[PDF] मन्नू भंडारी का जीवन परिचय: Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay Class 10th

5/5 - (3 votes)

क्या आप लोग ‘Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay’ के बारे में जानना चाहते है? तो इस लेख में मैं मन्नू भंडारी जीवन परिचय बताने वाला हु और साथ में pdf भी दूंगा.

इसके अलवा हम लोग साहित्यिक परिचय, प्रमुख रचनाये अथवा कृतियाँ, भाषा – शैली, भाव एवं कला पक्ष आदि के बारे में भी काफी विस्तार से जानेंगे.

मैंने यह लेख काफी रिसर्च करने के बाद लिखी है और बिलकुल सही जानकारी के साथ लिखी है. जीवन परिचय को विस्तार से शुरू करने से पहले हम लोग मन्नू भंडारी का जीवन परिचय को पहले संक्षिप्त में एक टेबल के माध्यम से समझने का प्रयास करते है.

पूरा नाममन्नू भंडारी
बचपन का नाममहेंद्र कुमारी
जन्म वर्ष3 अप्रैल सन् 1931 ई०
जन्म स्थानमध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के अंतर्गत भानपुरा गाँव में
पिता जी का नामसुख सम्पतराय
माता जी का नामअनूप देवी
भाइयो का नामप्रसन्न कुमार एवं बसंत कुमार
बहनों का नामस्नेहलता एवं सुशीला
पति का नामराजेन्द्र यादव
पुत्री का नामरचना
शिक्षाएम० ए० तक
प्रमुख कहानियाँएक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर एवं आंखों देखा झूठ आदि
प्रमुख उपन्यासआपका बंटी, महाभोज, स्वामी एवं एक इंच मुस्कान आदि
भाषा – शैलीसहज, सरलता, स्वाभाविक और सादगी एवं मधुर
मृत्यु वर्ष15 नवम्बर सन् 2021 ई०
मृत्यु स्थानहरियाणा गुडगाँव में

Table of Contents

विस्तार से जानिए ‘मन्नू भंडारी का जीवन परिचय’

मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल सन् 1931 ई० में मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के अंतर्गत भानपुरा गाँव में हुआ था. मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था.

मन्नू भंडारी का माता जी का नाम अनूप देवी था एवं पिता जी का नाम सुख सम्पतराय था, जो एक साहित्यकार थे.

मन्नू की शिक्षा परास्नातक तक था. इन्होने साहित्य के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है. मन्नू भंडारी का मृत्यु 15 नवम्बर सन् 2021 में हरियाणा गुडगाँव में हो गयी थी.

जन्म वर्ष एवं जन्म स्थान

मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ था. वे भारतीय साहित्य के प्रमुख साहित्यकार थे और उनका जन्म भारतीय साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले व्यक्तियों में से एक था.

माता – पिता के बारे में

इनके पिता जी का नाम श्री सुखसम्पतराय भंडारी था, जो साहित्य और कला प्रेमी थे. उनके पिता का साहित्य और कला के प्रति अगाध प्यार और समर्थन इनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.

इनकी माता जी का नाम जानकी देवी था और वे उनके प्रारंभिक शिक्षा और साहित्य में रुचि पैदा करने में मदद करती थीं.

पारिवारिक जीवन

मन्नू भंडारी ने अपने पारिवारिक जीवन को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में दिया. वे एक साहित्यकार के रूप में अपने पिता के प्रेरणास्पद संगीत से प्रेरित हुए थे.

भाई – बहन

मन्नू भंडारी के दो भाई एवं दो बहने है और इनके दोनों भाइयो का नाम प्रसन्न कुमार एवं बसंत कुमार है. इनकी बहनों का नाम स्नेहलता एवं सुशीला है.

वैवाहिक जीवन

मन्नू भंडारी का विवाह 22 नवम्बर 1959 को कोलकाता में हुआ. उनके पति का नाम राजेंद्र यादव था, एक प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार. उनका वैवाहिक जीवन उनके साहित्यिक करियर को समृद्धि और समर्थन देने में मदद करता रहा.

मन्नू भंडारी का पुत्री

मन्नू भंडारी और उनके पति राजेंद्र यादव के एक पुत्री है, इनके पुत्री का नाम ‘रचना’ है.

शिक्षा और व्यवसाय

मन्नू भंडारी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अजमेर में पूरी की और वहाँ से अपने उच्च शिक्षा की शुरुआत की.

उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय’ से हिंदी भाषा और साहित्य में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स (एम.ए.) की डिग्री हासिल की.

पुरस्कार एवं उपाधि

मन्नू भंडारी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया, जो साहित्य और समाज के विकास में उनके महत्वपूर्ण योगदान को प्रमोट करते हैं.

उन्हें साहित्य और कला के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

मृत्यु के बारे में

मन्नू भंडारी का निधन वर्ष 2021 में गुरुग्राम, हरियाणा, में हुआ. उनका जीवन और कार्य साहित्यकार के रूप में एक महत्वपूर्ण योगदान के रूप में याद किया जाता है और उनके द्वारा बनाई गई रचनाओं ने हिंदी साहित्य को विशेष महत्व प्राप्त किया.

Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay PDF Class 10th

भंडारी एक प्रमुख भारतीय हिंदी साहित्यिक हैं, जिन्होंने अपने लेखन के माध्यम से समाज को जागरूक किया और हिंदी साहित्य को नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में हुआ था.

इनका पूरा नाम महेंद्र कुमार था, लेकिन उनका प्रसिद्ध नाम ‘मन्नू’ था, जिसके साथ वे साहित्य जगत में प्रसिद्ध हुईं. उनके माता-पिता का नाम सुखसम्पतराय भंडारी और अनूप कुमारी था.

उनका शिक्षण कार्य कई सालों तक चला, जिसके बाद वे दिल्ली चली गईं और अपने रिटायरमेंट तक दिल्ली के प्रसिद्ध ‘मिरांडा कॉलेज‘ में प्राध्यापिका के रूप में कार्यरत रहीं. मन्नू का निधन 15 नवम्बर सन् 2021 को हरियाणा के गुरुग्राम में हो गया.

इसे भी पढ़े: Vidyapati Ka Jivan Parichay

मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय

मन्नू भंडारी, भारतीय साहित्य की महत्वपूर्ण लेखिका थीं, जिन्होंने अपने विविध रचनाओं से साहित्य जगत में अपनी पहचान बनाई.

उन्होंने हिन्दी, पंजाबी, और अंग्रेज़ी जैसी भाषाओं में लेखन किया और विभिन्न विषयों पर अपने उपन्यास, कहानियां, और नाटकों के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को छूने का प्रयास किया.

उनके प्रमुख कृतियों में “आपके दर पर” और “कालकेटी अपनी टोकरी” शामिल हैं, जो साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं. इनका लेखन सामाजिक समस्याओं, महिला सशक्तिकरण, और मानवीय जीवन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया था.

इन्होने अपने लेखनी के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों और समाज में उनकी भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया और उन्होंने महिलाओं के प्रति अपने समर्थन को साबित किया.

इनका जीवन और लेखनी साहित्यकार, शिक्षिक, और समाजसेवी के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रकट करता है, और उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान किया.

उन्होंने अपने लेखन के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए, जैसे कि साहित्य अकादमी पुरस्कार, और उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.

उनका साहित्य आज भी पाठकों के बीच लोकप्रिय है और उनकी रचनाओं में साहित्यिक गुणवत्ता और सामाजिक संवाद का महत्वपूर्ण स्थान है.

मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएं

चलिए अब हम लोग मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाये जान लेते है और हम लोग इसे अच्छे से जानेंगे. इनकी प्रमुख कृतियाँ विस्तार से निम्नलिखित हैं:

कहानियाँ

  • एक प्लेट सैलाब (1962): इस कहानी में मन्नू भंडारी ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति लोगों की असहमति को दर्शाया है.
  • मैं हार गई (1957): इस कहानी में वे एक महिला के माध्यम से महिलाओं की सामाजिक स्थिति और स्वतंत्रता के मुद्दे को उजागर करती हैं.
  • तीन निगाहों की एक तस्वीर: इस कहानी में उन्होंने समाज में जातिवाद और सामाजिक असमानता के मुद्दे को छूने का प्रयास किया है.
  • यही सच है (1966): इस कहानी में वे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं और इंसानी भावनाओं को छूने का प्रयास करती हैं.
  • त्रिशंकु: इस कहानी में वे एक तंत्रिका तथा मानवीय सम्बन्धों की कथा को प्रस्तुत करती हैं.
  • आंखों देखा झूठ: इस बाल कहानी में इन्होने बच्चों के बीच मित्रता और सच्चाई के महत्व को उजागर किया है.
  • अकेली: इस कहानी में उन्होंने एक अकेली महिला के जीवन को दर्शाया है जो समाज में अपने परिवेश के खिलवाड़ों के बावजूद स्वाधीनता का संघर्ष करती है.

उपन्यास:

  • आपका बंटी (1971): इस उपन्यास में इन्होने एक बच्चे की दृढ़ इच्छाशक्ति और संघर्ष की कहानी को प्रस्तुत किया है.
  • महाभोज (1979): इस उपन्यास में वे भ्रष्टाचार और समाजिक न्याय के मुद्दों पर चर्चा करती हैं, जो आम आदमी के जीवन को कैसे प्रभावित करते हैं.
  • स्वामी (1982): इस उपन्यास मेंइन्होने एक बच्चे के जीवन को दर्शाया है और उसकी सामाजिक समस्याओं को उजागर किया है.
  • एक इंच मुस्कान (1962): यह उपन्यास लेखक और पति राजेंद्र यादव के साथ मिलकर लिखा गया और आधुनिक जीवन की एक दुखांत प्रेमकथा को दर्शाता है.

नाटक

  • बिना दीवारों का घर (1966): इस नाटक में वे समाज के मुद्दों और स्त्री के प्रति असमानता को दर्शाती हैं.

पटकथा:

  • कथा-पटकथा (2003): इस पटकथा में वे सिनेमा के माध्यम से समाज के मुद्दों को प्रस्तुत करती हैं.

आत्मकथा

  • ‘एक कहानी यह भी’ (2007): इस आत्मकथा में वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों को साझा करती हैं और अपने अनुभवों का वर्णन करती हैं.

बाल-साहित्य

  • उनके बाल-साहित्य काव्य कला की प्रकाशन वर्ष 1971 में “कलवा” और “आसमाता” के रूप में हुए थे, जो बच्चों के लिए लिखी गई थीं.

भाषा – शैली

मन्नू भंडारी की भाषा-शैली सहज, सरलता, स्वाभाविक और सादगी, पर आधारित है. उनके लेखन में साहित्यिक कल्पना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन वे भाषा का प्रयोग ऐसे तरीके से करती हैं कि यह आम जनसंख्या को समझ में आता है.

उनकी भाषा साहित्यिक रूप से सुंदर होती है, लेकिन समय-समय पर वे लोकप्रिय उर्दू, अंग्रेजी, और स्थानीय शब्दों का उपयोग करती हैं, जिससे उनकी रचनाओं का जीवंत और सामाजिक दृष्टिकोण बना रहता है.

उनकी भाषा अधिकांश उपन्यासों और कहानियों में संवादों के माध्यम से प्रस्तुत होती है, जिससे पाठकों को चरित्रों के भावनात्मक अंदर को समझने में मदद मिलती है.

वे अक्सर समाजिक मुद्दों और मानवीय रिश्तों को उनकी रचनाओं के माध्यम से प्रकट करती हैं, जिससे पाठकों का सामाजिक चेतना में वृद्धि होती है.

Video Lecture on Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay

FAQs: Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay

प्रिय छात्रो चलिए अब हम लोग Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay के बारे में कुछ प्रश्न एवं उसका उत्तर जान लेते है. आपके मन में भी अगर कोई सवाल रह गया है तो आपके प्रश्नों का भी उत्तर निचे मिल जाएगा.

प्रश्न: मन्नू भंडारी का बचपन का नाम क्या था?

उत्तर: मन्नू भंडारी का बचपन का नाम ‘महेंद्र कुमारी’ था.

प्रश्न: मन्नू भंडारी के माता-पिता का नाम क्या था?

उत्तर: मन्नू भंडारी का माता – पिता का नाम सुख सम्पतराय एवं अनूप देवी था. इनके पिता जी एक महान साहित्यकार भी रहे है.

प्रश्न: मन्नू भंडारी का निधन कब हुआ था?

उत्तर: भंडारी का निधन 15 नवम्बर सन् 2021 ई० को गुरुग्राम में हुआ था.

प्रश्न: मन्नू भंडारी की दो रचनाएं कौन सी है?

उत्तर: मन्नू की दो रचनाये ‘एक प्लेट सैलाब’ एवं ‘मैं हार गई’ है.

प्रश्न: मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएं?

उत्तर: इनकी प्रमुख रचनाये ‘एक प्लेट सैलाब’, ‘आंखों देखा झूठ’, ‘एक इंच मुस्कान’ आदि है.

प्रश्न: मन्नू भंडारी के माता का नाम क्या था?

उत्तर: इनके माता जी का नाम अनूप कुमारी था जिन्होंने मन्नू भंडारी को बहुत ही प्रेणित किया था.

प्रश्न: मन्नू भंडारी का जीवन परिचय भाषा शैली?

उत्तर: मन्नू भंडारी का जीवन परिचय भाषा शैली एक सीधी और वास्तविक भाषा शैली प्रदर्शित करता है जो भावनाओं को कुशलता से व्यक्त करता है.

उनकी साहित्यिक रचनाओं में, कोई भी बोलचाल की हिंदी, आम तौर पर इस्तेमाल होने वाले उर्दू और अंग्रेजी शब्दों की प्रचुरता के साथ-साथ स्वदेशी शब्दावली का मिश्रण देख सकता है. अपने वर्णनात्मक दृष्टिकोण के अलावा, वह यौगिक और संवाद शैलियों के संयोजन का भी उपयोग करती है.

निष्कर्ष

प्रिय छात्रो आज हम लोगो ने आज के इस लेख में Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay के बारे में काफी विस्तार से जाना है.

मन्नू भंडारी का जीवन परिचय कक्षा 10 और कक्षा 11 में भी आता है. हमने आपको इस लेख में मन्नू भंडारी का जीवनी का एक पीडीऍफ़ फाइल भी दिया है जिसे आप अपने मोबाइल में सेव करके रख सकते है.

मुझे उम्मीद है की आप सभी की मन्नू भंडारी की जीवनी काफी अच्छा लगा होगा और आप लोगो से अनुरोध है की इसे अपने बाकी मित्रो के पास साझा जरुर करे ताकि उनको भी इसका लाभ मिल सके.

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

SHARE ON:

1 thought on “[PDF] मन्नू भंडारी का जीवन परिचय: Mannu Bhandari Ka Jivan Parichay Class 10th”

Leave a Comment