मेरे प्रिय स्टूडेंट्स आज हम लोग “फणीश्वरनाथ रेणु जी का Panchlight Kahani Ka Saransh के बारे में विस्तार से जानेंगे. यदि आप लोग “पंचलाइट कहानी का सारांश” जानना चाहते है तो आप हमारे साथ अंत तक बने रहिएगा.
मैं आप लोगो को पंचलाइट कहानी के बारे में बताने वाला हु, जो की आपके बोर्ड एग्जाम में हर साल पाँच अंक में आता है.
मैं आपको पंचलाइट की कहानी से बताने वाला हु उसे आप अगर एक बार मन से पढ़ लेंगे तो आपके दिमाग में हमेशा के लिए बैठ जाएगा.
आप लोगो को तो पता ही होगा की पंचलाइट कहानी का सारांश 80 शब्दों में अक्सर पूछा जाता है. कक्षा 12th में इस तरह के कहानी आपको बहुत से देखने और पढने को मिलेगी.
Panchlight Kahani Ka Saransh Class 12
दोस्तों चलिए अब हम पंचलाइट कहानी का सारांश को पढना शुरू करते है. इस कहानी के अंत में मैं आपको इसके सम्बन्धित जितने भी अन्य प्रश्न है उन सबके जावब दूंगा.
पंचलाइट कहानी का सारांश: पंचलाइट रेणु जी की आंचलिक कहानी है. कहानी में बिहार के एक पिछड़े गांव के परिवेश का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया है.
रामनवमी के मेले में महतो टोली के पंचों ने एक पेट्रोमैक्स खरीदा जिसको गांव वाले पंचलाइट कह कर पुकारते थे. पंचलाइट खरीदने के बाद दस रूपये बचे थे जिससे पूजा की सामग्री भी खरीदी गई.
उसी में कीर्तन का आयोजन किया गया उस टोली के सभी लोग पंचलाइट देखने के लिए आ गए लेकिन प्रश्न उठा कि इसको जलाएगा कौन ?
क्योंकि खरीदने के पहले यह बात तो दिमाग में आए ही नहीं लोगों ने यह निर्णय लिया की दूसरी टोली के लोगों से नहीं जलाया जाएगा भले ही वही पड़ा रहे.
आज किसी ने अपने घर ढिबरी भी नहीं जलाई थी. पंचलाइट ना जलने से सभी के चेहरे उतर गए वही राजपूत टोली के लोग कहने लगे सभी लोग कान पकड़कर 10 बार उठे – बैठे पंचलैट जल जाएगा लेकिन ऐसा मजाक को भी धैर्यपूर्वक सहना पड़ा.
वहीं पर गुलरी काकी की बेटी मुनरी बैठी थी. वह जानती थी कि गोधन पंचलाइट जलाना जानता है, लेकिन पंचायत ने गोधन का हुक्का पानी बंद कर रखा था क्योंकि वह सलीमा का गाना गलियों में गाता रहता था और लड़कियों को छेड़ता रहता था.
मुनारी गोधन से प्रेम करती थी. इसलिए वह अपने न कहकर अपनी सहेली कनेली को बताई. कनेली सरदार तक यह बात पहुंचा दी कि गोधन पंचलाइट जलाना जानता है.
लेकिन सभी लोग सोच में पड़ गए कि गोधन को बुलाया जाए कि नहीं बुलाया जाए. अंत में लोगों ने निर्णय लिया कि उसे बुलाया जाए. सरदार ने छडीदार को भेजा लेकिन उसने आने से मना कर दिया.
कई लोग गए लेकिन वह आया नहीं अंत में गुलरी काकी झोपड़ी में गई और उसे मना कर ले आई. गोधन ने पंचलाइट में तेल भरा और पूछा स्प्रिट कहां है, सभी लोग उदास हो गए लेकिन गोधन होशियारी से गड़ी की तेल की सहायता से पंचलाइट जला देता है.
पंचलाइट के जलने से लोगों के मन में प्रसन्नता आ गई. महावीर स्वामी की जय जयकार करते हुए कीर्तन शुरू हुआ. गोधन ने सबका दिल जीत लिया.
मुनरी ने हसरत की निगाहों से उसे देखा दोनों की नजरें चार हो गई. गुलरी काकी ने शाम को उसे खाने पर बुलाया पंच भी अति उत्साहित होकर गोधन को कह देते हैं – ‘तुम्हारा सात खून माफ, खूब गाओ सलीमा का गाना’.
कहानी का कथानक सजीव है सीधे – साधे अनपढ़ लोगों की संवेदनाओ को वाणी देने में फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ जी समर्थ रहे. इस कहानी में आंचलिक जीवन की सजीव झांकी प्रस्तुत की गई है
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पंचलाइट कहानी का सारांश pdf
प्रिय मित्रो आपने उपर पंचलाइट कहानी के बारे में तो पढ़ लिया लेकिन मैं आप सभी को पंचलाइट कहानी की pdf भी दूंगा जिसे आप ऑफलाइन कभी भी पढ़ सकते है.
मुझे उम्मीद है की आपको पंचलाइट कहानी की pdf अच्छे से समझ आई होगी. इसे आप अपने सभी मित्रो के पास शेयर जरुर करे. इस ब्लॉग पर आपको और भी लेख मिल जायेंगे.
दोस्तों आपने पंचलाइट कहानी के बारे में जान ही लिया है. अब हम कुछ इससे सम्बन्धित कुछ प्रश्नों के उत्तर जानेंगे. यदि आप लोग panchlight ki kahani video में चाहते है तो आप लोग मेरे YouTube चैनल पर जाकर देख सकते है.
मैंने पंचलाइट कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए का एक विडियो भी बनाया है. आपको उसमे पंचलाइट कहानी की कथावस्तु लिखिए भी मिलेगा. मैंने जो आपको आज कहानी बताये है आप उसे ही तैयार करे.
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‘पंचलाइट’ का अर्थ क्या है
दोस्तों पंचलाइट का अर्थ उस लालटेन से है जिसे गाव वाले पेट्रोमैक्स कहकर पुकारते थे. आपने अपने घरो में लालटेन कभी देखा होगा यह कुछ इसी प्रकार से रहता है.
पेट्रोमैक्स क्या होता है
पेट्रोमैक्स एक लालटेन की भाँती दिखने वाला लाइट है. इसे जलाने पर अपने आस – पास प्रकाश प्रज्जवलित हो जाता है. पेट्रोमैक्स को ही पंचलाइट कहते है.
पंचलाइट कहानी का मुख्य पात्र कौन है
पंचलाइट का मुख्य पात्र गोधन और गाव वाले है. इसमें एक गाव के परिवेश का जिक्र किया गया है. इसमें हम गोधन को नायक और मुनरी नायिका मान सकते है.
पंचलाइट किसकी रचना है
पंचलाइट फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ जी की रचना है. इसमें रेणु जी ने एक पिछड़े गाव के परिवेश के बारे में सुंदर झाकी प्रस्तुत की है.
मुनरी की मां का नाम क्या है
मुनरी की माँ का नाम गुलरी है. यह वही गुलरी काकी है जो गोधन को पंचलाइट जलाने के लिए मानकर लाती है जिसे बाद में अपने घर खाने को भी बुलाती है.
पंचलाइट’ कहानी की भाषा शैली
पंचलाइट कहानी की भाषा शैली बिहार के गाँवों की लोगो का भाषा है. इसमें खड़ी बोली भाषा का प्रयोग किया गया है. यह अंधविश्वास और गावो के लोगो का चरित्र का वर्णन करती है.
पंचलाइट की कहानी कैसे लिखें
पंचलाइट की कहानी को कैसे लिखना है अगर इसके बारे में बात करू तो आपको जो मैंने कहानी बताई है आप उसे अच्छे से समझ कर अपने शब्दों में लिखिए. यह मायने नहीं रखता की आप वही लिखे जो मैंने बताया है. आप अपने हिसाब से लिखिए.
पंचलाइट कहानी का उद्देश्य क्या है
पंचलाइट कहानी का उदेश्य सीधे – साधे अनपढ़ लोगो के वाणी है. यह कथानक सजीव है. इसमें एक पिछड़े गाव के परिवेश के बारे में बताया गया है जिसे आप उपर और अच्छे से पढ़ सकते है.
पंचलाइट’ कहानी में गोधन का चरित्र चित्रण
पंचलाइट कहानी में गोधन का चरित्र चित्रण एक आम नवयुवक की हरकतों की तरह है. इसमें गोधन एक नायक की तरह है. इसे आप कहानी में अच्छे से पढ़ सकते है.
अब दोस्तों हम पंचलाइट की कहानी यही समाप्त करते है. हम अगले दिन मिलते है एक नयी कहानी का सारांश लेकर. आप लोगो के लिए मैं जल्द ही सभी कहानियो का सारांश लेकर आयेंगे.
आशा है आप लोग अपने मित्रो के पास ‘पंचलाइट’ कहानी का सारांश को शेयर करेंगे. मैं आपके लिए ऐसे ही टॉपिक लेकर आता रहूँगा. आप हमें हमारे चैनल पर भी सम्पर्क कर सकते है.
FAQs: पंचलाइट कहानी का सारांश से सम्बंधित
प्रिय स्टूडेंट्स अब हम लो चलिए कुछ FAQ भी जान लेते है. यह कुछ ऐसे सवाल जवाब है जो हर स्टूडेंट्स के मन में रहता है. पंचलाइट की कहानी का सरांस से जुड़े कुछ सवाल और उसके जवाब निचे दिया गया है
चलिए अब हम पंचलाइट’ कहानी के बारे में अन्य कुछ प्रश्न के बारे में जान लेते है जो आपके द्वारा काफी डिमांड थी की मैं इसका जवाब दू.
प्रश्न: पंचलाइट कहानी क्या शिक्षा देती है स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: पंचलाइट कहानी हमें पिछड़े गाव के परिवेश के बारे में शिक्षा देती है. इसमें लेखन ने दर्शाया है की एक पिछडा समाज की वाणी एवं वेश – भूषा क्या है.
प्रश्न: पंचलाइट कहानी का मुख्य पात्र कौन है?
उत्तर: पंचलाइट कहानी का मुख्य पात्र गोधन है जोकि इस कहानी का नायक है.
प्रश्न: पंचलाइट का मतलब क्या होता है?
उत्तर: पंचलाइट का मतलब एक मिटटी का दीपक अथवा लालटेन जैसी दिखने वाली दीपक है जिसे फनीश्वरनाथ नाथ रेणु जी पंचलैट अथवा पेट्रोमैक्स बताया है.
निष्कर्ष
प्रिय छात्रों मुझे उम्मीद है कि आपको Panchlight Ki Kahani Ka Saransh बहुत ही अच्छे समझ में आ गया होगा. अब आप लोग अपने बोर्ड के एग्जाम में पंचलाइट की कहानी का सारांश को आसानी से लिख सकते हैं.
आपके यूपी बोर्ड एग्जाम है यह पांच नंबर में आता है और अब आप लोगों के मन में इस कहानी के बारे में अच्छे से जानकारी हो चुकी है.
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