आज के इस लेख में हम लोग व्यंजन किसे कहते हैं के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसके साथ ही हम लोग व्यंजन के प्रकार एवं व्यंजन के कितने भेद होते है के बारे में पढने वाले है।
यदि आप लोगो को व्यंजन के बारे में कुछ भी जानकरी नहीं है तो आप हमारे इस लेख को पूरा अंत तक पढियेगा। मैं दावा करता हु की अंत तक पढने के बाद आपको व्यंजन के बारे में इतनी अच्छे से जानकरी होगी की कभी भूल नही पाएंगे।
व्यंजन किसे कहते हैं?
जो भी वर्ण स्वरों की सहायता से बोली जाती है उसे व्यंजन कहते है। व्यंजन एक ऐसा वर्ण है जोकि अकेला स्वयं नही होता है उसमे स्वर समाहित होता है। सारे व्यंजनों को मिलाकर व्यंजन की संख्या कुल 33 होती है जोकि ‘क्’ से ‘ह्’ तक होती है।
क् | ख् | ग् | घ् | ङ् |
च् | छ् | ज् | झ् | ञ् |
ट् | ठ् | ड् | ढ् | ण् |
त् | थ | द् | ध् | न् |
प् | फ् | ब् | भ् | म् |
य् | र् | ल् | व् | – |
श् | ष् | स् | ह् | – |
ऊपर टेबल में आप लोग व्यंजन को पढ़ सकते हैं। इसमें ‘्’ दर्शाया है कि यह स्वर रहित है क्योंकि यदि केवल ‘क’ लिखा जाए तो इसमें ‘क’ के साथ ‘और’अ’ भी मिला हुआ है और यदि केवल ‘क्’ लिखा जाए तो यह बिना स्वर के शुद्ध ‘क्’ होगा।
व्यंजन के कितने भेद होते हैं?
सामान्य रूप से व्यंजन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं जो कि निम्न है –
- स्पर्श व्यंजन (कुल संख्या 25)
- अंतस्थ व्यंजन (कुल संख्या 04)
- उष्मीय/संघर्षी व्यंजन (कुल संख्या 04)
इसके अलावा दो अन्य प्रकार के भी व्यंजन होते हैं जिन्हें व्यंजन के श्रेणी से अलग रखा जाते हैं जो कि निम्न है –
- उत्क्षिप्त व्यंजन (कुल संख्या 02)
- संयुक्त व्यंजन (कुल संख्या 04)
स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं
जिन वर्णों का उच्चारण करते समय कंठ, तालु, मूर्धा, दांत और ओष्ठ्य में से कोई एक दूसरे से स्पर्श करें उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। इन्हें 5 वर्गों में बांटा गया है जो ‘क्’ से ‘म्’ तक है जिनकी कुल संख्या 25 है।
I | II | III | IV | V | |
क वर्ग → | क् | ख् | ग् | घ् | ङ् |
च वर्ग → | च् | छ् | ज् | झ् | ञ् |
ट वर्ग → | ट् | ठ् | ड् | ढ् | ण् |
त वर्ग → | त् | थ | द् | ध् | न् |
प वर्ग → | प् | फ् | ब् | भ् | म् |
ऊपर टेबल में आप लोग कुल 25 स्पर्श व्यंजनो को पढ़ सकते हैं जोकि कुल 5 वर्गों में बांटा गया है। इसके पांचवें वर्ग को पंचमाक्षर या नासिक्य व्यंजन भी कहते हैं।
इन्हें नासिक्य व्यंजन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनके उच्चारण करते समय नाक भी प्रयोग में आता है।
अंतस्थ व्यंजन किसे कहते हैं
अर्ध स्वर एवं प्रकंपित/लुंठित वर्ण को अन्तस्थ व्यंजन कहते है। अंतस्थ व्यंजन कुल चार होते हैं जोकी ‘य्’, ‘र्’, ‘ल्’, ‘व्’ होते हैं।
अर्ध स्वर ‘य्’ एवं ‘व्’ को कहते हैं क्योंकि यह व्यंजन एवं स्वर दोनों की जगह पर प्रयुक्त हो सकते हैं। जैसे – ‘महिलाये’ और ‘महिलाएं’ में हम ‘य्’ के स्थान पे स्वर का भी प्रयोग कर सकते है।
प्रकंपित/लुंठित वर्ण हम ‘ल्’ एवं ‘व्’ को कहते है क्योंकि इनके उचारण से ध्वनी का कम्पन होता है। ‘ल्’ को पार्श्विक व्यंजन भी कहा जाता है क्योंकि इनके उचारण करते समय जीभ का पिछले हिस्से का प्रयोग होता है।
उष्मीय/संघर्षी व्यंजन किसे कहते हैं
वह व्यंजन जिनके उच्चारण करते समय मुख से गर्म वायु या ऊष्मा निकलती है उन्हें उष्मीय या संघर्षी व्यंजन कहते है।
इसे और आसान भाषा में समझा जाए तो उष्मीय अथवा संघर्षी व्यंजन के उच्चारण करते समय प्राणवायु पर जोर एवं मुंह से गर्म हवा निकलती है जिनकी कुल संख्या चार होते हैं जोकी ‘श्’, ‘ष्’, ‘स्’, ‘ह्’ है।
उत्क्षिप्त व्यंजन किसे कहते हैं
उत्क्षिप्त व्यंजन उसे कहते हैं जिनसे कोई वर्ण शुरू नहीं होता है। यह केवल दो होते हैं जोकी ‘ड़’ और ‘ढ़’ है। यह अक्सर बीच में आते हैं और इन व्यंजन के नीचे बिंदु होता है। जैसे- सड़क में उत्क्षिप्त व्यंजन का प्रयोग हुआ है।
संयुक्त व्यंजन किसे कहते हैं
वह व्यंजन जो दो वर्णों के संयोग से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहते हैं जिनकी संख्या कुल चार होती है जो ‘श्र’, ‘क्ष’, ‘त्र’, ‘ज्ञ’ है।
- श्र ⇒ श् + र
- क्ष ⇒ क् + ष
- त्र ⇒ त् + र
- ज्ञ ⇒ ज् + ञ
FAQs
आगे अब हम लोग व्यंजन किसे कहते हैं से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का उत्तर जानेंगे। यह बेहद जरूरी है ताकि हम लोग व्यंजन के बारे में और बेहतरीन तरीके से समझ सके।
व्यंजन क्या है उदाहरण देकर समझाइए?
व्यंजन वह होता है जिसका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है। जैसे – ‘क’, ‘ख’, ‘ग’, ‘घ’ आदि ये सब व्यंजन है।
व्यंजन कितने होते हैं उदाहरण दें?
व्यंजन कुल 33 होते हैं जोकी हिंदी वर्णमाला में ‘क’ से ‘ह’ तक है। हिंदी वर्णमाला में ‘क’, ‘ख’, ‘ग’, ‘घ’ व्यंजन का उदाहरण है।
स्वर और व्यंजन क्या होते हैं?
स्वरों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से हो सकता है परंतु व्यंजन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से नही हो सकता है इसका उच्चारण स्वरों की सहायता से होता है।
द्वित्व व्यंजन किसे कहते हैं?
वह व्यंजन जिसमें दो समान व्यंजन एक साथ प्रयोग होते हैं और उनमें से एक में हलंत लगा होता है द्वित्व व्यंजन कहलाता है। द्वित्व व्यंजन में दो एक जैसे व्यंजन होते हैं जिसमें से एक व्यंजन आधा होता है, जैसे- मिठ्ठा, चट्टा, पत्ता, गत्ता आदि।
व्यंजन में कुल कितनी पंक्तियाँ होती है?
व्यंजन में कुल 7 पंक्तियाँ होती है, अर्थात व्यंजनों को सात पंक्तियों में लिखा जाता है।
निष्कर्ष
प्यारे विद्यार्थीयो आज की इस लेख में हम लोगों ने व्यंजन किसे कहते हैं एवं व्यंजन के प्रकार अथवा व्यंजन के भेद के बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझ लिया है।
अब आपको दोबारा कभी व्यंजन से संबंधित सवाल पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि हम लोगों ने व्यंजन के बारे में बहुत ही विस्तार में समझा और पढ़ा है।
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