[PDF] श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय – Ramanujan Ka Jivan Parichay

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प्रिय छात्रो आज हम Ramanujan Ka Jivan Parichay के बारे में जानेंगे. इसके आलवा हम श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय गणित में योगदान और जीवन परिचय pdf साझा करेंगे.

यदि आप लोग इस लेख को अंत तक पढ़ते है तो मैं दावा करता हु की आपको रामानुजन के जीवन के बारे में बहुत अच्छे से ज्ञात हो जाएगा. हम आपको इस लेख में श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय हिंदी में pdf भी डाउनलोड करने के बारे में बताएँगे.

इसके अतिरिक्त हम लोग रामानुजन फार्मूला और रामानुजन ने किसकी खोज की इसके बारे में भी अच्छे से जानेंगे. मैंने जो निचे पीडीऍफ़ आपको डाउनलोड करने के लिए दिया है, आप लोग उसमे भी यह सारी चीजे पढ़ सकते है.

इसके पहले भी मैंने सभी जीवन परिचय का लेख अपने ब्लॉग पे लिख कर पोस्ट कर रखा है जिसमे मैंने पीडीऍफ़ को डाउनलोड करने के बारे मे भी बताया है.

मैं आज भी आपको इस लेख के अंत में ‘Ramanujan ka jivan parichay pdf’ दूंगा जिसके मदद से आप नोट्स बना सकते है.

Table of Contents

संक्षिप्त में जानिए Srinivasa Ramanujan Ka Jivan Parichay

प्रिय छात्रो पहले हम लोग टेबल के माध्यम से Srinivasa Ramanujan Ka Jivan Parichay को संक्षिप्त में जानेंगे. इसके मदद से आप रामानुजन के पूरी जीवनी के बारे में एक सरांस के तौर पर याद रख सकते है.

पूरा नामश्रीनिवास अय्यंगर रामानुजन
अन्य नामरामानुजन
जन्म वर्ष22 दिसम्बर सन् 1887 ई०
जन्म स्थानतमिलनाडु राज्य के इरोड जिले में
पिता जी का नामश्रीनिवास अय्यंगर जी
माता जी का नामश्रीमती कोमलताम्मल जी
शिक्षाकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से बी० ए०
पत्नी का नामजानकीअम्मल
पेशागणितज्ञ
नागरिकताभारतवासी
कार्य क्षेत्रभारतीय गणितज्ञ
प्रसिद्धी के कारणगणित का जादूगर
खोजरामानुजन नंबर 1729 की खोज
मृत्यु वर्ष26 अप्रैल 1920 ई०
मृत्यु स्थानतमिलनाडु राज्य के चेटपट इलाके में

प्रिय छात्रो अप लोग उपर टेबल में Ramanujan Ka Jivan Parichay को संक्षिप्त में यानी एक सरांस समझ सकते है इनके पूरी जीवनी के बारे में.

आगे हम लोग रामानुजन का जीवन परिचय को और विस्तार से समझते हुए आगे बढ़ेंगे. उसके बाद मैं आपको इनकी जीवनी का पीडीऍफ़ फाइल आप लोगो के साथ शेयर करूँगा.

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विस्तार से समझिये ‘Ramanujan Ka Jivan Parichay’ के बारे में

रामानुजन का पूरा नाम था श्रीनिवास अय्यंगर रामानुजन और वे तमिलनाडु राज्य के इरोड जिले में 22 दिसम्बर 1887 को जन्मे थे. उनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर और माता का नाम श्रीमती कोमलताम्मल जी था. रामानुजन ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की थी. 
उनकी पत्नी का नाम था जानकीअम्मल था. वे भारतीय गणितज्ञ थे और उन्हें "गणित का जादूगर" के रूप में जाना जाता है. रामानुजन ने रामानुजन नंबर 1729 की खोज की और 26 अप्रैल 1920 को तमिलनाडु राज्य के चेटपट इलाके में निधन हुआ.

रामानुजन का प्रारम्भिक जीवन

रामानुजन का प्रारंभिक जीवन बहुत ही सामान्य और गरीब परिवार में हुआ था. रामानुजन का प्रारंभिक शिक्षा संवत्सरी विद्यालय, कुम्बकोणम में हुआ था.

जहां उन्होंने अपनी गणित की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. वे बचपन से ही गणित में अद्वितीय प्रतिभा दिखा रहे थे.

रामानुजन की विशेष बात थी कि वे गणित के विभिन्न गणितीय सूत्रों और समस्याओं को स्वयं सोचकर हल करने के क्षमता रखते थे.

रामानुजन का अद्वितीय गणितीय प्रतिभा ने उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पहुंचाया, जहां उन्होंने गणित में अध्ययन किया और अपनी गणितीय क्षमताओं को और भी निखारा.

इसके बाद, उन्होंने अपने अनुसंधानों को विश्वभर में प्रस्तुत किया और गणित जगत में अपनी विशेष पहचान बनाई.

रामानुजन का प्रारंभिक जीवन एक गरीब परिवार में होने के बावजूद, उनकी अद्वितीय गणितीय दर्दनीय है, जिसने उन्हें गणित के क्षेत्र में एक महान गणितज्ञ बनाया.

रामानुजन का जन्म वर्ष एवं स्थान

भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास अय्यंगर रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर सन् 1887 ईस्वी को तमिलनाडु राज्य के इरोड जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था.

उनका जीवन उनके गरीब परिवार के लिए संघर्षपूर्ण था, लेकिन उन्होंने गणित की दुनिया में महान कार्य किया.

उनका गणितीय के प्रति लगन ने उन्हें एक श्रेष्ठ गणितज्ञ बनाया और उनके योगदान ने गणित को नए दिशाओं में ले गया.

रामानुजन गणित के क्षेत्र में विश्वभर में मान्यता प्राप्त कर गए हैं और उन्हें “गणित का जादूगर” के रूप में जाना जाता है.

रामानुजन के माता पिता का नाम

रामानुजन के पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर था, और माता का नाम श्रीमती कोमलताम्मल था. उनके पिता एक क्षत्रिय परिवार से थे और कान्यकुब्ज ब्राह्मण समुदाय से उनकी माता जी थीं.

रामानुजन का परिवार गरीब था और उनके पिता का व्यापारिक का काम होता था. वे अपने छोटे से गांव में पैदा हुए थे और उनका शिक्षा-संचालन में कोई विशेष सहायता नहीं थी.

फिर भी रामानुजन ने अपने गणित के प्रति लगन और उत्कृष्ट गणितीय क्षमताओं के साथ अपने सपनों को पूरा किया और गणित के क्षेत्र में एक महान प्रतिष्ठा प्राप्त की.

रामानुजन की शिक्षा

रामानुजन का प्रारंभिक शिक्षा जीवन कांची और विशाखापट्टनम के प्राथमिक विद्यालयों में हुआ था. रामानुजन की 12वीं कक्षा में पढ़ाई में उन्होंने अपनी अद्वितीय गणितीय प्रतिभा का पहला प्रमुख प्रमाण दिखाया था.

वे अध्ययन के दौरान अधिकांश समय गणित में ही व्यतीत करते थे और उनके गणितीय प्रयासों की गहरी अध्ययन करते थे.

इस दौरान उन्होंने कई गणितीय गणनाओं का अध्ययन किया और उनके स्वयं के तरीकों को खोजने का प्रयास किया.

वे अपने गणित के कठिन प्रश्नों के अध्ययन के दौरान कई महत्वपूर्ण सूत्रों का आविष्कार करने में सफल हुए. जिनमें उनके प्रसिद्ध “रामानुजन फार्मूला” भी शामिल हैं, जिसकी इन्होने खोज की थी.

उनकी गणितीय समस्या के पीछे उनकी अद्वितीय गणितीय सोच और प्रतिबद्धता का प्रमुख कारण था और इसने उन्हें गणित के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाई.

रामानुजन ने फिर से तैयारी की और 12वीं कक्षा पास की और फिर मद्रास के प्रेस्बिटेरियन कॉलेज में प्राध्यापक बनने का सपना देखा.

वह उस समय तक इंग्लिश भाषा में गणित की किताबें पढ़ते रहे थे, लेकिन इंग्लिश भाषा में उनकी पढ़ाई में कुछ दिक्कत आ रही थी.

इसके बाद, उनके गुरु गोपाला अय्यर के साथ मिलकर उन्होंने गणित के क्षेत्र में अध्ययन किया और अपनी गणितीय प्रतिभा को निखारा.

इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से बी.ए. की उपाधि प्राप्त की और गणित में उनका करियर शुरू हुआ.

रामानुजन की आर्थिक स्थिति

रामानुजन की आर्थिक स्थिति उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों में कमजोर थी. उन्होंने अपने गणितीय अध्ययन के लिए विभिन्न स्रोतों से उपकरण और पुस्तकें प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया.

इसके बावजूद, उनकी अद्वितीय गणितीय प्रतिभा ने उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिलाया.

जब उन्होंने अपने गणितीय फिल्ड में महत्वपूर्ण योगदान दिया तो उनकी प्रस्तावना में सुधार हुआ और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर गई.

इसके बाद, उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से बी.ए. की उपाधि हासिल की और उन्हें और भी बड़े गणितज्ञ के रूप में मान्यता मिली.

रामानुजन का वैवाहिक जीवन

रामानुजन की पत्नी का नाम “जनकिअम्मल” था. उनका वैवाहिक जीवन कठिनाइयों और आर्थिक संकटों से भरपूर था.

जब रामानुजन कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए इंग्लैंड गए, तो उनकी पत्नी जनकिअम्मल भारत में ही रहीं और उनके पास आर्थिक सहायता के लिए बहुत ही सीमित संसाधन थे.

यह दोनों अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर रहकर अपने जीवन की मुश्किलों का सामना करते थे, लेकिन उनके प्यार और समर्थन ने उन्हें उनके गणितीय सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद की.

रामानुजन का विदेश जाना

रामानुजन का विदेश जाना उनके जीवन का महत्वपूर्ण घटना था. वर्ष 1913 में, जब उन्हें भारतीय गणित समाज के सदस्य के रूप में एक छात्र विशेषज्ञ के रूप में चुना गया था तो उन्होंने इंग्लैंड जाने का निर्णय लिया.

वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध गणितज्ञ गोडफ्रे हार्डी के पास जाकर अपने गणितीय कौशल को और भी मजबूत करने का संकल्प लिया.

उन्होंने कैम्ब्रिज में अपने गणित क्षेत्र की अध्ययन-अनुसंधान की शुरुआत की और इससे वे विशेष गणितज्ञ बने.

रामानुजन का कार्य क्षेत्र

रामानुजन का कार्य क्षेत्र मुख्यतः गणित था. वे एक प्रमुख गणितज्ञ थे और उन्होंने विभिन्न गणितिक समस्याओं का अध्ययन किया और नई गणितिक तकनीकों का अनुसंधान किया.

उनका काम संख्या सिद्धांत, बिना किसी साहित्यिक सहायता के गणित में नए सूत्र और समीकरणों की खोज करने में था.

उन्होंने पाई (π) और अखंड (e) के गणितिक संबंध को खोजा और नई गणितिक संख्याओं की खोज की, जिन्होंने गणित में महत्वपूर्ण योगदान किया. उनका कार्य गणित के क्षेत्र में अद्वितीय था और आज भी विशेष मान्यता प्राप्त है.

रामानुजन का मृत्यु वर्ष एवं स्थान

रामानुजन का मृत्यु वर्ष 1920 ई० था और उनका मृत्यु स्थान तमिलनाडु राज्य के चेटपट इलाके में था. वे तब केवल 33 वर्ष की आयु में इस दुनिया को छोड़कर चले गए. उनकी मृत्यु के बाद भी उनका गणितिक योगदान आज तक महत्वपूर्ण है.

रामानुजन जैसे महान गणितज्ञ की कम आयु में ही मृत्यु हमें अत्यंत दुःख करती है परन्तु उनका योगदान हमें उनका याद दिलाती रहती है. उन्होंने गणित के क्षेत्र में अपनी अमूल्य छाप छोड़ी है.

उनकी मृत्यु के बाद उनकी यादें और काम गणित जगत में हमेशा जिन्दा रही हैं और उन्हें सम्मान और प्रशंसा मिली है.

रामानुजन की मृत्यु कैसे हुई

रामानुजन की मृत्यु केवल 33 वर्ष की आयु में हो गयी थी और इसका वजह इनके स्वास्थ्य की बीमारी का होना था. उन्हें टीबी (क्षय रोग) की समस्या थी, जो कि उनके जीवन को कई दिनों से प्रभावित कर रही थी. इस बीमारी के चलते उनका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड़ रहा था.

स्वास्थ्य इतना बिगड़ा की आखिरकार, 26 अप्रैल 1920 को, वे अपने स्वास्थ्य की समस्या के बावजूद दुनिया के गणितज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर छोड़कर इस दुनिया से विचार गंभीर होते हुए चले गए. उनका निधन भारतीय गणित और विज्ञान के क्षेत्र में एक दुखद स्थिति था.

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श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय हिंदी में PDF

प्रिय छात्रो अब मैं आप सभी को श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय हिंदी में PDF डाउनलोड करने के बारे में बताने वाला हु.

आप लोगो के लिए मैंने Ramanujan Ka Jivan Parichay Pdf में लिखा है जिसको पढ़ करके आप अपने नोट्स को तैयार कर सकते है.

श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय हिंदी में PDF

इस पीडीऍफ़ में आपको वह सभी चीजे मिलेंगी जोकि रामानुजन के जीवन परिचय से जुड़ा हुआ है जैसे की रामानुजन नंबर, रामानुजन का गणितीय योगदान आदि.

मैंने इस पीडीऍफ़ को खुद तैयार किया है जिसे आप लोग डाउनलोड बटन पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है.

PDF Nameश्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय हिंदी में PDF
jivan parichay Icon PDF Size447 KB
No of Pages05
CategoryEducation
LanguageHindi
TypeDownloadble
QualityHigh
PriceFree

आपको निचे डाउनलोड का बटन पर क्लिक करना है और आपका Ramanujan Ka Jivan Parichay Pdf डाउनलोड हो जाएगा जिसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते है और कभी भी रिविजन के लिए पढ़ सकते है.

पीडीऍफ़ फाइल एक बहुत उपयोगी होता है जो आपको जरुर डाउनलोड करना चाहिए इसमें आपको रामानुजन की पूरी जीवनी के बारे में लिखा मिल जाएगा और इसे मैंने खुद अपने ही हाथो की मदद से लिखी है. इसमें आपको Ramanujan ka jivan Parichay aur ganit mein yogdan भी लिखा हुआ मिलेगा.

यदि आप लोग श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय English में PDF खोज रहे है तो आपको इस पीडीऍफ़ में रामानुजन का जीवन परिचय इंग्लिश में लिखा हुआ मिल जाएगा. मैंने इस पीडीऍफ़ को हिन्दी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में लिखी है.

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श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय गणित में योगदान क्या था

श्रीनिवास रामानुजन जिन्हें गणित के जादूगर के रूप में जाना जाता है, एक महान भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होंने गणित में विशेष योगदान दिया.

उनका जन्म 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु के इरोड जिले में हुआ था. उनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर और माता का नाम श्रीमती कोमलताम्मल था.

रामानुजन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को स्थानीय पाठशाला से प्राप्त की और फिर कुम्भकोणम के गवर्नमेंट कॉलेज में आगे की शिक्षा प्राप्त की.

उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की और फिर गणित में अपनी शिक्षा जारी रखने लगे.

रामानुजन के गणितीय में योगदान ने उन्हें गणित के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई. उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण संख्याओं और गणितीय सूत्रों का खोज किया, जिनमें रामानुजन नंबर और पाई का सूत्र शामिल है.

उन्होंने गणित के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान किया, जिसने उन्हें गणित के क्षेत्र में अद्वितीय और महान बना दिया.

उनका मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को हुआ, लेकिन उनका गणितीय योगदान आज भी दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए महत्वपूर्ण है.

श्रीनिवास रामानुजन ने किसकी खोज की थी

श्रीनिवास रामानुजन ने गणित के कई महत्वपूर्ण खोज की थी. उनमें से कुछ मुख्य खोजों में शामिल हैं:

  • रामानुजन-सोल्डनर स्थिरांक: रामानुजन ने असली संख्याओं की खोज की, जिसमें उन्होंने रामानुजन-सोल्डनर स्थिरांक का पता लगाया. यह स्थिरांक असली संख्याओं के बीच एक महत्वपूर्ण गणितीय संबंध को प्रकट करता है.
  • रामानुजन नंबर: उन्होंने रामानुजन नंबर की खोज की, जिसका गणित में विभिन्न उपयोग है, और यह गणितीय समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण है.
  • रामानुजन थीटा फलन: उन्होंने अपने थीटा फलन के माध्यम से गणित में महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान किया. इसका उपयोग मॉड्यूलर फॉर्म्स, एलिप्टिक कर्व्स, और अन्य गणितीय क्षेत्रों में होता है.
  • कृत्रिम थीटा फलन: उन्होंने कृत्रिम थीटा फलन का अद्वितीय गणितीय प्रयोग किया और इसके माध्यम से नई समस्याओं के समाधान में मदद की.
  • रामानुजन योग: उन्होंने गणित में विशिष्ट संगठन और समिकरणों के लिए रामानुजन योग प्रस्तुत किया, जो गणितीय समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण साबित हुआ.

रामानुजन के योगदान ने गणित को नई दिशा दिलाई और उन्हें गणित के क्षेत्र में एक महान गणितज्ञ के रूप में मान्यता प्राप्त की. उनकी नोटबुक और उनके काम आज भी गणितज्ञों के लिए एक मूलभूत संसाधन हैं. रामानुजन की खोजें गणित के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं.

रामानुजन फार्मूला

रामानुजन फार्मूला, भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन द्वारा विकसित किया गया एक गणितीय सूत्र है जिसका प्रमुख उपयोग त्रिगोनोमेट्री और पीछा की प्रायोगिक गणित में किया जाता है.

यह सूत्र प्राकृतिक अंशों के बीच एक बड़े अनंत श्रंखला का अनुमान लगाने के लिए उपयोगी है और विशेष रूप से यूरीक्लिडीयन सदिश और त्रिभुजों के साथ संबंधित समस्याओं को हल करने में मदद करता है.

रामानुजन फार्मूला का एक प्रमुख रूप है:

यह सूत्र पाई (π), व्यापक विशिष्टता वाले (विशिष्ट सांख्यिक रूप) एक पारंपरिक श्रंखला के सदिशों के साथ जोड़कर, एक अनन्त सांख्यिक को प्रत्यक्ष रूप से प्रकट करता है.

इसे “रामानुजन संख्या” के रूप में भी जाना जाता है और यह गणित के दो प्रसिद्ध नियतांकों, पाई (π) और ई (e), के बीच एक अद्वितीय संबंध को प्रकट करता है.

यह सूत्र गणित के दुनिया में एक अत्यद्भुत गणितीय खोज के रूप में महत्वपूर्ण है और रामानुजन के गणितीय जीवन की महत्वपूर्ण उपलब्धि में से एक है.

रामानुजन नंबर 1729 अथवा रामानुजन-हार्डी संख्या

रामानुजन नंबर 1729 का महत्वपूर्ण होने का कारण है कि यह एक “हार्डी-रामानुजन संख्या” है और गणित में अद्वितीय महत्व रखती है. इस संख्या का प्रस्तुतीकरण निम्नलिखित है:

       1729 = 1^3 + 12^3 = 9^3 + 10^3

यह संख्या गणितज्ञ गोधूलि रामानुजन के औपचारिक शिक्षा के दौरान ब्रिटिश गणितज्ञ जी.एस. हार्डी से मिलकर उत्पन्न हुई थी.

हार्डी को इस संख्या का महत्व नहीं समझ में आया, लेकिन रामानुजन ने इसे दो या दो से अधिक cube के घनों के जोड़ के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे यह एक अद्वितीय गणितीय पैटर्न बन गई.

इस संख्या की खोज गणित के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह गणित के जादूगर रामानुजन के औपचारिक शिक्षा के दौरान हार्डी के साथ हुई एक प्रमुख गणितीय समीक्षा का आरंभ था.

इसे “रामानुजन-हार्डी संख्या” के रूप में भी जाना जाता है और यह गणित में एक विशेष प्रकार की संख्या है जिसका महत्व अध्ययन करने के लिए रहा है.

ऐसे ही और भी जीवन परिचय का पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड करे:

निषकर्ष

प्रिय छात्रो आज हम लोगो ने “Ramanujan Ka Jivan Parichay” के बारे में विस्तार से जान लिया है और मैं आशा करता हु की आप लोगो ने भी श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय pdf भी डाउनलोड किया होगा. आप लोग इसके मदद से अपने नोट्स को तैयार कर सकते है.

रामानुजन एक भारतीय महान गणितज्ञ रहे है और इन्होने गणित के क्षेत्र में अनेको योगदान दिए. इन्होने कई सारे फ़ॉर्मूले भी खोजे जिसके मदद से गणित के कठिन प्रश्न को हल करना आसान हो गया है.

Video Lecture on Ramanujan Ka Jivan Parichay

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न: रामानुजन कौन थे?

उत्तर: श्रीनिवास रामानुजन एक महान भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होंने अपने जीवन में गणित के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत और सूत्रों की खोज की.

प्रश्न: रामानुजन का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु राज्य के इरोड जिले में हुआ था.

प्रश्न: रामानुजन का योगदान क्या था?

उत्तर: रामानुजन ने गणित के कई महत्वपूर्ण सिद्धांत, सूत्र, और फार्मूले खोजे और उन्होंने अनेक गणितीय समस्याओं का हल प्रस्तुत किया.

प्रश्न: रामानुजन का मृत्यु वर्ष कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: रामानुजन का मृत्यु 26 अप्रैल 1920 को तमिलनाडु राज्य के चेटपट इलाके में हुआ था.

प्रश्न: रामानुजन ने किस विशेष गणितिक समस्या का हल निकाला था?

उत्तर: रामानुजन ने खोजी गई “रामानुजन नंबर 1729” का हल निकाला था, जिसे उन्होंने “हार्डी-रामानुजन संख्या” भी कहा है.

प्रश्न: श्रीनिवास रामानुजन की पत्नी का क्या नाम था?

उत्तर: रामानुजन की पत्नी का नाम “जानकीअम्मल” था.

प्रश्न: रामानुजन ने गणित में क्या आविष्कार किया?

उत्तर: रामानुजन ने अनेक गणितिक सिद्धांत और सूत्र खोजे, जैसे कि “रामानुजन समा”, “रामानुजन नंबर”, “रामानुजन-सोल्डनर संख्या” आदि का अविष्कार किया.

प्रश्न: श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में योगदान कैसे दिया?

उत्तर: श्रीनिवास रामानुजन ने गणित में अनूठे संख्या प्रमेय, फार्मूला, और समीकरणों का खोज और प्रमाण किया, जिसने गणित को महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने रामानुजन नामक नंबर को प्रस्तुत किया, जो गणित में महत्वपूर्ण है.

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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