आज के इस आर्टिकल में संसाधन किसे कहते हैं Class 10th के बारे में सबसे बेहतरीन जानकरी आपको देने वाले है। संसाधन पर यह लेख कक्षा 10th के छात्रो के लिए जरुरी है इसलिए इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े।
संसाधन – हर वह चीज जो मनुष्य की जरूरत के लिए इस्तेमाल होती है, संसाधन कहलाती है। संसाधन प्राकृतिक चीज भी हो सकती है और कृत्रिम चीज भी हो सकती है।
पर्यावरण में बहुत सारे मनुष्य के उपयोग की चीज है परन्तु वह जब तक उपयोगी नही है वह संसाधन का हिस्सा नही बनती है। इसलिए किसी भी स्रोत का उपयोग मनुष्य के द्वारा उपयोग होने के पश्चात् ही संसाधन के श्रेणी में आती है।
अत: हम कह सकते है की हर वह जरुरी वस्तु जो मनुष्य की इच्छाओ की पूर्ति के लिए उपयोग की जाती है, उसे संसाधन कहते है।
संसाधन का उदाहरण पर्यावरण में मौजूद भूमि, जल, वायु, खनिज आदि है जोकि मनुष्य के इच्छाओ की पूर्ति करती है और ये बेहद जरुरी संसाधन में से एक है। इसके बिना कोई भी उद्योग विकसित नही की जा सकती है।
संसाधन कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित
मूल रूप से संसाधन दो ही प्रकार के होते है –
- प्राकृतिक संसाधन
- मानव निर्मित संसाधन
प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं
प्राकृतिक संसाधन वह होते है जो प्राकृत में पहले से मौजूद है जिसका उपयोग मनुष्य अपनी जरूरत के लिए करता हैं।
हमारे पर्यावरण में पहले से बहुत सारे संसाधन मौजूद है जिसे मनुष्य अपने सुविधा के लिए अलग – अलग प्रकार से उसका उपयोग करता है।
प्राकृतिक संसाधन का उदाहरण पहले से मौजूद जल, खनिज, प्राकृतिक गैस, चट्टान, भूमि, रसायन, जीव – जंतु, पेड़ – पौधे है जिसका प्रयोग प्राय: मनुष्यों द्वारा किया जाता है।
मानव निर्मित संसाधन किसे कहते हैं
वह सभी संसाधन जो मानव खुद निर्मित करता है उसे मानव निर्मित संसाधन कहते है जिसका प्रयोग मनुष्य अपने जरुरतो के लिए करता है।
मनुष्य अपने इच्छा को पूर्ण करने के लिए कोई न कोई वास्तु का निर्माण अथवा उपयोग करता है जिसको मानव निर्मित संसाधन या कृत्रिम संसाधन कहा जाता है।
मानव निर्मित संसाधन का उदाहरण मेज, कुर्सी, हवाई जहाज, स्मार्टफोन, वाहन, घर, वस्त्र, लाइट, पंखा है जिसे मनुष्य अपने जीवन में आवश्यकतानुसार संसाधन के तौर पे इस्तेमाल करता है।
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संसाधनों का वर्गीकरण
संसाधनों का वर्गीकरण कुल चार प्रकार से किया गया है –
- उत्पत्ति के आधार पर वर्गीकरण
- जैव संसाधन
- अजैव संसाधन
- समाप्यता के आधार पर वर्गीकरण
- नवीकरणीय संसाधन
- अनवीकरणीय संसाधन
- स्वामित्व के आधार पर वर्गीकरण
- व्यक्तिगत संसाधन
- सामुदायिक संसाधन
- राष्ट्रीय संसाधन
- अंतर्राष्ट्रीय संसाधन
- विकास के स्तर के आधार पर वर्गीकरण
- संभावी संसाधन
- विकसित संसाधन
- भंडार संसाधन
- संचित कोष संसाधन
उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों को जैव एवं अजैव संसाधन में वर्गीकृत किया गया है। जैव संसाधन वे सभी वस्तुए है जिनमे जीवन मौजूद है।
जैव संसाधन का उदाहरण मनुष्य, मछली, पशु, पक्षी एवं अन्य सभी जीव है जोकि जीवमंडल में पाए जाते है।
अजैव संसाधन वे सभी तत्व है जिनमे जीवन नहीं है परन्तु मनुष्य के लिए जरुरी है अजैव संसाधन कहालती है।
अजैव संसाधन का उदाहरण नदी, तलाब, चट्टान, पर्वत, गैस एवं सभी निर्जीव वस्तुए आदि है जोकि मनुष्य द्वारा संसाधन के रूप में प्रयोग की जाती है।
समाप्यता के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
समाप्यता के आधार पर संसाधनों को दो प्रकार से वर्गीकृत किया गया है जिनमे पहला नवीकरणीय संसाधन और दूसरा अनवीकरणीय संसाधन है।
नवीनीकरण संसाधन वे होते है जिन्हें फिर से निर्माण करके मनुष्य के जरूरत के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उदाहरण नवीनीकरण उर्जा (Renewable Energy), सौर उर्जा, पवन चक्की, जल, बारिश का पानी आदि है।
अनवीकरणीय संसाधन वे होते है होते है जिनका दुबारा प्रयोग नही किया जा सकता है और जो वर्षो के समय के बाद बनते है। अनवीकरणीय संसाधन का उदारहण कोयला, पेट्रोल, जीवाश्म इंधन, केरोसिन तेल आदि है।
स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
स्वामित्व के आधार पर संसाधनों को चार प्रकार से वर्गीकरण किया गया है जिसमे से पहला व्यक्तिगत संसाधन और दूसरा सामुदायिक संसाधन और तीसरा राष्ट्रीय संसाधन एवं चौथा अंतर्राष्ट्रीय संसाधन है।
व्यक्तिगत संसाधन वे होते हैं जिनका स्वामित्व अर्थात मालिकाना हक व्यक्ति का खुद का होता है। इसका उदाहरण व्यक्ति का घर, गाड़ी, प्रॉपर्टी आदि है।
सामुदायिक संसाधन वे होते हैं जिसका मालिकाना हक किसी एक व्यक्ति का न हो करके सार्वजनिक तौर पर सभी का समान अधिकार होता है। इसका उदाहरण सार्वजनिक शौचालय, पार्क, सार्वजनिक गार्डन, मंदिर, मस्जिद आदि है।
राष्ट्रीय संसाधन वे होते हैं जिसका स्वामित्व राष्ट्र का हो अर्थात उसे पर मालिकाना हक राष्ट्र का होता है। इसका उदाहरण सड़क, रेलवे लाइन, फ्लावर हाईवे आदि है।
अंतर्राष्ट्रीय संसाधन वह होते हैं जिस पर हक कई राष्ट्रों का होता है। इसके अंतर्गत तटरेखा बॉर्डर लाइन महासागर समुद्र आदि आते हैं।
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विकास के स्तर के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण
विकास के स्तर के आधार पर भी संसाधनों को कुल चार प्रकार से वर्गीकरण किया गया है जो संभावी संसाधन, विकसित संसाधन, भंडार संसाधन एवं संचित कोष संसाधन है।
संभावी संसाधन वह होते हैं जो बेहतर तकनीक न होने की वजह से उनका सही से उपयोग अभी तक नहीं हो पा रहा है परंतु उनमें संभावनाएं अपार है। इसका उदाहरण राजस्थान में मौजूद सौर ऊर्जा, सूर्य में मौजूद ऊर्जा आदि है।
विकसित संसाधन वह होते हैं जो बेहतर तकनीक होने के वजह से उनका सही से उपयोग किया जा रहा है और यह विकास के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही है।
भंडार संसाधन के अंतर्गत वह सभी संसाधन आता है जो बहुत ही ज्यादा मात्रा में वायुमंडल अथवा पृथ्वी पर मौजूद है।
परंतु उसको एकत्रित करने का बेहतर तकनीक ना होने का वजह से उनका भंडारा नहीं किया जा सकता है। इसका उदाहरण और सूर्य में मौजूद हाइड्रोजन गैस एवं भारी बारिश आदि है।
संचित कोष संसाधन वे होते हैं जिनका उपयोग अभी तक नहीं किया जा रहा है और उसको भविष्य में बेहतर विकास के लिए प्रयोग करने के वजह से संचित किया गया है।
इसका उदाहरण नदियों में मौजूद आपार जल, नदी एवं बांधों का जल आदि है जिसका प्रयोग उर्जा के विकास में किया जाएगा जा सकता है।
FAQs
नीचे संसाधन किसे कहते हैं और संसाधन के प्रकार से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का उत्तर दिया गया है।
संसाधन किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
प्राकृतिक में मौजूद हर वह वस्तु जो मनुष्य की आवश्यकताओं को पूर्ति करता है उसे संसाधन कहते हैं और यह दो प्रकार के होते हैं – मानव संसाधन एवं प्राकृतिक संसाधन।
संसाधन क्या है कक्षा 10?
मनुष्य की इच्छाओं एवं जरुरतो को पूर्ति करने वाले वस्तुएं संसाधन है। संसाधन कक्षा 10 के छात्रो को भी पढाई जाती है।
संसाधन की परिभाषा क्या है?
हमारे यूनिवर्स में हर वस्तु जो मनुष्य की कार्यों को आसान बनाती है अथवा मनुष्य अपने जरूरत को पूर्ति करने के लिए उपयोग में लाता है, संसाधन कहलाता है।
संसाधन का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
संसाधन हमारे जीवन में बहुत ही महत्व रखते हैं क्योंकि इनके वजह से ही हम अपने रोजमर्रा के कार्यों में आसानी पाते हैं एवं बेहतर विकास के क्षेत्र में भी संसाधन का काफी महत्व है।
संसाधन संरक्षण क्या है?
संसाधन मनुष्य द्वारा प्रयोग की जाने वाले वस्तुएं हैं जो हर रोज उपयोग की जाती है। इसमें से कुछ संसाधन ऐसे हैं जिनका भंडारा करना मुश्किल है इसलिए इनका संरक्षण भी आवश्यक है। संसाधन का उतना ही इस्तेमाल होना चाहिए जितना जरूरी है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हम लोगों ने संसाधन किसे कहते हैं एवं संसाधन के प्रकार अथवा इसके वर्गीकरण के बारे में सबसे आसान भाषा में समझा है।
यदि आप लोगों को संसाधन के ऊपर आर्टिकल पसंद आई है तो अपने सभी मित्रों के साथ भी शेयर जरूर करें क्योंकि यदि आप कक्षा 10 के विद्यार्थी है तो यह आपके बोर्ड परीक्षा में भी लिखने के लिए आता है।
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