प्रिय छात्रो क्या आप ‘Kalidas Ka Jivan Parichay’ के बारे में जानना चाहते है? तो आज मैं आपको महाकवि कालिदास का जीवन परिचय के बारे में ही बताने वाला हु. हम लोग आजके इस लेख में कालिदास के जीवनी से सम्बंधित सभी तथ्यों को विस्तार से समझेंगे.
यदि आप लोग इस लेख को पूरा पढ़ते है तो मैं दावा करता हु की आपको Mahakavi Kalidas Ka Jivan Parichay के बारे में हर चीज कंठस्थ हो जाने वाली है.
महाकवि का नाम | कालिदास |
जन्म वर्ष | ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी से लेकर, ईसा की छठी शताब्दी तक |
जन्म स्थान | उजैन परन्तु मतभेद |
पिता जी का नाम | अज्ञात है |
माता जी का नाम | अज्ञात है |
पत्नी का नाम | विद्योत्तमा |
प्रमुख रचनाये | |
उपाधि | महाकवि की |
मृत्यु वर्ष | ज्ञात नही है |
मृत्यु स्थान | ज्ञात नहीं है |
Kalidas Ka Jivan Parichay PDF
जीवन परिचय: कालिदास के जन्म-स्थान तथा जन्म के समय को लेकर विद्वानों में मतभेद है. इनके जन्म की निश्चित तिथि आजतक कोई भी विद्वान खोज नहीं पाए.
विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर, और विभिन्न विद्वानो के अनुसार इनका जन्म समय ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी से लेकर, ईसा की छठी शताब्दी तक माना जाता है.
विद्वानों ने कालिदासकका जन्म स्थान कश्मीर, बंगाल, उजैन को बताते है, लेकिन ज्यादातर विद्वान यही मानते हैं, कि कालिदास उजैन की पवित्र.. भूमि जन्म लिए थे.
प्रिय छात्रो आपको उपर Kalidas Ka Jivan Parichay PDF दिख रहा होगा. आप लोग कालिदास के बारे में इस पीडीऍफ़ में भी पढ़ सकते है जिसमे आपको कालिदास के बारे में हर जानकरी मिल जाएगी.
जानिए विस्तार से ‘Mahakavi Kalidas Ka Jivan Parichay’ के बारे में
कालिदास के जन्म के बारे में ठोस सबूत या दस्तावेज़ अनुपस्थित हैं, जिसके कारण विद्वानों के बीच अलग-अलग राय है.
कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्म 150 ईसा पूर्व और 400 ईस्वी के बीच हुआ था, संभवतः गुप्त काल के दौरान, 170 ईसा पूर्व में स्थापित उनके नाटक ‘मालविकाग्निमित्र’ में संदर्भ के कारण ऐसा कहा जाता है.
कालिदास का एक अन्य संदर्भ वाणभट्ट के ‘हर्षचरितम्’ में पाया जाता है, जो छठी शताब्दी का है. सबूतों के इन टुकड़ों को ध्यान में रखते हुए, कालिदास का जन्म आमतौर पर पहली और तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के बीच हुआ माना जाता है.
कालिदास का जन्मस्थान भी इतिहासकारों के बीच बहस का विषय बना हुआ है. उन्होंने अपनी काव्य कृति ‘मेघदूत’ में मध्य प्रदेश में स्थित उज्जैन का उल्लेख किया है, जिससे कुछ लोगों का मानना है कि उनका जन्म वहीं हुआ था.
इसके विपरीत, कुछ इतिहासकारों का तर्क है कि उनका जन्म उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कविल्का गाँव में हुआ था, जहाँ सरकार ने उनके सम्मान में एक मूर्ति और एक सभागार बनवाया है.
कालिदास का राजकुमारी विद्योत्तमा से विवाह दिलचस्प है. विद्योत्तमा, एक उच्च विद्वान महिला, ने वाद-विवाद में उसे हराने के लिए विरोधियों को चुनौती दी, और विजेता से विवाह करने का वादा किया.
कई विद्वान असफल हो गए, इसलिए उन्होंने मूर्ख समझे जाने वाले कालिदास को बहस में खड़ा करने की साजिश रची.
उन्हें आश्चर्य हुआ, कालिदास ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से अपनी बुद्धि का प्रदर्शन किया और विद्योत्तमा का दिल जीत लिया, जिससे उनका विवाह हो गया.
कालिदास बुद्धिमान कैसे बनते हैं?
कुछ समय बाद, विद्योत्तमा को कालिदास की बौद्धिक कमियों का एहसास हुआ और उन्होंने उसे निष्कासित कर दिया, और मांग की कि वह पंडित बनने पर ही वापस लौटे.
दृढ़ निश्चयी कालिदास ने घर छोड़ दिया और माँ काली की पूजा करने लगे और उनके आशीर्वाद से वे साहित्य के एक उच्च जानकार विद्वान बन गये.
उनके लौटने पर, विद्योत्तमा ने परिवर्तित कालिदास को उनकी आवाज से पहचान लिया, जो अब उनके दरवाजे पर एक प्रतिष्ठित विद्वान थे.
कालिदास की प्रमुख रचनाये
प्रिय छात्रो चलिए अब हम लोग ट्रिक की सहायता से कालिदास की प्रमुख रचनाये के बारे में जान लेते है. आपको मैं Kalidas Ki Rachna ट्रिक के माध्यम से बताने वाला हु.
ट्रिक - विक्रम कुमार अभि मेघ ऋतु है
- विक्रम – विक्रमोर्यवशियम्
- कु – कुमारसंभवम
- मा – मालविकाग्निमित्रम
- र – रघुवंशम
- अभि – अभिज्ञानशाकुन्तल
- मेघ – मेघदूत
- ऋतु – ऋतुसंहार
कालिदास का जीवन परिचय संस्कृत में पीडीऍफ़ सहित
प्रिय छात्रो अब हम लोग Kalidas Ka Jivan Parichay Sanskrit mein जानेंगे, जो लोग संस्कृत पढ़ते है उनके पाठ्यक्रम में संस्कृत में ही लिखने को कहा जाता है.
इसलिए हम लोग कालिदास का जीवन परिचय का संस्कृत रूप देखेंगे. आपको कालिदास का जीवन परिचय संस्कृत में पीडीऍफ़ उपर जो हिन्दी वाला दिया गया है उसे के अंदर दोनों भाषाओ में पीडीऍफ़ भी मिल जाएगा.
कालिदासस्य जन्मसम्बद्धानि ठोसप्रमाणानि वा दस्तावेजानि वा अनुपस्थितानि सन्ति, येन विद्वानानां मतभेदाः सन्ति । कालिदासस्य अन्यः सन्दर्भः वनभट्टस्य 'हर्षचरितम्' इति ग्रन्थे प्राप्यते, यत् षष्ठशताब्द्याः प्रारब्धम् अस्ति । एतानि प्रमाणानि गृहीत्वा सामान्यतया कालिदासस्य जन्म ईपू प्रथमशताब्द्याः तृतीयशताब्द्याः च मध्ये अभवत् इति मन्यते ।
कालिदासस्य जन्मभूमिः अपि इतिहासकारानाम् विवादस्य विषयः अस्ति । तेन 'मेघदूत' इति काव्यग्रन्थे मध्यप्रदेशे स्थितस्य उज्जैनस्य उल्लेखः कृतः, यस्मात् कारणात् केचन जनाः तस्य जन्म तत्रैव जातः इति मन्यन्ते ।
कालिदासस्य राजकुमार्या विद्योत्मया सह विवाहः रोचकः अस्ति । विद्योत्तमा उच्चविद्वान् स्त्रियाः प्रतिद्वन्द्विनः वादविवादे पराजयितुं आह्वानं कृत्वा विजयी विवाहं करिष्यामि इति प्रतिज्ञां कृतवती । कालिदासः सांकेतिकभाषायाः माध्यमेन स्वस्य बुद्धिमत्तां प्रदर्श्य विद्योतमस्य हृदयं जित्वा, येन सह सः विवाहं कृतवान् ।
परन्तु किञ्चित्कालानन्तरं विद्योतमः कालिदासस्य बौद्धिकदोषान् अवगत्य पण्डितत्वे एव प्रत्यागन्तुं आग्रहं कृत्वा तं निष्कासितवान् । दृढनिश्चयः कालिदासः गृहं त्यक्त्वा कालीमातुः पूजां प्रारभत तस्याः आशीर्वादेन सः साहित्यस्य अत्यन्तं ज्ञाता विद्वान् अभवत् । पुनरागमने विद्योतमः स्वद्वारा परिवर्तितं कालिदासं परिचितवान्, यः इदानीं तस्य द्वारे एव विशिष्टः विद्वान् आसीत् ।
महाकवि कालिदास की कहानी
प्रिय छात्रो Kalidas Ki Kahani बहुत ही दिलचस्प है जिसे आप लोगो को एक बार अवश्य सुनना चाहिए. ऐसा कहा जाता है की एक बार कालिदास जिस टहनी पे बैठे थे उसी टहनी की काट रहे थे.
एक समय ऐसा भी आया की वह उस सदी के सबसे महान विद्वानों में से एक बने. आपको पूरी कहानी इस विडियो के माध्यम से समझ में आ जाएगा, जिसे आप देख सुन सकते है.
FAQs
प्रिय छात्रो चलोये अब हमलोग कालिदास के जीवन परिचय से सम्बन्धित कुछ सवालो के जवाब जान लेते है. आपको कालिदास के बारे में और अधिक पता चल जाएगा यह सवाल अक्सर लोगो द्वारा पूछा जाता है इसलिए आब लोग भी इसे जरुर पढ़े.
कालिदास का जन्म कहाँ हुआ था?
कालिदास का जन्म उजैन में हुआ था जोकि मध्य – प्रदेश है. हालाँकि अभी भी विद्वानों में मतभेद है किसी को सटीक ज्ञात नही है की कालिदास का जन्म कहा हुआ था, लेकिन उजैन ज्यादातर विद्वानों का मानना है.
महाकवि कालिदास कौन थे?
महाकवि कालिदास पहली शताब्दी ईशा पूर्व के महान संस्कृत कवि एवं नाटकार थे.
कालिदास की मृत्यु कहाँ हुई थी?
कालिदास की मृत्यु को लेकर भी विद्वानों में मतभेद है लेकिन कहा जाता है की कालिदास की मृत्यु श्रीलंका के द्वीप पर हुई थी परन्तु इसका कोई साक्ष्य नहीं मिला है.
कालिदास के माता पिता का नाम
कालिदास के माता पिता का नाम अज्ञात है परन्तु आपको गूगल पर बहुत सारे लेख में इनके माता पिता का नाम मिल जाएगा लेकिन वह सभी गलत उत्तर है. सच तो यह है की कलोदास का माता पिता का नाम किसी को नहीं पता है इनके माता पिता का नाम अभी भी अज्ञात बना हुआ है.
अंत में हमने क्या जाना
प्रिय छात्रो आज हम लोगो ने ‘Kalidas Ka Jivan Parichay’ को बहुत ही अच्छे सी जाना है. प्रिय दोस्तों मैंने आज कालिदास का जीवन परिचय को काफी रिसर्च करने के बाद ही लिखा है क्योंकि मेरा उदेश्य आप लोगो तक सटीक जानकरी पहुचना था.
मैंने पुरे इन्टरनेट पे उपलब्ध लेख को पढ़ा है परन्तु कोई भी उतनी सटीकता से कालिदास का जीवन परिचय को नहीं बताया था.
इसलिए मैंने यह लेख लिखी खुद रिसर्च करने के बाद. आपको मैंने महाकवि कालिदास का जीवन परिचय का पीडीऍफ़ फाइल भी दे दिया है जिसके मदद से आप और अच्छे से पढ़ सकते है.
इसके अलवा आज हमने कालिदास का जीवन परिचय संस्कृत में भी जाना है जो लोग कालिदास का जीवन परिचय को संस्कृत में पढना चाहते है वह लोग भी इस लेख को पढ़ सकते है. हमने रचनाओ को भी ट्रिक के माध्यम से जाना है.
कालिदास का साहित्यिक योगदान भारतीय संस्कृति की समृद्धि और उनके शब्दों की शाश्वत सुंदरता का प्रमाण है. इस व्यापक मार्गदर्शिका का उद्देश्य पाठकों को कालिदास, उनके जीवन और उनकी उत्कृष्ट कृतियों की गहरी समझ प्रदान करना है.
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