हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय साहित्यिक परिचय एवं रचनाएँ शॉर्ट में || Harishankar Parsai Ka Jivan Parichay Sahityik Parichay evm Rachna Hindi Mein

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मेरे प्यारे स्टूडेंट्स आज हम लोग हरिशंकर परसाई  का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय तथा उनकी रचनाओ के बारे में गहन अध्ययन करेंगे. मैं आप सभी को हरिशंकर परसाई का जन्म कब हुआ था? और हरिशंकर परसाई जी का निधन कब हुआ? यह सभी प्रश्नों के हल इसी में मिल जायेंगे.

मैं आप सभी को हरिशंकर परसाई की माता – पिता का नाम के साथ – साथ हरिशंकर परसाई की भाषा-शैली के बारे में भी बताऊंगा. आपके बोर्ड एग्जाम के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण जीवन परिचय है.

इसके पहले मैंने बहुत से लेखको के जीवन परिचय शार्टकट में बता दिया है. आज हम लोग Harishankar Parsai Ka Jeevan Parichay Hindi Main जानेंगे. यह आपके बोर्ड में 5 अंक में पूछा जाता है.

आपको जीवन परिचय के साथ – साथ Harishankar Parsai Ji Ka Sahityik Parichay भी देना पड़ता है इंटरमीडिएट में. यह लगभग हर वर्ष आपके एग्जाम में पूछा गया है. इसलिए आप लोग इसे जरुर तैयार करे और अच्छे अंक पाए.

हम लोग हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय साहित्यिक परिचय और उनकी कृतियाँ को इतने अच्छे से आपके लिए लिखे है लोग की आपको ज्यादा कठिनाई नहीं होने वाली है. आप लोग बस एक से दो बार Harishankar Parsai Ka Jivan Parichay In Hindi में पढ़ लिजियेगा तो आपके दिमाग में बैठ जायेगा. 

चलिए अब हम लोग हरिशंकर परसाई जी का जीवन परिचय और साहित्यिक परिचय को जान लेते है. मैंने बहुत सरल भाषा में हरिशंकर परसाई साहित्यिक परिचय को बताया है.

हिंदी में जानिए ‘हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय साहित्यिक परिचय एवं रचनाएँ शॉर्ट में’ – Harishankar Parsai Ji Ka Jivan Parichay Sahityik Parichay evm Rachna Hindi Mein 

दोस्तों आपको हम आगे अंत में हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय और रचनाएँ की पीडीऍफ़ आपको देने वाले है. आपको अंत में उसका लिंक मिल जायेगा. चलिए हम Harishankar Parsai Ka Jivan Parichay Hindi Mein जान लेते है.

हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय (Harishankar Parsai Ji Ka Jivan Parichay):

हरिशंकर परसाई जी का जन्म 22 अगस्त सन् 1924 ई० को इटारसी के निकट जमानी नामक स्थान पर हुआ था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा मध्य प्रदेश में हुई.

नागपुर विश्वविद्यालय से हिंदी में एम० ए० उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य किया. साहित्य में विशेष रूचि होने के कारण इन्होंने नौकरी से त्यागपत्र देकर स्वतंत्र रूप से लेखन का कार्य भी किया. 

इन्होंने वसुधा नामक साहित्यिक मासिक पत्रिका का स्वयं संपादन और प्रकाशन किया जो साप्ताहिक हिंदुस्तान, धर्मयुग तथा अन्य पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती थी परंतु आर्थिक घाटे के कारण इसे बंद करना पड़ा.

इनके जीवन में बहुत उतार – चढाव आये परन्तु इन्होने साहित्य के प्रति अपने रूचि को नहीं छोड़ा. हरिशंकर परसाई जी की मृत्यु 10 अगस्त सन् 1995 ई० को हो गया.

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  2. डॉ वासुदेव शरण अग्रवाल जी का जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय, कृतियाँ रचनाये
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हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय (Harishankar Parsai Ji Ka Sahityik Parichay):

व्यंग्य प्रधान निबंधों के लिए प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले परसाई जी की दृष्टि लेखन में बड़ी सूक्ष्मता के साथ उतरती थी.

उनके ह्रदय में साहित्य सेवा के प्रति कृतज्ञ भाव विद्यमान थे. यह साहित्य की सेवा के लिए नौकरी को भी त्याग दिये.

हरिशंकर परसाई जी को इनकी रचना ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ के लिए साहित्य ‘अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है. इन्होने अपने जीवन में विशेष प्रसिद्धि प्राप्त की.

हरिशंकर परसाई जी एक सफल व्‍यंग्‍कार थे. यह व्‍यंग्‍य के अनुरूप ही भाषा लिखने में कुशल थे. परसाईजी ने अपनी रचनाओं में काफी अच्छे शब्दों का चयन किये है.

हरिशंकर परसाई की रचनाएँ एवं कृतियाँ (Harishankar Parsai Ji Ki Rachnaye kritiyan ):

हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाएँ निम्नलिखित है –

  • कहाँनी संग्रह: ‘हँसते है, रोते है’, ‘जैसे उनके दिन खिले’
  • उपन्यास: ‘रानी नागफनी की कहाँनी’, ‘तट की खोज’
  • निबन्ध संग्रह: ‘तब की बात और थी’, ‘भुत के पाँव पीछे’, ‘बेईमान की परख’, ‘पगडण्डीयो का ज़माना’, ”सदाचार की ताबीज’, ‘शिकायत मुझे भी है’, ‘विकलांक श्रद्धा का दौर’
दोस्तों मैंने आप सभी को उपर Harishankar Parsai Ka Sahityik Parichay In Hindi और Harishankar Parsai Ka Jivan Parichay Likhiye को बहुत ही बेहतरीन तरीके से बता दिया है. 
 

मैंने हरिशंकर परसाई का निबंध संग्रह है यह भी बता दिया है. आपको यह कैसा लगा मुझे कमेंट में बताये. अब आपको हरिशंकर परसाई का साहित्य में स्थान बताइए का जवाब भी मिल गया है.
 
मैं ऐसे ही आप सभी के लिए और भी प्रश्न लाते रहेंगे. मैंने आपके समक्ष हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय शॉर्टकट में प्रस्तुत किया है जिसे आप लोग आसानी से याद कर पाएंगे.
 
आप सभी को मैं हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाएँ pdf में भी दे दूंगा जिसे आप लोग डाउनलोड कर पाएंगे और अपने नोट्स में नोट कर पाएंगे.
 
मैंने आपको सभी हरिशंकर परसाई की प्रमुख रचनाएं  बता दिया है. आपके बोर्ड एग्जाम में इससे बाहर से नहीं आने वाले है. आप लोग बेझिझक याद कीजिये. आपके बोर्ड में हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय दे यह प्रश्न पूछा जायेगा.

आपमें से बहुत से लोग मुंशी प्रेमचंद अथवा हरिशंकर परसाई का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर लिखिए को कह रह थे मैंने सभी पर लिख दिया है जैसे –
  • जन्म
  • जन्म स्थान
  • मृत्यु
  • शिक्षा 
  • पुरस्कार
  • योगदान आदि.
मैंने यह सभी टॉपिक कवर करके उपर आपको हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय इन हिंदी में बता दिया  है. मैं आप सभी के लिए हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय वीडियो भी लेकर आया हु जिससे आप लोग Harishankar Parsai Ji Ka Jeevan Parichay In Hindi में और अच्छे से समझ सकोगे.

आप लोग उपर विडियो में हरिशंकर परसाई जी का जीवन परिचय और साहित्यिक परिचय एवं रचनाओ को विडियो लेक्चर के माध्यम से भी समझ सकते हो. मैंने इसे अपने चैनल पर उपलोड किया है.
 
आप लोगो को पता है उपर मैंने जो रचनाये बातये है वह हरिशंकर परसाई जी के द्वारा निकाली गई साहित्यिक पत्रिका है जिसे बहुत पसंद किया गया.
 
मैंने आप लोगो को हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय बताइए और हरिशंकर परसाई जी का साहित्यिक परिचय को समझा दिया है. मैंने Harishankar Parsai Ka Sahityik Jivan Parichay को लिखित तथा विडियो दोनों माध्यम से बता दिया है.
 
यह आपके लिए हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय शॉर्ट में और कही नहीं मिलेगा. मैंने इसे बहुत ही मेहनत और रिसर्च करके बताया है.

मैंने आपको “Harishankar Parsai Ji Ka Sahitya Mein Sthan और Harishankar Parsai Ki Rachnaye” को साहित्यिक परिचय में बता दिया है. आपको यदि कोई कहे की हरिशंकर परसाई साहित्य में स्थान बताईये तो आप वही लिख दीजियेगा.
 
आपको हरिशंकर परसाई का जीवन परिचय साहित्यिक परिचय एवं रचनाएँ शॉर्ट में कैसी लगी निचे कमेंट में जरुर बतियेगा. मैं आपके कमेंट का इन्तेजार करता हु.
 
आप अपने सभी मित्रो के पास भी यह ‘Harishankar Parsai Ka Jivan Parichay Sahityik Parichay evm Rachna Hindi Mein’ भेज दीजिये.
 

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