पद्य किसे कहते हैं – अर्थ, परिभाषा एवं उदाहरण

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आज के इस आर्टिकल में पद्य किसे कहते हैं, पद्य का अर्थ एवं पद्य की परिभाषा के साथ पद्य के उदाहरण को पढने और समझने वाले है।

इस लेख को अंत तक पढने के बाद आप खुद ही महसूस करेंगे की आपको Padya Kise Kahate Hain के बारे में कितनी बेहतरीन तरीके से समझ में आ चूका है, तो चलिए पद्य के बारे में जानना शुरू करते है।

पद्य किसे कहते हैं?

हिंदी साहित्य में किसी रचना को गद्य और पद्य द्वारा निरुपित किया जाता है। हिंदी साहित्य के जिस रचना को पढ़ने में रसानुभूति एवं लय का अनुभव होता है, उसे पद्य कहते हैं।

आप किसी भी कक्षा के हिंदी पाठ्य पुस्तक को पढ़ेंगे तो आप उसमें दो तरह की रचनाएं पाएंगे जिसमें से एक होती है गद्य और दूसरा पद्य होता है।

पद्य की रचना पढने के बाद व्यक्ति खुद को आनंदित महसूस करता है, क्योंकि पद्य में लय, छंद, रस, अलंकार से भरा रहता है।

पद्य का अर्थ

पद्य शब्द ‘पद् + यत्’ से मिलकर बना है अर्थात पद्य धातु में यत् प्रत्यय जोड़ने से पद्य शब्द बना है जिसका अर्थ होता है पदों वाला या चरणों में की गई रचना।

सबसे साधारण भाषा में कहे तो पद का अर्थ उस भावुकतापूर्ण रचना से है जो छंद, ताल, लय, यति – गति तुकबंदी आदि से युक्त रहता है।

पद्य का परिभाषा

वह सभी साहित्यिक रचना जो छंद, ताल, लय अथवा सुर इत्यादि से युक्त रहता है, जो पाठक एवं श्रोता को रसानुभूति का एहसास कराता है, पद्य कहलाता है।

पद्य की भाषा सबसे अधिक सूक्ष्म सांकेतिक भावुकतापूर्ण एवं रसो अथवा तालो से भरी होती है। इसमें किसी बात को संकेत या रसा अनुसार कहने की प्रवृत्ति होती है।

पद्य का उदाहरण

जिस साहित्यिक रचना को पढ़ने में व्यक्ति आनंदित महसूस करता है अथवा उसमें रस, छंद, अलंकार का प्रयोग रहता है वह सभी पद का उदाहरण है जो निम्न है –

  • कविता
  • दोहा
  • चौपाई
  • शायरी
  • गजल
  • गीत
  • चालीसा
  • भजन
  • श्लोक

पद्य का उदाहरण हम एक कविता के माध्यम से भी समझ सकते हैं जैसे ‘मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है’ इसमें अंतिम शब्द ‘रानी’, ‘पानी’ है जो की एक लय अथवा सुर बनाता है इसीलिए यह पद्य का उदाहरण है।

पद्य की विशेषताए अथवा गुण

चुकी पद्य में रस अलंकार होती है इसलिए इसके अंदर कुछ प्रकृति विशेषताएं अथवा गुण होती है जो कि निम्न है –

  • पद्य विभिन्न चरणों अथवा पंक्तियों में लिखा जाता है।
  • पद्य की रचना जो करते हैं उन्हें कवि कहा जाता है।
  • पद्य में भाव की महत्व अत्यधिक होता है।
  • कम शब्दों की आवश्यकता होती है।
  • पद्य में रस, अलंकार, छंद एवं रसानुभूति का विशेष अनुभव होता है।

FAQs

हम लोगों ने पद्य किसे कहते हैं के बारे में बेहतरीन तरीके से जान लिया है इससे अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का उत्तर नीचे दिया गया है।

पद्य से आप क्या समझते है?

पद्य हिंदी साहित्य की वह शाखा है जिसमें गीत, गजल, कविता, दोहा इत्यादि सम्मिलित होते हैं।

गद्य और पद्य का क्या अर्थ है?

गद्य के अंतर्गत कहानी, पत्र, लेखन इत्यादि आते हैं और पद्य के अंतर्गत कविता, भजन, गीत, संगीत, दोहा इत्यादि आते हैं।

पद्य में क्या क्या आता है?

पद्य में कविता, भजन, गीत, संगीत, दोहा, चौपाई, शायरी, श्लोक आदि आते हैं।

पद्य खंड किसे कहते हैं

पद्य के अंदर कई चरणों में कविताएं अथवा दोहे लिखी रहती है जिसके किसी एक खंड को, पद्य खंड कहते हैं।

पद्य किसे कहते है से जुड़े विडियो

निष्कर्ष

आज आप लोगों को मजा आ गया होगा पद्य किसे कहते हैं के बारे में पढ़ करके क्योंकि मैंने पद्य की परिभाषा, पद्य का अर्थ एवं पद्य का उदाहरण के साथ-साथ उसकी विशेषताओं को भी बहुत ही बेहतरीन तरीका समझाया है जो कि आपको समझ में आ गया है।

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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