कक्षा 10th जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय

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आज किस आर्टिकल में हम लोग Jai Prakash Bharti Ka Jeevan Parichay काफी विस्तार से समझने वाले हैं. जयप्रकाश भारती एक प्रसिद्ध लेखक रहे हैं जिनका जन्म सन 1936 ईस्वी में हुआ था.

आपके बोर्ड एग्जाम कक्षा 10 में जयप्रकाश जी का जीवन परिचय काफी बार पूछा जाता है और इस बार भी पूछे जाने की संभावना सबसे अधिक है.

मैं आपको सबसे सरल शब्दों में इनका जीवनी के बारे में बताऊंगा जिसे आपको पढ़ते ही याद हो जाने वाला है क्योंकि यह आपके बोर्ड एग्जाम में पांच नंबर में आना आता है.

यदि आप लोग इस लेख को पूरे अंत तक पढ़ते थे मैं पूरे दावे के साथ कर सकता हूं की जय प्रकाश भारती का जीवन परिचय याद हो जाएगा.

सबसे पहले हम एक टेबल के माध्यम से Jai Prakash Bharti Ka Jeevan Parichay को जानेंगे. उसके बाद से हम उनके जीवनी के एक-एक हिस्से को करके जानेंगे जयप्रकाश भारती का प्रारंभिक जीवन संघर्ष पूर्ण रहा है.

लेखक का नामजयप्रकाश भारती
उपनाम नामलोकनायक
जन्म वर्ष2 जनवरी सन 1936 ई ई
जन्म स्थानउत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में
पिताजी का नामश्री रघुनाथ सहाय जी
माता जी का नामश्रीमती फुल रानी देवी जी
शिक्षाबैचलर डिग्री ऑफ़ साइंस
उपाधिबाल पत्रिका का दर्जा
कार्य क्षेत्रलेखन
प्रमुख रचनाएंअनंत आकाश, हिमालय की पुकार, सरदार भगत सिंह, विज्ञान की विभूतियां आदि
साहित्य में स्थानजयप्रकाश जी ने हिंदी साहित्य में बाल साहित्य तथा वैज्ञानिक लिखो के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाई
भाषा शैलीखड़ी बोली भोजपुरी शैली वर्णनात्मक एवं चित्रात्मक
आयु86 वर्ष
संपादनसाप्ताहिक हिंदुस्तान तथा नंदन पत्रिका का
मृत्यु वर्ष5 फरवरी 2005 ईस्वी में
मृत्यु स्थानउत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में

प्रिय छात्रों आप लोग टेबल के माध्यम से जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय संक्षिप्त रूप में देख चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि आपको उनके पूरे जीवनी का एक ओवरव्यू जो है वह अच्छी तरह से समझ में आ गई होगी.

अब आगे हम लोग जय प्रकाश भारती जी की जीवनी को समझते हुए बढ़ेंगे. जयप्रकाश भारती जी ने साहित्य के क्षेत्र में अनेकों योगदान दिए इसलिए इन्हें हम आज भी याद रखते हैं.

Table of Contents

जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय (Jai Prakash Bharti Ka Jeevan Parichay)

जयप्रकाश भारती जी का जन्म सन 1936 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध नगर मेरठ जिले में हुआ था. जयप्रकाश भारती जी का पिता का नाम श्री रघुनाथ जी सहाय था जो की एक एडवोकेट का कार्य किया करते थे.

जयप्रकाश भारती जी के माता जी का नाम श्रीमती फुल रानी देवी जी था. उनके माता जी स्वाभाविक एवं मधु स्वभाव की महिला थी. जयप्रकाश भारती जी के माता-पिता इन्हें जीवन में आगे बढ़ाने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहें.

भारती जी ने मेरठ जिले में ही प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण किया उसके बाद इन्होने उच्च शिक्षा के लिए यह बीएससी की परीक्षा उतीर्ण की थी. इन्होंने अपनी आगे का जीवन समाज सेवा के कार्यों में भी लगे.

जयप्रकश जी ने ‘दैनिक प्रताप’ जोकि मेरठ में है एवं ‘नवभारत टाइम्स‘ दिल्ली में पत्रकारिता का ज्ञान भी प्राप्त किया था. भारती जी ने कई वर्षों तक दिल्ली से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक हिंदुस्तान में कई सालो तक संपादन के रूप में भी कार्य किया.

जयप्रकाश भारती जी बाल पत्रिका ‘नंदन’ के संपादक भी रहे हैं. इन्हें भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है. जयप्रकाश भारती जी की मृत्यु सन 5 फरवरी 2005 ईस्वी को उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में हो गई थी.

जयप्रकाश जी 86 वर्ष की आयु में ही इस संसार से विदा हो गए परंतु भारतीय साहित्य प्रेमियों के लिए आज भी अमर माने जाते हैं.

प्रिय छात्रों का मुझे उम्मीद है कि आप लोगों को जयप्रकाश भारती जी का जीवन परिचय समझ में आ गया है.

यदि आप सभी लेखकों के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो आप Class 10 Hindi Jivan Parichay के हमारे लेख में जाकर के पढ़ सकते हैं.

जयप्रकाश भारती का साहित्यिक परिचय

जयप्रकाश भारती जी अपने समय के एक युवा पत्रकार के रूप में जाने जाते थे. भारती जी का उल्लेखनीय योगदान एक सफल पत्रकार तथा सशक्त लेखक के रूप में हिंदी साहित्य में है.

भारती जी ने नैतिक सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों पर लेखन करके बाल साहित्य को एक समृद्ध बना दिया. जयप्रकाश भारती जी ने लगभग 100 से अधिक पुस्तकों का संपादन भी किया.

इनके लेखन कहानी, रिपोर्ताज सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे. प्रकाश जी ने रेडियो पर भी कुछ समय तक प्रशासन का कार्य किया था.

जयप्रकाश भारती जी ने विज्ञान की जानकारी को साधारण जनता और किशोर मानस तक पहुंचाने का कार्य किए.

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जयप्रकाश भारती की रचनाएँ

जयप्रकाश भारती की रचनाएं भारत सरकार द्वारा भी पुरस्कृत हो चुकी है. उनकी कुछ पुस्तक यूनेस्को द्वारा भी सम्मानित की जा चुकी है.

जयप्रकाश भारती जी की प्रमुख रचनाएं ‘हिमालय की पुकार’, ‘अनंत आकाश: अथाह था सागर’, ‘विज्ञान की विभूतियां’, ‘देश हमारा देश’, ‘चलो चांद पर चले’ आदि एक सम्मानित रचनाएं हैं.

प्रकाश जी की रचना ‘हिमालय की पुरस्कार’, ‘अनंत आकाश’ यूनेस्को द्वारा प्रस्तुत की जा चुकी है. इसके अलावा ‘विज्ञान की विभूतियां’, ‘देश हमारा देश’, ‘चलो चांद पर चले’ भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत की जा चुकी है. इसके अलावा कुछ रचनाएं निम्न है –

  • सरदार भगत सिंह
  • हमारे गौरव के प्रतीक
  • अस्त्र-शस्त्र आदम युग से अणु युग तक
  • उनका बचपन युविता
  • कैसे थे हमारे बापू
  • लोकमान्य तिलक
  • वर्ष की गुड़िया
  • संयुक्त राष्ट्र संघ
  • भारत का संविधान
  • दुनिया रंग बिरंगी

जयप्रकाश भारती का हिन्दी साहित्य में स्थान

जयप्रकाश भारती जी मुख्य रूप से बाल साहित्य और वैज्ञानिक लेखो के क्षेत्र में प्रसिद्ध हुए थे. प्रकाश जी विज्ञान विषयक के साहित्य के रूप में जाने जाते हैं.

हिंदी साहित्य में भारती जी का योगदान अहम भूमिका निभाती है. भारती जी ने हिंदी के साहित्य को जगमग करके अपना अनोखा स्थान बनाया है. इसके साथ ही इन्होंने लेख, कहानी एवं रिपोर्ताज आदि साहित्य क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया.

इसलिए आज जयप्रकाश भारती जी को हिंदी साहित्य में एक उच्च सर्वोत्तम स्थान दिया गया है ताकि साहित्य के लेखक किन्हे कभी ना भूल पाए.

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जय प्रकाश भारती का जीवन परिचय pdf

प्रिय छात्र यदि आप लोग कक्षा 10 में पढ़ते हैं तो आप लोगों को जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय पीडीएफ फाइल की आवश्यकता होगी.

मैं अब आप लोगों का जयप्रकाश भारती जी की पूरी जीवनी को एक पीडीएफ फाइल में लिख करके देने वाला हूं. इस पीडीएफ को आप कभी पढ़ करके भारती जी की पूरे जीवनी को आसानी से याद कर सकते हैं.

यह पीडीएफ फाइल आपको नीचे दिख रही होगी आप चाहे तो इस लेख के माध्यम से ही आसानी से पढ़ सकते हैं या फिर आप इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड करके भी पढ़ सकते हैं.

मुझे उम्मीद है कि आप लोग हैं जयप्रकाश भारती जी की जीवन परिचय की पीडीएफ फाइल को डाउनलोड कर लिया है.

जयप्रकाश भारती की भाषा

जयप्रकाश भारती जी की भाषा सरल मधुर एवं मनमोहक है. इन्होंने विज्ञान की जानकारी को सरल एवं मधुर भाषा में आम लोगों तक पहुंचा.

इन्होंने अपनी रचनाओं में खड़ी बोली भाषा के साथ संस्कृत के तद्भव एवं तत्सम शब्दों का चयन करके अपनी रचनाओं को शुद्ध एवं मनमोहन बनाया.

इसके साथ ही जयप्रकाश भारती जी ने अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग कर अपने लोगों तक अपनी बात को पहुंचा इनकी भाषा ऐसी थी कि हर कोई व्यक्ति इनके बातों को समझ पता था.

जयप्रकाश भारती की शैली

जयप्रकाश भारती की सहेली वर्णनात्मक एवं चित्रात्मक शैली थी. इन्होंने अपनी रचनाओं में अलंकारों का प्रयोग कर अपने निबंधों को सड़क बनाते थे.

वैज्ञानिक विषयों को भारती जी ने हिंदी साहित्य में प्रस्तुत किया तथा उसको सरल रोचक एवं चित्रात्मक बनाया. इनकी भाषा शैली भावात्मक चित्रात्मक के साथ-साथ विवेचनात्मक भी थी.

अनंत आकाश किस विधा की रचना है

अनंत आकाश उपन्यास विधा की रचना है. जयप्रकाश भारती जी द्वारा रचित अनंत आकाश उनकी रचनाओं में से एक मानी जाती है.

जयप्रकाश भारती की रचना अनंत आकाश: अथाह था सागर एक उपन्यास है. भारती जी ने अपनी इस उपन्यास में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आकाश का जिक्र किया है. भारती जी की अधिकांश रचना विज्ञान को समर्पित है और उनमें से एक रचना अनंत आकाश भी है.

जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय का विडियो लेक्चर

FAQs: जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय से सम्बन्धित

प्रिय छात्रों चलिए अब हम लोग जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय से संबंधित कुछ प्रश्नों का उत्तर जान लेते हैं. आप लोगों के द्वारा जयप्रकाश भारती की जीवनी से संबंधित कुछ ऐसे प्रश्न है जो अक्सर आप लोगों द्वारा पूछे जाते हैं.

यदि आपके मन में भी कोई भारती जी के जीवन से संबंधित प्रश्न है तो आप नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर पढ़ सकते हैं.

इसके अतिरिक्त यदि और भी कोई प्रश्न है तो आप नीचे हमें कमेंट करके बता सकते हैं मैं उसका उत्तर देने का पूरा कोशिश करूंगा.

प्रश्न: जयप्रकाश भारती कौन थे?

उत्तर: जयप्रकाश भारती एक प्रमुख हिंदी साहित्यकार, पत्रकार, और समाज सेवक थे, जिनका जन्म 1936 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था.

प्रश्न: जयप्रकाश भारती का महत्व क्या था?

उत्तर: जयप्रकाश भारती जी ने अपने लेखन के माध्यम से हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने नैतिक, सामाजिक, और वैज्ञानिक विषयों पर अपने लेखन के माध्यम से समाज को जागरूक किया और हिंदी भाषा को सशक्त किये.

प्रश्न: जयप्रकाश भारती जी के महत्वपूर्ण रचनाएं कौन-कौन सी थीं?

उत्तर: जयप्रकाश भारती जी की महत्वपूर्ण रचनाओं में ‘हिमालय की पुकार’, ‘अनंत आकाश: अथाह था सागर’, ‘विज्ञान की विभूतियां’, ‘देश हमारा देश’, ‘चलो चांद पर चले’ आदि शामिल हैं. उनके लेखन का मुख्य धारा विज्ञान, ज्ञान, और सामाजिक मुद्दों पर था

प्रश्न: जयप्रकाश भारती जी का अन्य नाम क्या था?

उत्तर: जयप्रकाश भारती जी का अन्य नाम ‘जयप्रकाश’ था. इन्होंने समाज के प्रति आने को सेवाएं की है इसलिए इनका एक उपनाम लोकनायक भी है.

प्रश्न: जयप्रकाश भारती जी के माता-पिता का क्या नाम था?

उत्तर: जयप्रकाश भारती जी के माता का नाम फुल रानी देवी और पिताजी का नाम रघुनाथ सहाय जी था जो कि इन्हें जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किये.

प्रश्न: जयप्रकाश भारती जी की जन्म एवं मृत्यु कब हुई थी?

उत्तर: जयप्रकाश भारती जी का जन्म 2 जनवरी 1936 ईस्वी में हुई एवं मृत्यु 5 फरवरी 2005 ईस्वी में उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में हुई थी. इनका जन्म स्थान एवं मृत्यु स्थान एक ही राज्य में हुआ था.

निष्कर्ष

प्रिया विद्यार्थी हो मुझे उम्मीद है कि आप लोग आज के इस आर्टिकल में Jai Prakash Bharti Ka Jeevan Parichay के बारे में काफी विस्तार से जान गए होंगे. अब आप लोग अपने बोर्ड के एग्जाम में इनके पूरे जीवनी को लिखकर आ सकते हैं.

जयप्रकाश भारती जी का साहित्य के क्षेत्र में अनेक योगदान रहा है तथा इन्होंने एक सफल पत्रकार के रूप में भी कार्य किया है. जयप्रकाश जी साहित्य के क्षेत्र में जाने-माने लेखक एवं पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं.

प्रिय छात्रों आप लोग अपने सभी मित्रों के पास भी जयप्रकाश भारती जी का जीवन परिचय को शेयर करके उन्हें भी इनके बारे में जानने का अवसर प्रदान करें.

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प्रिय स्टूडेंट्स, मेरा नाम आशीर्वाद चौरसिया है और मैंने हिन्दी विषय से स्नातक भी किया है। आपको इस ब्लॉग पर हिन्दी से जुड़े सभी तरह के जानकारिय मिलेगी। इसके अतिरिक्त आपको सभी क्लासेज की नोट्स एवं विडियो लेक्चर हमारे NCERT eNotes YouTube चैनल पर मिल जाएगी।

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