लाटी कहानी का सारांश | Lati Kahani Ka Saransh Class 12th

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लाटी कहानी का सारांश उत्तराखंड की प्रमुख लेखिका श्रीमती गौरा पन्त उर्फ़ शिवानी द्वारा लिखी गई है। हिंदी साहित्य में इनकी योगदान के लिए इन्हें पद्मश्री विभूषण से सम्मानित भी किया जा चुका है।

आज हम शिवानी जी के हृदय छू लेने वाली Lati Kahani Ka Saransh के बारे में जानेंगे। लाटी एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उस स्त्री के लिए किया जाता है जो स्वभाव में एक दम सीधी – साधी हो और जिसका चालाकी से दूर दूर तक नाता न हो।

यह एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग एक मां-बाप अपने प्यारी भोली भाली लड़की के लिए करता है। इसके अलावा लाटी का शाब्दिक अर्थ गूंगी भी होता है और यह एक पहाड़ी शब्द है। चलिए अब हम लाटी कहानी के बारे में जानते हैं।

लाटी कहानी का सारांश

प्रसिद्ध लेखिका शिवानी द्वारा लिखित लाटी कहानी एक घटना पर आधारित कहानी है। इस कहानी में लेखिका ने कप्तान जोशी का जिक्र किया है जो अपनी बीमार पत्नी बानो से अत्यधिक प्रेम प्रसंग करते हैं।

कप्तान जोशी को विवाह के तीसरे दिन बाद ही युद्ध के लिए बसरा जाना पड़ता है और उस वक्त बानो सिर्फ 16 वर्ष की थी।

बानो अपने पति के चले जाने के बाद अपने नन्दों से बहुत ताने-बाने सुनती है। वह भतीजो के गंदे कपड़े तक धुलती है। पति की अनुपस्थिति में बानो को बहुत दुख झेलना पड़ता है।

इस दौरान बानो को मानसिक प्रताड़ित भी किया गया था क्योंकि उसे यह कहा गया था कि उसके पति को जापानियों द्वारा कैद कर लिया गया है और वह कभी वापस लौट कर घर नहीं आने वाला है।

कप्तान की पत्नी बानो इन सब कारणों से निरंतर जूझती रहती है। आगे चल कर बानो को क्षय रोग हो जाता है और वह दिन भर चारपाई पर पड़ी रहती है।

कप्तान जोशी लगभग 2 वर्ष के बाद अपने घर लौटकर आता है और अपने पत्नी को खोजना है। परंतु उसे पता चलता है कि बानो क्षय रोग से पीड़ित है और उसे सेनेटोरियम हॉस्पिटल में भेज दिया गया है।

वह दूसरे दिन ही उसे अस्पताल में पहुंचता है और बानो अपने पति को देखकर रोने लगती है। उसके बहते आंसुओं को देखकर कप्तान जोशी पिछले दो वर्ष की आपबीती को समझ जाते हैं।

बानो की बचने की उम्मीद बहुत कम होती है ऐसे में डॉक्टर ने कप्तान जोशी को नोटिस देकर कमरा खाली करने को कहता है। क्योंकि बानो की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है और उसकी मौत नजदीक होता है।

बानो यह धीरे से सुन लेती है और वह समझ जाती है कि उसे सेनेटोरियम हॉस्पिटल खाली करने का नोटिस मिल चुका है और वह अब ज्यादा दिन की इस दुनिया में मेहमान नहीं है।

कप्तान जोशी अपने पत्नी बानो को देर रात तक यह समझाता है कि ऐसा कुछ नहीं होगा। जब बानो सो जाती है तब जाकर कप्तान भी सोने चला जाता है।

अगले दिन सुबह उठकर कप्तान अपने पत्नी को बिस्तर पर नहीं पता है तब वह इधर-उधर खोजने का प्रयास करता है। उसे नदी किनारे अपनी पत्नी बानो का साड़ी मिलता है जो उसे यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि उसकी पत्नी अब नहीं रही।

काफी देर इधर-उधर खोजने के बाद उसे अपनी पत्नी का लाश भी नहीं मिलती है तब वह यह सोच लेता है कि उसकी पत्नी ने नदी में छलांग लगा ली है।

लगभग 10 वर्ष बाद कप्तान कहीं जा रहे थे तो उन्हें नैनीताल में वैष्णो देवी के दल में उसे अपनी पत्नी बानो नजर आती है जो कि अब लाटी के नाम से जानी जाती है।

कप्तान अपने पत्नी को पहचान लेता है और उसे यह पता चलता है कि उसे गुरु महाराज जी ने औषधि के द्वारा उसकी क्षय रोग को ठीक कर दिया होता है।

लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान बानो की स्मरण शक्ति और आवाज चली जाती है और वह गूंगी बन जाती है। बानो अब ना तो बोल सकती है और ना ही वह अपने अतीत में किसी को पहचान सकती है।

वह जिस दल के साथ आई होती है उसी दल के साथ चली जाती है। कप्तान जोशी खुद को बुढा और अंदर से अपने आप को खोखले महसूस कर रहे थे। यहीं पर लाटी कहानी का सारांश का समापन होता है।

इसके पहले हम लोगों ने बहादुर कहानी का सारांश और पंचलाइट कहानी के बारे में जाना था। यदि आप लोगों ने इन कहानियो के बारे में नहीं पढ़ा है तो आप जाकर के पढ़ सकते हैं।

लाटी कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण

इस कहानी में अनेक पत्र हैं परंतु लाटी कहानी का प्रमुख पात्र बानो जिसे लाटी नाम से आगे जाना जाता है, कप्तान जोशी, नेपाली भाभी, प्रभा और वैष्णवीयो का दल इसके प्रमुख पात्र होते हैं।

इस कहानी में नायक के रूप में कप्तान जोशी और नायिका के रूप में उनकी पत्नी बानो (लाटी) होती है। कथाकार शिवानी ने लाटी और कप्तान जोशी के चरित्र को विशेष रूप से सँवारा और दर्शाया है।

कथा लेखिका शिवानी ने दोनों के चरित्र का अत्यंत भावपुर्ण एवं मानवीय गुणों को दर्शाया है। कप्तान जोशी अपने क्षय रोग ग्रस्त पत्नी बानो के साथ कभी नहीं छोड़ता है और दस वर्ष बाद भी उसके अंदर पहले जैसा ही प्रेम भाव रहता है।

प्रस्तुत कहानी में सरल, स्वाभाविक और सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है। लाटी कहानी की पात्र और चरित्र चित्रण की दृष्टि से यह एक सफल कहानी है।

Lati Kahani Ka Saransh PDF Download

यदि आप Lati Kahani Ka Saransh PDF Download करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसको अपने मोबाइल में सेव कर सकते हैं।

लाटी कहानी शिवानी जी द्वारा लिखी गई एक घटना प्रधान कहानी है जिसेमें कप्तान जोशी और नायिका के रूप में बानो का जिक्र होता है।

बहुत ऐसे स्टूडेंट होते हैं जिनको लाठी की कहानी पीडीएफ फाइल की आवश्यकता होती है। इसके लिए मैंने आज जो कहानी बताई है उसको पीडीएफ में कन्वर्ट करके आप लोगों के सामने प्रस्तुत किया है।

इस pdf को डाउनलोड करके आप अपने नोट्स को बना सकते हैं क्योंकि आपके बोर्ड एग्जाम में लाटी कहानी का सारांश 80 शब्दों में लिखने के लिए आता है।

FAQs

शिवानी जी द्वारा कृत लाटी कहानी का सारांश हम लोगों ने तो बहुत ही अच्छे से पढ़ लिया है, परंतु आप लोगों के मन में अक्सर कुछ प्रश्न रह जाते हैं जिसका अब हम लोग उत्तर जानेंगे।

लाटी का अर्थ

लाटी एक पहाड़ी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ गूंगी होता है। इसके अलावा वहां के लोग लाटी शब्द का प्रयोग अपने भोली – भाली प्यारी बच्ची के लिए भी करते हैं जिसका चालाकी से दूर-दूर तक कोई नाता रिश्ता नहीं होता है।

लाटी कहानी के लेखक

लाठी कहानी के लेखक प्रसिद्ध कथाकार लेखिका शिवानी जी है जिनका एक अन्य नाम श्रीमती गौरा पंत भी है। लेखिका ने इस कहानी में भावपुर्ण एवं मानवीय विचार को घटाल पर विशेष रूप से सँवारा है।

लाटी’ कहानी का उद्देश्य

लाठी कहानी का उद्देश्य समाज में रह रही अकेली महिला की कष्टदायक जिंदगी को बताना है जिसमें लेखिका शिवानी को सफलता मिलती है।

इस कहानी का मुख्य उद्देश्य एक और असहाय औरत की वैवाहिक जिंदगी के बारे में व्यक्त करना है जिसके पति घर से दूर रहते हैं।

निष्कर्ष

प्रिय छात्रों आज के हमने इस आर्टिकल में ‘लाटी कहानी का सारांश‘ को बहुत ही अच्छे से समझा है। यह कहानी शिवानी जी द्वारा लिखी गई एक घटना प्रधान पर आधारित कहानी जिसमें कप्तान जोशी और उनकी पत्नी बानो का दैनिक जीवन को अंकित किया गया है।

लाटी कहानी में समाज में अकेली रह रही नव वैवाहिक महिला के जीवन में आए कठिनाई और उनके घर वालों द्वारा किए गए पड़ताड़ीतो को दिखाना है। इस कहानी में नायक कप्तान जोशी अपनी पत्नी बानो से अत्यधिक प्रेम करते नजर आते हैं।

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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