प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं कृतियाँ || Pro Ji Sundar Reddy Ka Jivan Parichay, Sahityik Parichay

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डिअर स्टूडेंट्स, आज हम प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं उनकी कृतियाँ यानी की रचनाए के बारे में जानेंगे जो की बोर्ड एग्जाम में आना तय है. अगर आप सबसे सरल शब्दों में जीवन परिचय एवं साहित्यिक परिचय की खोज में है तो मैं यहाँ पर सबसे सरल शब्दों में ही जीवन परिचय देता हु.

 
यदि आपको पता नहीं है तो मैं आपको बताना चाहता हु की बोर्ड एग्जाम में जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं रचनाये लिखने को आपको कुल पांच अंक दिए जाते है. तीन अंक आपको साहित्यिक और जीवन परिचय के मिलेंगे जबकि दो अंक आपको उनकी कृतियाँ के लिखने को मिलते है.
बहुत सारे स्टूडेंट्स मुझसे Professor G Sundar Reddy Ka Pura Naam Kya Hai ? यह पूछ रहे थे. मैं उनको बताना चाहता हु की प्रो जी सुन्दर रेड्डी का पूरा नाम प्रोफ़ेसर सुन्दर रेड्डी है. यदि आपको और भी किसी प्रकार का प्रश्न पूछना है तो आप हमसे निचे कमेंट में पूछ सकते है.
 
चलिए अब हम बिना समय गवाए Pro Ji Sundar Reddy Ka Jivan Parichay, Sahityik Parichay एवं  Pro Ji Sundar Reddy Ki Rachna के बारे में अध्ययन करना शुरू करते है. आपको अंत में मैं इसका पीडीऍफ़ भी डे दूंगा ताकि आप और अच्छे से अपनी तैयारी कर सके. मैं हर एक लेक्चर का पीडीऍफ़ देता रहता हु इसलिए आप इस ब्लॉग पर रोज आते रहिये और अपनी ज्ञान को बढ़ाते रहिये.
 

सरल शब्दों में ‘प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं उनकी कृतियाँ’

हम आपको पहले Pro Ji Sundar Reddy Ka Jivan Parichay बताएँगे और फिर उसके बाद उनकी साहित्यिक परिचय बताएँगे. आप बोर्ड एग्जाम में भी पहले इनका जीवन परिचय ही लिखियेगा और फिर उसके बाद कुछ लिखियेगा.
 
जीवन परिचय : प्रोफेसर रेड्डी जी का जन्म सन 1919 ईo में आंध्रप्रदेश में हुआ था. इन्होने आंध्र विश्वविद्यालय  से ही स्नातक किया. इन्होने आंध्र विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद पर भी कार्य किया. प्रो जी सुन्दर रेड्डी की मृत्यु सन् 2005 ई० को हो गयी. 
 
साहित्यिक परिचय : हिंदी के विकाश और प्रगति में प्रो जी सुन्दर रेड्डी का सराहनीय योगदान है. हिंदी के जाने – माने लेखक के रूप में प्रो जी सुन्दर रेड्डी ने अनेक ग्रंथो की रचना करके हिंदी भाषा पर अपने अधिकार का प्रमाण दिया है. इन्होने हिंदी भाषियों के लिए तेलगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम साहित्य की रचना की है. प्रोफ़ेसर सुन्दर रेड्डी जी तेलगु भाषी होते हुए भी हिंदी – भाषा में रचना करके एक श्रेष्ठ उदहारण प्रस्तुत किया है. 
 
रचनाये : प्रो जी सुन्दर रेड्डी की कृतियाँ (रचनाये) निम्नलिखित है –
  1. साहित्य और समाज
  2. मेरे विचार
  3. शोध और बोध
  4. भाषा और आधुनिकता
  5. लौंग्वेज प्रॉब्लम इन इण्डिया आदि.

तो दोस्तों इसी के साथ Professor G Sundar Reddy Ka Jivan Parichay, Sahityik Parichay एवं Pro Ji Sundar Reddy Ki Rachna का समाप्ति होता है. आप ऊपर पढ़ सकते है की मैंने कितनी सरल शब्दों में आपके सामने तीनो चीज को प्रस्तुत किया है. आप इसे आसनी से बिना किसी कठिनाई के याद कर सकते है.

 
दोस्तों आप सभी प्रो जी सुन्दर रेड्डी की रचनाये जरुर याद कीजियेगा क्योंकि बोर्ड एग्जाम में आपसे कुछ is प्रकार के भी प्रश्न पूछे जाते है जैसे – प्रो जी सुन्दर रेड्डी किसके लेखक है. यदि आपके सामने इसप्रकार का प्रश्न आता है तो आप फाटक से इसका उत्तर दे देंगे यदि आप पढ़े है.
 
बहुत से स्टूडेंट्स मुझसे पूछ रहे थे की भाषा और आधुनिकता के लेखक कौन है ? तो इसका उत्तर होगा प्रो जी सुन्दर रेड्डी. इसी प्रकार और भी प्रश्न आपसे पूछे जा सकते है.
 
आशा है स्टूडेंट्स आप सभी को “प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी का जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय एवं कृतियाँ” याद हो जायेंगे. यदि आप किसी और का भी जीवन परिचय पढना चाहते है तो आप निचे कमेंट में हमें बताईये. मैं जल्द ही आपको जवाब दूंगा. आप सभी से एक विनम्र निवेदन है की आप लोग ‘Pro Ji Sundar Reddy Ka Jivan Parichay, Sahityik Parichay’ को अपने सभी मित्रो के पास शेयर कीजिये.

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