसान शब्दों में इनका जीवन परिचय जानना चाहते हैं तो आप लोग हमारे साथ इसलिए की अंत तक बने रहिए.

हम लोग सबसे पहले टेबल के माध्यम से Padumlal Punnalal Bakshi Biography in Hindi को संक्षिप्त रूप में जानेंगे.

यदि आप लोग इस टेबल को समझ जाते हैं तो पुन्नालाल बख्शी जी के जीवन परिचय को आप आसानी से लिख सकते हैं.

लेखक का नामपदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
अन्य नाममास्टर जी
जन्म वर्ष27 मई सन 1894 ईस्वी में
जन्म स्थानछत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव में
मृत्यु वर्ष28 दिसंबर 1971 में
मृत्यु स्थानरायपुर, छतीसगढ़ राज्य में
पेशाअध्यापक, लेखक एवं निबंधकार
पिताजी का नामपुन्नालाल बख्शी जी
माताजी का नाममनोरमा देवी जी
बाबा का नामउमराव बक्शी
पत्नी का नामश्रीमती लक्ष्मी देवी
विधागद्य एवं पद्य के लेखक
कालआधुनिक काल
शिक्षाबी०ए० से स्नात्तक
प्रमुख रचनाएंक्या लिखूं, प्रबंध पारिजात, पंचपात्र, हिंदी साहित्य विमर्श एवं शतदल आदि
सम्पादनसरस्वती पत्रिका एवं छाया पत्रिका
साहित्य में स्थानहिंदी साहित्य में त्रिवेणी के तीनों धाराओं में से एक माने जाते हैं
भाषा शैलीखड़ी बोली संस्कृत एवं भावात्मक, आलोचनात्मक शैली
साहित्य कालद्विवेदी युग
पुरस्कार1949 में साहित्य वाचस्पति एवं 1969 में डी०लिट्०
पुन्नालाल बख्शी जीवन परिचय संक्षिप्त में

प्रिय छात्रों के टेबल के माध्यम से आप लोग पुन्नालाल बख्शी जीवन परिचय संक्षिप्त में पढ़ चुके हैं. मुझे उम्मीद है कि अब आप लोग अपने बोर्ड के एग्जाम में पुन्नालाल का जीवन परिचय आसानी से लिख सकते हैं.

Table of Contents

पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय कक्षा 10th

हिंदी साहित्य के जाने-माने लेखक पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी का जन्म 27 मई सन 1894 ईस्वी में जबलपुर के खैरागढ़ नामक एक छोटे से क्षेत्र में हुआ था.

पदुमलाल बख्शी के पिताजी का नाम पन्नालाल बख्शी था. इन्होंने अपने पिता के नाम को जोड़कर ही अपना पूरा नाम पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी रखा.

इनके बाबा का नाम उमराव बक्शी था जो की एक साहित्य प्रेमी और प्रसिद्ध कवि भी थे. पदुमलाल के माता जी का नाम मनोरमा देवी एवं पत्नी का नाम श्रीमती लक्ष्मी देवी था.

पदुमलाल को मास्टर जी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इन्होंने अध्यापक का कार्य भी किया है. पदुमलाल जी अध्यापन कार्य के क्षेत्र में भी सफलता पाई है.

इन्होंने बी.ए. से स्नातक की स्नातक करने के पश्चात इन्होंने अपनी पहली रचना सरस्वती को प्रकाशित करने का कार्य किया. बाद में सरस्वती पत्रिका के अतिरिक्त अन्य पत्र पत्रिका को भी प्रकाशित की थी.

सन 1949 ईस्वी में साहित्य वाचस्पति एवं 1969 में डिलीट की उपाधि से इन्हें सम्मानित भी किया गया हिंदी के जाने वाले लेखक पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का मृत्यु 28 दिसंबर 1971 ईस्वी में रायपुर, छतीसगढ़ राज्य में हो गयी थी.

प्रिय छात्रा मुझे उम्मीद है कि अब आप लोग पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय को कर चुके हैं और अब आप लोग कक्षा 10 के बोर्ड एग्जाम में उनके जीवन परिचय को लिख करके अवश्य आएंगे

यदि आप लोग Class 10 Hindi Jivan Parichay के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आप जाकर के पढ़ सकते हैं, क्योंकि यह भी आपके बोर्ड एग्जाम है 5 अंक में आता है.

पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का साहित्यिक परिचय

बख्शी जी का मुख्य आधार आलोचना वह निबंध है. इसके साथ ही साथ इन्होंने कहानियों का भी अनेक अद्भुत रचनाओं की है.

बक्शी जी की निबंध हास्य व्यंग्य के कारण रोचक एवं मधुर लगते थे. बक्शी जी ने सन 1920 से सन 1927 ईस्वी तक ‘सरस्वती पत्रिका’ का संपादन भी किया है.

बक्शी जी द्विवेदी युग के प्रमुख साहित्यकारों में से एक लेखक थे. पदुमलाल बख्शी विशेष रूप से ललित निबंधों के लिए जाने जाते थे. इन्होंने सरस्वती जैसे महान पत्रिकाओं का भी प्रशासन का कार्य किया है.

इन्होंने कुछ वर्षों तक ‘छाया’ नामक मासिक पत्रिका का भी संपादन एवं प्रकाशन का कार्य किया है. बख्शी जी ने स्वतंत्रतावादी काव्य एवं समीक्षात्मक कृतियों का सृजन किया है जिसके लिए आज भी उन्हें साहित्य जगत में महान लेखक के रूप में जाना जाता है.

पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की प्रमुख रचनाएँ

पदुमलाल की प्रमुख रचनाएं बिखरे पन्ने, प्रबंध पारिजात, पंचपात्र, हिंदी साहित्य विमर्श एवं शतदल आदि है. इसके आलवा इनके अन्य कृतिया कुछ इस प्रकार से है –

  • कविताये – अश्रुदल, शतदल
  • नाटक – अन्नपूर्णा का मंदिर
  • कहानी – कमलावती
  • उपन्यास – कथा चक्र, बाल उपन्यास
  • निबंध – हिन्दी साहित्य विमर्श, मेरा देश, प्रदीप
  • आत्मकथा – मेरी अपनी कथा, अंतिम अध्याय

प्रिय छात्रों आप लोग बक्शी जी की रचनाओं के बारे में पढ़ चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को पदुमलाल की रचनाये समझ में आ गई है. यह भी आपके बोर्ड एग्जाम में लिखने होते हैं इसलिए आप इसे भी जरूर पढ़ करके एग्जाम में जाए.

इसे भी पढ़े: श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय

Padumlal Punnalal Bakshi Ka Jivan Parichay PDF

प्रिय छात्रों चलिए अब हम लोग Padumlal Punnalal Bakshi Ka Jivan Parichay PDF फाइल को डाउनलोड करने के बारे में जान लेते हैं. यदि आप लोग कक्षा 10 में पढ़ते हैं तो आपको यह जरूर होगी.

पुन्नालाल बख्शी के जीवन परिचय को डाउनलोड करने के लिए आपको नीचे पीडीऍफ़ का ओवरव्यू दिख रहा होगा.

इसके अलावा आप दाहिने साइड में दिए गए तीर के निशान पर क्लिक करके इस पीडीऍफ़ को गूगल ड्राइव से डाउनलोड कर सकते हैं.

पीडीएफ डाउनलोड करने के बाद से आप लोग इनके जीवन परिचय को आसानी से पढ़ सकते हैं या फिर अपना नोट्स को बना सकते हैं.

इसके अतिरिक्त आपको कभी भी जरूरत होगी तो आप डायरेक्ट अपने मोबाइल में ओपन करके पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय को पढ़ सकते हैं. मैंने तानसेन का जीवन परिचय भी बताई है.

पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी भाषा शैली

पदुमलाल बख्शी जी की भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली एवं संस्कृति थी. बख्शी जी की रचनाओ में संस्कृत शब्दावली का अधिक प्रयोग है.

इसके अलावा उर्दू तथा अंग्रेजी के शब्दावली का भी इन्होंने प्रयोग किया है. इन्होंने अपने रचनाओं में हिंदी भाषा के साथ-साथ फारसी भाषाओं का भी प्रयोग किया है.

पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी जी की शैली भावात्मक तथा आलोचनात्मक थी. इनकी रचनाओं में शैली का प्रयोग कुछ इस प्रकार से था की पढ़ने वाले लोगों के दिलों में उनकी भावनाओं एवं चित्रात्मक उद्देश्यों को साफ-साफ देखा जा सकता था.

पदुमलाल बख्शी का जीवन परिचय का विडियो लेक्चर

FAQs: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी जीवन परिचय से सम्बंधित

प्रिय छात्रों अब हम लोग पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय से संबंधित कुछ ऐसे प्रश्नों का उत्तर जानेंगे जो कि अक्सर आप लोगों के द्वारा पूछी जाती है.

यदि आप लोगों को बक्शी जी के जीवन परिचय से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप नीचे दिए गए मेरे प्रश्नों के उत्तर को पढ़ करके अपने सवालों का जवाब आसानी से जान सकते हैं.

प्रश्न: पदुमलाल बख्शी का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर: पदुमलाल बख्शी जी का जन्म 1894 ईस्वी में छत्तीसगढ़ राज्य के जबलपुर में स्थित एक छोटे से गांव खैरागढ़ में हुआ था.

प्रश्न: पदुमलाल बख्शी का मृत्यु कहाँ हुआ था?

उत्तर: पदुमलाल बख्शी का मृत्यु सन 1971 ईस्वी में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित रायपुर नमक शहर में हुआ था.

प्रश्न: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के पिता का क्या नाम था?

उत्तर: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी के पिता का पुन्नालाल बख्शी जी था. पदुमलाल ने अपने पिता के नाम का प्रयोग करके ही अपना पूरा नाम दुमलाल पुन्नालाल बख्शी रखे थे.

प्रश्न: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की माता का नाम क्या था?

उत्तर: पदुमलाल बख्शी की माता का नाम मनोरमा देवी जी था जिन्होंने बख्शी जी को जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेणित किया था.

प्रश्न: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की रचना क्या है?

उत्तर: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की रचना ‘प्रबंध पारिजात’, ‘पंचपात्र’, ‘हिंदी साहित्य विमर्श’ एवं ‘शतदल’ आदि है.

प्रश्न: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी किस युग के लेखक हैं?

उत्तर: पुन्नालाल बख्शी ‘द्विवेदी युग’ के लेखक है जो हिन्दी साहित्य के तीनो त्रिवेदी में से एक माने जाते है.

प्रश्न: क्या लिखूं के लेखक कौन हैं?

उत्तर: क्या लिखूं के लेखक पदुमलाल पुन्नालाल जी है. बख्शी जी ने ‘क्या लिखू’ में ए.जी. गार्डिनर के कथन का जिक्र किया है.

प्रश्न: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की कविता?

उत्तर: पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी की कविता ‘अश्रुदल’, ‘शतदल’ आदि है. इनकी कविता मनमोहक एवं चित्रात्मक थी.

प्रश्न: बख्शी जी ने कौन सी रचना लिखी है?

प्रश्न: बख्शी जी ने ‘अश्रुदल’, नाटक में ‘अन्नपूर्णा का मंदिर’, कहानी में ‘कमलावती’, उपन्यास में ‘कथा चक्र’ और आत्मकथा में ‘मेरी अपनी कथा’, अंतिम अध्याय आदि की रचना की है.

प्रश्न: कुछ बिखरे पन्ने किस विधा की रचना है?

प्रश्न: कुछ बिखरे पन्ने ‘किस ‘निबंध’ विधा की रचना है. बख्शी जी ने अपने साहित्यिक-सांस्कृतिक निबंध में ‘कुछ बिखरे पन्ने’ की रचना की है.

निष्कर्ष

प्रिय छात्रो आज के इस लेख में हमने ‘Padumlal Punnalal Bakshi Ka Jivan Parichay’ को पढ़ा है और समझा है. मैं आशा करता हु की आप लोग अब अपने नोट्स को बना सकते है और बोर्ड एग्जाम में अच्छा अंक प्राप्त कर सकते है.

पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी का जीवन के बारे में हर हिन्दी साहित्य के प्रेमियों को जानना चाहिए. हिन्दी साहित्य को इनकी रचनाये हमेसा बक्शी जी की याद दिलाती रहेगी.

यदि आप लोगों को पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी का जीवन परिचय पसंद आया हो तो अपने बाकी मित्रों के साथ भी शेयर करके उनको भी यह पढ़ने का अवसर प्रदान करें.

इसके अतिरिक्त यदि आप हिंदी के अन्य लेखक अथवा कवि के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अन्य जीवन परिचय को पढ़ सकते हैं.

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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