आज के इस पोस्ट में हम लोग हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स को पढने वाले है। साथ ही मैं आप लोगो को आदिकाल, मध्यकाल एवं आधुनिक काल का फ्री नोट्स PDF फाइल भी दूंगा।
इस लेख को अंत तक पढ़े मैं भरोसा दिलाता हु की इससे बढ़िया आपको Hindi Sahitya Ka Itihas Notes कही नही मिलेंगे। यह नोट्स आपको हर तरह के एग्जाम में सहयोगी होगा।
इसलिए आप लोग हिन्दी साहित्य का इतिहास का नोट्स के बारे में अंत तक पढ़े। यह नोट्स पुरे तरीके से हैण्ड रिटेन नोट्स होने वाली है जिसको आप लोग बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझ जायेंगे।
हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स
हम लोग हिंदी साहित्य का इतिहास NCERT नोट्स में सबसे पहले काल के बारे में जानेंगे। हिंदी साहित्य के इतिहास में मुख्य रूप से तीन काल आती है जो कि निम्न है
- आदिकाल
- मध्यकाल (भक्तिकाल एवं रीतिकाल)
- आधुनिक काल
हिंदी साहित्य में सबसे पुराना काल आदिकाल है जिसे वीरगाथा काल भी कहते हैं। उसके बाद मध्यकाल आती है जिसके अंतर्गत भक्ति काल एवं रीतिकाल भी आती है और सबसे नवीनतम आधुनिक काल है।
आपको हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स में पहले साहित्य इतिहास का पूरा परिचय होगा और उसमें आपको निम्न में टॉपिक पढ़ने का मिलेगा।
- इतिहास दर्शन और साहित्येतिहास
- हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा और पुनर्लेखन लेखन की समस्याएं
- हिंदी साहित्य का इतिहास काल: विभाजन, सीमा निर्धारण और नामांकरण
इतिहास शब्द इति+ह+आस से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “ऐसा ही हुआ” है। इसके शाब्दिक अर्थ को देखकर हम समझ सकते हैं कि इतिहास का संबंध अतीत अर्थात बीते हुए कल से होता है और इसमें वास्तविक घटनाओं का संकलन होता है।
हिंदी साहित्य का आदिकाल
हिंदी साहित्य का आदिकाल को वीरगाथा काल भी कहते हैं जो 1700 से 1400 ईसा का समय था। इस ईस्वी के बीच समय जो बिता उसे ही आदिकाल कहते हैं।
हिंदी साहित्य के आदिकाल में जितने भी टॉपिक आते हैं वह निचे दि गयी है। आपको यह सारे टॉपिक नोटिस के पीडीएफ फाइल में मिल जाएंगे जिसको आप और भी आसानी से पढ़ करके याद कर सकते हैं।
- नामकरण और सीमा
- आदिकालीन परिवेश
- आदिकालीन साहित्य वर्गीकरण
- आदिकालीन कविता की प्रवृत्तियां
- गद्य साहित्य
- आदिकालीन प्रतिनिधि रचनाकार
उपरोक्त सभी टॉपिक आपको हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स में मिल जाएंगे और यह सभी हस्त लिखित होंगे।
हिन्दी साहित्य का भक्तिकाल
हिंदी साहित्य में पूर्व मध्यकाल के अंतर्गत भक्ति काल सन 1400 ईस्वी से 1700 ईस्वी के बीच का समय है। भक्ति काल के नोट्स में निम्नलिखित टॉपिक होंगे –
- भक्ति कालीन परिवेश
- भक्ति आंदोलन
- संत काव्य धारा
- सूफी काव्य धारा
- राम काव्य धारा
- कृष्ण काव्य धारा
- गद्य साहित्य
- भक्तिकालीन काव्य की उपलब्धियां
- भक्ति काल स्वर्ण युग
- भक्ति कालीन प्रतिनिधि साहित्यकार
उपरोक्त सभी टॉपिक साहब को हिंदी साहित्य के पीडीएफ नोट्स में मिल जाएंगे जिसको आप बहुत ही विस्तार से पढ़ करके आप अपनी ज्ञान को और मजबूत कर सकते हैं।
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हिन्दी साहित्य का रीतिकाल
इस नोट्स में हिंदी साहित्य के उत्तर मध्यकाल के अंतर्गत रीतिकाल जो की 1700 से 1850 ईस्वी के बीच का समय है हिंदी साहित्य के रीतिकाल के नोट्स में निम्नलिखित टॉपिक होंगे –
- नामकरण
- रीतिकालीन परिवेश
- रीतिकाल दरबारी संस्कृति और लक्षण
- रीति के प्रवर्तक आचार्य
- रीतिकालीन काव्य धाराएं
- रीतिकालीन काव्य की विशेषताएं
- गद्य साहित्य
- रीतिकालीन प्रतिनिधि रचनाकार
रीतिकाल की यह सभी टॉपिक आपको हिंदी साहित्य के पीडीएफ फाइल में मिलेंगे। यह सभी टॉपिक आपके परीक्षा में आ सकते हैं।
परंतु आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हिंदी साहित्य पीडीएफ फाइल में यह सभी आपको पढ़ने के लिए मिल जाएंगे।
हिन्दी साहित्य का इतिहास आधुनिक काल
हिंदी साहित्य में आधुनिक काल 1850 ईस्वी से अब तक का जो समय है यह सभी आधुनिक काल के अंतर्गत आते हैं। आधुनिक काल कई युग में बांटा हुआ है। आपको नोट्स में निम्न सभी युगों के बारे में जानकरिया मिलेंगी –
- भारतेंदु युग (1850 से 1900 ईस्वी तक)
- द्विवेदी युग (1900 से 1918 ईस्वी तक)
- छायावादी (1918 से 1938 ईस्वी तक)
- युग प्रगतिवाद युग (1938 से 1953 ईस्वी तक)
- नई कविता या नवलेखन युग (1953 ई० से अब तक)
आधुनिक काल हिंदी साहित्य के सबसे नवीनतम काल को माना जाता है। यह काल अभी तक चली जा रही है।
हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स PDF
हम लोगों ने हिंदी साहित्य के अंतर्गत सभी टॉपिक का एक परिचय तो जान लिया है। अब चलिए अब हम लोग हिन्दी साहित्य का इतिहास PDF को कैसे डाउनलोड करना है इसके बारे में जान लेते हैं।
आपको नीचे एक टेबल दिख रही होगी उस टेबल में जितने भी काल है उन सभी के अलग-अलग नोट्स मिल जाएंगे। आप क्लिक हियर पर क्लिक करके यह सभी नोट्स डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं।
क्र.स. | नोट्स PDF | साइज़ | डाउनलोड |
1. | हिंदी साहित्य का परिचय | 10.8 MB | Click Here |
2. | आदिकाल | 21.2 MB | Click Here |
3. | भक्तिकाल | 45.1 MB | Click Here |
4. | रीतिकाल | 20 MB | Click Here |
5. | आधुनिक काल | 63.8 MB | Click Here |
6. | गद्य साहित्य का इतिहास | 84.2 MB | Click Here |
7. | सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य | 486 KB | Click Here |
मैंने आपको कुल 6 pdf नोट्स दिए है जिसमें से ऊपर के पांच पीडीएफ हिंदी साहित्य का इतिहास की जानकारी अलग-अलग करके दिया है।
इसके अलावा सबसे लास्ट वाले पीडीएफ में आपको ऊपर की सभी पांचो पीडीऍफ़ नोट्स का संग्रह एक जगह मिल जाएगा। आप अपनी सुविधा अनुसार नोट्स पीडीऍफ़ फाइल को डाउनलोड कर सकते है।
मैं आपको बता देना चाहता हूं कि हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स b.a 1st year और ba 2nd year के परीक्षा में भी पूछी जाती है।
इसलिए मैंने आपके लिए स्वयं हाथों द्वारा लिखी गयी नोट्स की पीडीएफ फाइल बना करके मैंने आपके साथ शेयर की है।
आप इसको डाउनलोड करके अपने मोबाइल में सेव कर सकते हैं और याद करके अपने प्रतियोगी जैसे परीक्षा में अच्छा नंबर ला सकते हैं।
यह सभी नोट्स बहुत ही आम भाषा में लिखी गयी है जिससे आपको हिन्दी साहित्य के इतिहास के बारे में पूरा समझ आ जाएगा।
FAQs
हम लोगों ने हिंदी साहित्य के संपूर्ण इतिहास का पीडीएफ नोट्स के बारे में पढ़ लिया है। अब चलिए इससे जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का जवाब जान लेते हैं ताकि आपके ज्ञान में और वृद्धि हो सके।
हिंदी साहित्य के इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है?
हिंदी साहित्य के इतिहास को कुल चार भागों में बांटा गया है जिसमें से पुराना काल आदिकाल को कहा जाता है। इसके बाद बीच में मध्यकाल को भक्ति काल और रीतिकाल में बांटा गया है और सबसे नवीनतम कल आधुनिक काल है।
हिंदी साहित्य से आप क्या समझते हैं?
हिंदी भाषा विश्व भर में बोले जाने वाली सर्वोच्च भाषाओं में से एक है जो जिसका संबंध सबसे प्राचीन इतिहास से जुड़ा हुआ है। इसलिए हिंदी साहित्य के इतिहास को पढ़ना अत्यंत आवश्यक है।
हिंदी साहित्य का इतिहास कैसे लिखें?
हिंदी साहित्य के इतिहास को लिखने से पहले आपको हिंदी भाषा, आदिकाल, भक्तिकाल एवं आधुनिक काल के बारे में जानना होगा उसके बाद से आप इन विषयों पर लिख सकते हैं।
हिंदी साहित्य की शुरुआत कब से हुई?
हिंदी साहित्य की शुरुआत आठवीं शताब्दी से माना जाता है। यह भी माना जाता है कि हिंदी सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है जो कि विश्व भर में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में भी शामिल है।
आठवीं शताब्दी सबसे प्राचीन शताब्दी में से एक है और इसी समय हिंदी साहित्य की शुरुआत हुई जिसमे से पहला काल आदिकाल को माना जाता है।
हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग कौन सा है?
हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग भक्ति काल है जो की पूर्व मध्यकाल के अंतर्गत आता है और उत्तर मध्य काल में रीतिकाल आता है। यह युग लगभग 1400 ईस्वी से 1700 ईस्वी के बीच में माना जाता है।
निष्कर्ष
प्रिय छात्रों आज हम लोगों ने हिंदी साहित्य का इतिहास नोट्स के बारे में जाना है और इसके पीडीएफ फाइल को डाउनलोड किया है।
आप लोगों को अब हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में संपूर्ण जानकारी हो गई है। यदि आपको यह हैंडरिटेन नोट्स पसंद आई है तो अपने बाकी मित्रों के साथ भी Hindi Sahitya Ka Itihas Notes को शेयर जरूर करें।
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