गद्य किसे कहते हैं? गद्य की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण सहित

5/5 - (2 votes)

आज के इस आर्टिकल में हम गद्य किसे कहते हैं? गद्य की परिभाषा क्या है एवं गद्य के प्रकार को उदाहरण सहित पढ़ने वाले हैं।

यदि आप लोग भी हिंदी साहित्य के गद्य के बारे में जानना चाहते हैं इसे अंत तक जरूर पढ़ें। मैंने अपनी शिक्षा के दौरान गद्य के बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से पढ़ा था।

मैंने अपने हिन्दी के एग्जाम में भी अच्छा मार्क्स लाये थे। इसलिए मैं आपको Gadya Kise Kahate Hain के बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझा सकता हूं।

गद्य किसे कहते हैं?

मनुष्य अपने विचारों को लिखित या मौखिक भाषा के रूप में जिस माध्यम से व्यक्त करता है उसे गद्य कहते हैं। गद्य में एक में लय नही होता है बल्कि ये पैराग्राफ के रूप में होते है।

आप यदि हिंदी के किताब पढ़ेंगे तो उसमें कविताएं, कहानियां, दोहा, निबंध इत्यादि मौजूद रहते हैं परंतु ये सब हिंदी साहित्य के अंदर आते हैं जिसमें गद्य और पद्य दोनों होता है।

यदि आप कविता और दोहा को पढ़ते हैं तो इसमें आपको एक लय देखने को मिलता है। जैसे – ‘मछली जल की रानी है, जीवन उसका पानी है’ इसमें एक लय है तो यह पद्य कहलाता है।

परंतु आप एक गद्य पढ़ते हैं तो उसमें आपको लय देखने को नहीं मिलता है। लय मतलब एक मधुर चाल में जैसे संगीत होती है।

उदाहरण के लिए हम यदि किसी कहानी को ही पढ़ेंगे तो उसमें लिखा होता है – ‘किसी गांव में एक राजा रहता था जो बहुत ही दयालु और साहसी था’ और इस वाक्य में आप देख सकते हैं कि इसमें लय नहीं है और ऐसे ही पैराग्राफ को गद्य कहते हैं।

इसे भी पढ़े: हिन्दी साहित्य का इतिहास नोट्स

गद्य का अर्थ

गद् एक धातु है जिसमें यत् प्रत्यय लगाने पर गद्य शब्द का निर्माण होता है और गद् का अर्थ होता है बोलना या विचारों को व्यक्त करना।

इस प्रकार से हम कह सकते हैं की गद्य का अर्थ अपने विचारों को लिखित या मौखिक रूप में व्यक्त करना होता है

गद्य की परिभाषा

वैसा वाक्यबद्ध रचना जो छंद, ताल, सुर, लय इत्यादि से मुक्त हो एवं जिसको पढ़ने के बाद रसानुभूति का एहसास नहीं होता है उसे गद्य कहते हैं।

गद्य का प्रारंभ ऋग्वेद से माना जाता है और हिंदी गद्य का शुरुआत हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के भारतेंदु युग से हुआ था जिसको पढना – लिखना सबसे सरल होता है।

गद्य का उदाहरण

गद्य के उदाहरण रचना, निबंध, कहानी, उपन्यास, एकांकी, आत्मकथा, जीवनी, घटना वृतांत इत्यादि गद्य के ही उदाहरण है जिसको पढ़ने के बाद सुर, ताल, रस का आभास नहीं होता है।

इसे भी पढ़े: वर्ण किसे कहते है

गद्य के प्रकार

हिंदी साहित्य के गद्य में लय नहीं होता है और ना ही कोई इसमें रस होता है। साहित्य गद्य चार प्रकार के होते हैं जो निम्न है –

  1. काल्पनिक गद्य
  2. अकाल्पनिक गद्य
  3. वीर गद्य
  4. पद्य गद्य

काल्पनिक गद्य

काल्पनिक गद्य में उपन्यास, लघु कथाएं आदि आते हैं। आप लोग लघु कथाओं या उपन्यास को पढ़ेंगे तो इसमें कोई लय, सुर या रस नहीं मिलेगा यह सब छंद मुक्त होते हैं।

अकाल्पनिक गद्य

अकाल्पनिक गद्य या गैर काल्पनिक गद्य में जीवन परिचय, निबंध, पत्र – पत्रिकाएं आदि शामिल होते हैं और अकाल्पनिक गद्य भी छंद मुक्त होता है।

इसे भी पढ़े: अशोक वाजपेयी का जीवन परिचय

वीर गद्य

वीर गद्य में कहानी शामिल होते हैं। आप कहानियों को पढ़ेंगे तो यह एक पैराग्राफ के क्रम में होते हैं जो की रसमुक्त होते हैं और यह लंबा चौड़ा भी होता है।

पद्य गद्य

पद्य गद्य में वह सभी कविताएं आती है जो की पद्य के बजाय गद्य में लिखी गई है, लेकिन इसमें काव्यात्मक गुणों को दर्शाया जाता है बिना रस और छंद का प्रयोग किये।

गद्य की विशेषताएं

जैसा कि हम जानते हैं गद्य छंद मुक्त होता है जिसमे रस नामक कोई तत्व नहीं होता है और गद्य अपने आप में कुछ विशेषताएं रखता है जो कि निम्न है –

  • गद्य पैराग्राफ में लिखी होती है।
  • गद्य की जो रचना करता है उसे लेखक कहते हैं।
  • गद्य में रस, लय नहीं होता अर्थात यह छंद मुक्त होता है।
  • गधे के वाक्य सरल एवं स्पष्ट होते हैं।
  • गद्य के वाक्य का अर्थ आसानी से समझा जा सकता है।

गद्य की विशेषताएं पद्य से अलग होती है जिसमें रस, छंद, अलंकार का प्रयोग लगभग ना के बराबर होता है और यह समझने और पढ़ने में बहुत ही सरल होता है।

FAQs

हम लोगों को गद्य किसे कहते हैं इसके बारे में बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझ में आ गया है परंतु अब हम लोग गद्य से संबंधित कुछ अवसर पूछे जाने वाले सवालों का उत्तर भी जान लेते हैं ।

गद्य से आप क्या समझते हैं?

हिंदी साहित्य का वह हिस्सा जिसमें छंद, अलंकार, रस अथवा एक सुर नहीं होता है वह सब गद्य के श्रेणी में आता है।

गद्य और पद्य का क्या अर्थ है?

गद्य और पद्य में सबसे मुख्य अंतर यह है की गद्य छंद मुक्त अथवा सुर रहित होता है जबकि पद्य में छंद, अलंकार, रस यह सब मौजूद रहता है।

गद्य क्या है उदाहरण सहित?

गद्य वह है जिसमें एक सूर अथवा छंद नहीं रहता है और गद्य का उदाहरण कविताएं, कहानियां, निबंध आदि है।

गद्य किसे कहते हैं गद्य की प्रमुख विधाओं के नाम लिखिए

गद्य उसे कहते हैं जिसमें पैराग्राफ होता है और छंद मुक्त होता है। गद्य की प्रमुख विधाएं कहानी, उपन्यास, जीवनिया, पत्रिकाएं आदि है।

गद्य कविता किसे कहते हैं

गद्य कविता पद्य की तरह ही लिखी जाती है जो की छंद मुक्त होती है और इसमें थोड़ा सा रस का अनुभव मिलता है जो की पैराग्राफ में लिखा होता है।

गद्य खंड किसे कहते हैं

गद्य में कहानी, उपन्यास, पत्र पत्रिका आदि शामिल होती है और इसके छोटे से एक भाग को गद्य खंड कहते हैं उदाहरण के लिए ‘कहानी’ एक गद्य खंड है।

गद्य किसे कहते है पर विडियो

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हम लोगों ने गद्य किसे कहते हैं उदहारण सहित और गद्य के प्रकार एवं गद्य की विशेषताए समझ गए होंगे।

अब आप लोगों को गद्य से संबंधित कोई भी कंफ्यूजन नहीं होगा और यदि कुछ भी पूछना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं।

प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

SHARE ON:

1 thought on “गद्य किसे कहते हैं? गद्य की परिभाषा एवं प्रकार उदाहरण सहित”

Leave a Comment